भारत के लिए धोखेबाज साबित हो रहा है श्रीलंका, बैठा चीन की गोद में

International News
International News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:25 AM
bookmark
International News : भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका धोखेबाज साबित हो रहा है। कर्ज के बोझ के नीचे दबे हुए श्रीलंका को भारत ने खूब मदद की। फिर भी श्रीलंका चीन की गोद में बैठने की लगातार गलती कर रहा है। भारत बड़ी गंभीरता से श्रीलंका की धोखेबाजी को देख रहा है तथा श्रीलंका की धोखा देने वाली फितरत को समझ भी रहा है। देखना यह है कि सभी देशों को धोखा देने वाली चीन की चाल को श्रीलंका कब समझ पाएगा?

क्या है पूरा मामला

श्रीलंका ने भारत को कैसे और क्यों धोखा दिया है इसको एक मीडिया रिपोर्ट के जरिए समझना जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने बुधवार को घोषणा की है, कि चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग (Li Qiang) से मुलाकात और आपसी बैठक के बाद उन्होंने कोलंबो में एयरपोर्ट और हंबनटोटा बंदरगाह (Hambantota port) के विकास के लिए सहमति जताई है। यही श्रीलंका इससे पहले इस प्रकार की सहमति भारत को दे चुका है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री का ये वादा भारत के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि हंबटोटा में रणनीतिक गहरे समंदर में बंदरगाह बनाने का मतलब है, कि चीन को हिंद महासागर में एक और अड्डा मिलना, जो जाहिर तौर पर भारत के लिए अच्छी बात नहीं है। श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गनवार्डन ने चीनी प्रधानमंत्री Li Qiang के साथ बैठक के बाद कहा है, कि चीन, श्रीलंका का का सबसे बड़ा द्विपक्षीय ऋणदाता है, जो श्रीलंका के बाहरी ऋण के पुनर्गठन में "सहायता" करेगा, जो 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर के IMF बेलआउट पैजेक दो जारी रखने के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है। लिहाजा, सवाल उठ रहे हैं, कि क्या चीन ने श्रीलंका को ऋण पुनर्गठन में "सहायता" के लिए प्रेशर बनाकर एयरपोर्ट और बंदरगाह के लिए सौदा हासिल करने की कोशिश की है। International News ऋण पुनर्गठन पर बीजिंग की स्थिति फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन श्रीलंकाई अधिकारियों ने कहा है, कि चीन अपने ऋणों में कटौती करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन ऋण चुकाने के समय को बढ़ा सकता है और ब्याज दरों को एडजस्ट कर सकता है। आपको बता दें, कि साल 2022 में श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो गया था, जिसके बाद उसने अपने 46 अरब डॉलर के ऋण को चुकाने से असमर्थता जताते हुए खुद को डिफॉल्ट घोषित कर दिया था। जिसके बाद श्रीलंका में हिंसक प्रदर्शन हुए थे, और तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को देश छोड़कर भागना पड़ा था। माना जा रहा है, कि श्रीलंका के डिफॉल्ट होने के पीछे की वजह चीनी ऋण जाल ही है। लेकिन, अब प्रधानमंत्री गनवार्डन के कार्यालय ने कहा है, कि चीन के प्रधान मंत्री ली कियांग ने वादा किया है, कि चीन "श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन प्रक्रिया में लगातार सहायता करेगा और श्रीलंका को अपनी अर्थव्यवस्था विकसित करने में मदद करेगा।" ज्यादा जानकारी दिए बगैर श्रीलंका के प्रधानमंत्री गनवार्डेन ने कहा, कि बीजिंग ने कोलंबो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और हंबनटोटा बंदरगाह को "विकसित करने के लिए सहायता" की पेशकश की है। श्रीलंका के संप्रभु ऋण डिफ़ॉल्ट के बाद से, कोलंबो हवाई अड्डे का जापानी-कर्ज फिलहाल रुका हुआ है।

भारत की चिंता बढ़ाई

बता दें कि श्रीलंका ने हंबनटोटा के दक्षिणी बंदरगाह को 2017 में एक चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी को 1.12 अरब डॉलर में 99 साल के लीज पर सौंप दिया था, जिससे भारत में सुरक्षा चिंताएं पैदा हो गईं। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों चिंतित हैं, कि द्वीप के दक्षिणी तट पर हंबनटोटा में चीनी पैर जमाने से हिंद महासागर में चीन की नौसैनिक बढ़त काफी बढ़ सकती है। हालांकि, श्रीलंका ने जोर देकर कहा है, कि उसके बंदरगाहों का उपयोग किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा, लेकिन नई दिल्ली ने हंबनटोटा में चीनी जासूसी जहाजों को बुलाने पर गहरी आपत्ति जताई है। सबसे हैरानी की बात ये है, कि श्रीलंका उस वक्त भी भारत के खिलाफ काम कर रहा है, जब आर्थिक संकट के समय जब चीन ने श्रीलंका का साथ छोड़ दिया था, तब भारत ने 4 अरब डॉलर की मदद अपने पड़ोसी देश को दी थी। श्रीलंका धोखेबाज के साथ-साथ एहसान फरामोश भी साबित हो रहा है। International News

बड़ी खबर : वर्ष-2025 में देखने को मिलेगा तैरता हुआ शहर, दुनिया का पहला तैरता शहर

देश-विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

बड़ी खबर : वर्ष-2025 में देखने को मिलेगा तैरता हुआ शहर, दुनिया का पहला तैरता शहर

Untitled design 2024 04 04T153956.939
World's First Floating City
locationभारत
userचेतना मंच
calendar04 Apr 2024 09:14 PM
bookmark
World's First Floating City : यदि आप सुने कि कहीं तैरता हुआ शहर भी हो सकता है। इस बात पर आप जल्दी यकीन नहीं करेंगे। आपको यकीन जरूर करना पड़ेगा और आप जल्दी ही दुनिया का पहला तैरता शहर देख सकेंगे। तैरता हुआ शहर देखने के लिए अधिक समय नहीं लगेगा। वर्ष-2025 में यानि ठीक अगले साल आप तैरता हुआ शहर देख सकते हैं। तैरता हुआ शहर देखने से पहले आप यहां जान लीजिए कि कहां बनेगा तैरता हुआ शहर? कैसा होगा यह तैरता हुआ शहर?

दक्षिण कोरिया में बसने वाला है तैरता शहर

आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया के बुसान नगर के तट पर दुनिया का पहला तैरता हुआ शहर 2025 तक स्थापित होने की संभावना है। इस शहर को जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र जलस्तर में होने वाली वृद्धि तथा बाढ़, सुनामी और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को महफूज रखने के लिए बसाया जा रहा है। साढ़े 15 एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहे इस बाढ़-रोधी शहर में 12 हजार लोग रह सकते हैं। यह आत्मनिर्भर शहर होगा, जो अपनी जरूरत की ऊर्जा, पानी और भोजन का उत्पादन स्वयं करेगा। इस शहर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बसाने के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। बुसान में प्रस्तावित तैरता हुआ शहर समुद्री जल स्तर में वृद्धि से खतरे में पड़े तटीय शहरों के लिए समाधान प्रस्तुत करता है। यह व्यक्ति, प्रकृति और प्रौद्योगिकी के बीच सह-अस्तित्व की भावना विकसित करने पर जोर देता है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित इस परियोजना में सात मानव निर्मित द्वीप शामिल होंगे, जो सभी समुद्री जल के स्तर के साथ ऊपर उठ जाएंगे, जिससे शहर को बाढ़ के खतरे से बचाया जा सकेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में समुद्री जल स्तर में वृद्धि देखने को मिली है, जिसकी वजह से कई शहर डूबने के कगार पर हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की 'वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि और इसके प्रभाव' नामक रिपोर्ट के मुताबिक, 1901 *और 2018 के बीच वैश्विक औसत समुद्र स्तर में 0.20 मीटर की वृद्धि हुई, वहीं 2006 और 2018 के बीच प्रतिवर्ष 3.7 मिलीमीटर की वृद्धि हुई। रिपोर्ट बताती है कि भारत, चीन, बांग्लादेश और नीदरलैंड समुद्री जलस्तर में वृद्धि के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देश हैं। कई बड़े शहरों, जैसे शंघाई, ढाका, बैंकाक, जकार्ता, मुंबई, लंदन, कोपेनहेगन और न्यूयॉर्क पर जलप्लावन का खतरा मंडरा रहा है। यूएन-हैबिटेट के अनुसार, दुनिया भर में 90 प्रतिशत मेगासिटी समुद्र के बढ़ते जलस्तर के प्रति संवेदनशील हैं। भारत की तटीय सीमा 7516.6 किलोमीटर लंबी है, जो नौ तटीय राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित है। भारत उन देशों में से है, जो वैश्विक समुद्र स्तर में वृद्धि के विनाशकारी प्रभावों का सामना कर सकता हैं। इससे तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों और बुनियादी संरचनाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। समुद्री जल स्तर में वृद्धि रोकने के लिए ग्लोबल वार्मिंग में योगदान देने वाले कारकों पर रोक जरूरी है। कार्बन उत्सर्जन की कटौती के बगैर यह लक्ष्य पाना मुमकिन भी नहीं होगा। World's First Floating City

ये है दुनिया का पहला जल-विहीन शहर, नहाने पर लगी रोक

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

7.2 तीव्रता के भूकंप से दहला ताइवान, जापान के दो द्वीपों में आई सुनामी

Earthquake In Taiwan
Earthquake In Taiwan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Apr 2024 04:23 PM
bookmark
Earthquake In Taiwan : बुधवार की सुबह ताइवान की राजधानी ताइपे के लोगों को जोरदार भूकंप के झटके ने दहला कर रख दिया। बताया जा रहा है ताइवान में आए इस भूकंप की तीव्रता 7.2 थी। इस भूकंप के आने से ताइवान की राजधानी में भारी तबाही देखने को मिल रही है। जिसके चलते ताइवान की राजधानी ताइपे में बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई है। इसके साथ ही पूरे ताइवान में ट्रेन सेवाओं को भी सस्पेंड कर दिया गया है। ताइवान में आए इस जबरदस्त झटके का असर जापान को भी झेलना पड़ा है, जिसके चलते वहां के दो द्वीपों में सुनामी आ गई। बताया जा रहा है कि ताइवान में आए इस भूकंप से अब तक चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इन आंकड़ों के आगे भी बढ़ने की उम्मीद लगाई जा रही है।

कई तस्वीरें और वीडियो आया सामने

ताइवाम में आए इस भूकंप की कई सारी तस्वीरें और वीडियो भी सामने आ रहे हैं। जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कि कैसे भूकंप के आने से इमारतें ढह गई है। किसी ताश के पत्तों की तरह ताइवान में घर और इमाते ढेर हो गई। इस जोरदार भूकंप से पूरा ताइवान दहल चुका है। जानकारी के अनुसार कई लोगों के अभी भी इमारतों में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। भूकंप के चलते ताइवान के कई शहरों में बिजली सप्लाई को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही ताइवान, जापान और फिलीपींस को सुनामी के लिए अलर्ट भी जारी कर दिया हया है। [video width="268" height="416" mp4="https://chetnamanch.com/wp-content/uploads/2024/04/03.04.2024_10.26.49_REC.mp4"][/video]

कामकाज को बंद करने का दिया विकल्प

इस भीषण भूकंप के चलते पूरे ताइवान में सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में क्लासिस और काम को बंद करने का विकल्प दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस भूकंप ने कई ऐतिहासिक धरोहरों को काफी हद तक नुकसान पहुंचाया है। जानकारी के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले बने एक स्कूल को ताइवान में आए भूकंप से काफी नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही जापान की सबसे बड़ी एयरलाइंस जापान एयरलाइंस ने ओकिनावा और कागोशिमा क्षेत्रों से सभी उड़ान सेवाओं को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं सुनामी संभावित इलाकों की ओर जाने वाली उड़ान सेवाओं को डाइवर्ट कर दिया गया है। ओकिनावा के नाहा एयरपोर्ट के प्रवक्ता ने बताया कि सभी फ्लाइट्स को डाइवर्ट को किया गया है।

ये है दुनिया का पहला जल-विहीन शहर, नहाने पर लगी रोक

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें