इस दिन शादी करने वाले जीवनभर रहते हैं दुखी, जानिए क्या है वजह

Shadi 1
Marriage
locationभारत
userचेतना मंच
calendar22 Nov 2021 08:16 AM
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शादी (marriage) करने के लिए शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं। शुभ मुहूर्त में शादी (marriage) करने के लिए कई बार लड़‍के-लड़कियां (boys and girls) लंबा इंतजार भी करते हैं। हिंदू धर्म-ज्‍योतिष में कुछ दिन शादी-विवाह (marriage) के लिए इतने शुभ माने गए हैं कि उनमें बिना मुहूर्त के भी शादियां की जाती हैं, जैसे-अक्षय तृतीया और तुलसी विवाह का दिन। वहीं धर्म-पुराणों में एक दिन को इतना अशुभ माना गया है कि उस दिन सारी ग्रह-स्थितियां ठीक रहें तब भी शादी नहीं करनी चाहिए। जानिए इसके पीछे क्या है खास वजह।

मार्गशीर्ष महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी कहा जाता है। इस दिन शादी करना बहुत अशुभ माना गया है। दरअसल, विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस वर्ष 8 दिसंबर 2021 को विवाह पंचमी है। इसी दिन माता सीता का स्‍वयंवर हुआ था और राम ने धनुष तोड़कर राजा जनक की शर्त पूरी की थी। चूंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन बहुत दुखी रहा था इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह नहीं किए जाते हैं।

श्रीराम के साथ विवाह के बाद माता सीता 14 साल तक उनके साथ वनवास में रहीं। इसके बाद जब वनवास पूरा हुआ तो अग्नि परीक्षा देने के बाद भी श्रीराम ने गर्भवती सीता का परित्‍याग कर दिया और उन्‍होंने एक आश्रम में अपने 2 पुत्रों लव और कुश को जन्‍म दिया था। उनके ऐसे ही दुखद जीवन के कारण लोग अपनी बेटियां विवाह पंचमी के दिन नहीं ब्‍याहते हैं कि कहीं सीता की तरह ही उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन भी दुखद न रहे।

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इस दिन शादी करने वाले जीवनभर रहते हैं दुखी, जानिए क्या है वजह

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शादी (marriage) करने के लिए शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं। शुभ मुहूर्त में शादी (marriage) करने के लिए कई बार लड़‍के-लड़कियां (boys and girls) लंबा इंतजार भी करते हैं। हिंदू धर्म-ज्‍योतिष में कुछ दिन शादी-विवाह (marriage) के लिए इतने शुभ माने गए हैं कि उनमें बिना मुहूर्त के भी शादियां की जाती हैं, जैसे-अक्षय तृतीया और तुलसी विवाह का दिन। वहीं धर्म-पुराणों में एक दिन को इतना अशुभ माना गया है कि उस दिन सारी ग्रह-स्थितियां ठीक रहें तब भी शादी नहीं करनी चाहिए। जानिए इसके पीछे क्या है खास वजह।

मार्गशीर्ष महीने के शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी कहा जाता है। इस दिन शादी करना बहुत अशुभ माना गया है। दरअसल, विवाह पंचमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। इस वर्ष 8 दिसंबर 2021 को विवाह पंचमी है। इसी दिन माता सीता का स्‍वयंवर हुआ था और राम ने धनुष तोड़कर राजा जनक की शर्त पूरी की थी। चूंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन बहुत दुखी रहा था इसलिए पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मिथिलांचल और नेपाल में इस दिन विवाह नहीं किए जाते हैं।

श्रीराम के साथ विवाह के बाद माता सीता 14 साल तक उनके साथ वनवास में रहीं। इसके बाद जब वनवास पूरा हुआ तो अग्नि परीक्षा देने के बाद भी श्रीराम ने गर्भवती सीता का परित्‍याग कर दिया और उन्‍होंने एक आश्रम में अपने 2 पुत्रों लव और कुश को जन्‍म दिया था। उनके ऐसे ही दुखद जीवन के कारण लोग अपनी बेटियां विवाह पंचमी के दिन नहीं ब्‍याहते हैं कि कहीं सीता की तरह ही उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन भी दुखद न रहे।

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तुरंत दूर होगा काल सर्प दोष, यदि करेंगे ये पांच अचूक उपाय

Kaal sarp dosha
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 03:49 AM
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ज्योतिषीय पुस्तक लाल किताब (Lal Kitab) के माध्यम से काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) को दूर किया जाता है। लाल किताब के अनुसार राहु और केतु के होने के कारण प्रत्येक खाने में अलग-अलग स्थितियां बनती हैं। लाल किताब में काल सर्प दोष ( Kaal Sarp Dosh) और प्रत्येक कष्ट का उपाय भी अलग-अलग बताया गया है। इन दोष का कुल मिलाकर 12 उपाय लाल किताब में बताया गया है। उन 12 उपायों में से 5 उपाय बहुत ही साधारण उपाय हैं। कालसर्प दोष के कारण और उनके प्रभाव बुरे कर्म करने की वजह से जब हमारा भाग्य खराब हो जाता है, तो काल सर्प दोष का योग बनता है। काल सर्प दोष का सबसे बड़ा कारण राशि में राहु का नीच होना होता है। घर में बाथरूम या सीढ़ियां जब खराब हो जाती हैं, तो इसका प्रभाव भी हमारे राशि पर पड़ता है और वह काल सर्प दोष बन जाता है। जब घर के मुख्य द्वार दब जाते हैं या खराब हो जाते है, तो यह काल सर्प दोष का योग बनाता है। ससुराल पक्ष से संबंध खराब बनाकर रखना, कटु वचन का इस्तेमाल करना, शराब पीना तथा जैसे खराब कारणों से काल सर्प दोष बनता है। राहु के नीच होने से ही काल सर्प दोष योग बनता है। राहु ग्रह के प्रभाव से काला जादू, तंत्र, टोना आदि करना या रात को सपने ही सपने आना, यह सब काल सर्प दोष योग का कारण ही माना जाता है। राहु के नीच होने से ही काम में अचानक अड़चनें आना, आशंका होते रहना, मन में डर और बेचैनी बने रहना, किसी पर विश्वास ना होना, यह सब कारण काल सर्प दोष होने के कारण होते है। राहु के अशुभ होने की वजह से हम किसी को भी दुश्मन बना लेते हैं। हम बेईमान और धोखेबाज बन जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में अक्सर हममें कुछ ऐसी आदत देखी जाती हैं, पेट के बल सोने की आदत, अपने निर्णय को बार-बार बदलते रहना, पानी, आग और ऊंचाई से बहुत ज्यादा डर लगना। यह सभी काल सर्प दोष के लक्षण होते हैं। काल सर्प दोष से बचने के 5 अचूक उपाय हमेशा खाना किचन में बैठ कर खाएं। घर की दीवार और बाथरूम को हमेशा साफ रखें। धार्मिक स्थान की सीढ़ियों पर 10 दिन तक पोछा लगाएं। काल सर्प योग से बचने के लिए माथे पर चंदन का तिलक लगाएं और घर में ठोस चांदी की हाथी रखें। काल सर्प दोष से बचने के लिए मंगलवार या बृहस्पतिवार का उपाय जरूर करें। हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन करें। यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी