बसंत पंचमी और वेलेंटाइन डे का अनोखा संयोग, प्रेमी जोड़े कर सकते हैं इस दिन शादी

Basant panchami 2024
Basant Panchami 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Feb 2024 09:31 PM
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Basant Panchami 2024 :  फरवरी माह शुरू हो चुका है। इस महीने में अब लव कपल बेसब्री से वेलेंटाइन वीक का इंतजार कर रहे हैं। इस बार वेलेंटाइन डे बेहद ही खास रहने वाला है, ​क्योंकि वेलेंटाइन डे वाले दिन ही बसंत पंचमी का पर्व भी है। 19 साल के बाद बेहद ही खास संयोग बन रहा है। जो लव बर्ड शादी करने का प्लान बना रहे हैं, उन लोगों के लिए भी यह दिन खास है।

Basant Panchami 2024

आपको बता दें कि वर्ष 2024 में बसंत फरवरी का पर्व 14 फरवरी को पड़ रहा है और 14 फरवरी को ही वेलेंटाइन डे भी हैं। इस साल बसंत पंचमी पर पंचमी तिथि, रेवती नक्षत्र के साथ चतुग्रही योग भी बन रहे हैं। बसंत पंचमी पर वेलेंटाइन डे होने से यह दिन खास हो गया है। इस दिन विवाह को लेकर युवा उत्साहित नजर आ रहे है। विवाह आयोजन से जुड़े लोगों की मानें तो बसंत पंचमी पर नोएडा में एक हजार से अधिक शादियां हो रही है। वहीं बसंत पंचमी पर विद्यालयों में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी।

19 साल बाद बसंत पंचमी और वेलेंटाइन डे एक ही दिन

करीब 19 साल बाद इस बार बसंत पंचमी के दिन वेलेंटाइन डे भी एक साथ ही मनाया जाएगा। हालांकि वेलेंटाइन डे पर पाश्चात्य संस्कृति का विकृत रूप देखने को मिल रहा है।

ज्योतिष के अनुसार, बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त में विद्यारंभ, गृह प्रवेश, विवाह और नई वस्तु की खरीदारी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। बसंत पंचमी पर बुध, गुरु, शुक्र व शनि चार ग्रह शनि की राशि मकर में चतुष्ग्रही योग का निर्माण कर रहे हैं। मंगल अपनी राशि में विद्यमान रहकर इस दिन के महात्म्य में वृद्धि करेगा। सबसे खास यह है कि बसंत पंचमी के दिन शिववास का भी योग है, जो इस दिन को और खास बनाता है। विद्यार्थियों को माता सरस्वती के साथ ही भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलेगा।

सरस्वती पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

प्रातः काल 6:59 से 8:27 तक कुंभ लग्न (स्थिर लग्न) उसके पश्चात 9:53 बजे से 11:27 बजे तक मेष लग्न (शुभ लग्न)। ये दोनों लग्न सरस्वती पूजन के लिए बहुत ही शुभ है। दिन में 12:00 बजे से 1:30 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस समय को त्यागना चाहिए। चर व स्थिर लग्न में पूजा अपने साधक को पूर्ण लाभ देती है।

इस वर्ष बसंत पंचमी पर वैवाहिक मुहूर्त

बसंत पंचमी पर्व, मुहूर्त अनबूझ होता है इसमें बिना किसी विद्वान की सलाह लिए भी विवाह कर सकते हैं। यह उत्सव माघ शुक्ल पंचमी से आरंभ होकर होलिका दहन तक चलता है। कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन जैसा मौसम होता है वैसा पूरे होली तक ऐसा ही मौसम रहता है। इस दिन से गांव गांव में बालक और युवा होलिका की स्थापना करके रोजाना उस पर लकड़ी उपले आदि की व्यवस्था करते रहते हैं और होलिका दहन के समय तक यह क्रम चलता रहता है।

जानें षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान क्यों है इतना खास ? 

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बसंत पंचमी और वेलेंटाइन डे का अनोखा संयोग, प्रेमी जोड़े कर सकते हैं इस दिन शादी

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Basant Panchami 2024 :  फरवरी माह शुरू हो चुका है। इस महीने में अब लव कपल बेसब्री से वेलेंटाइन वीक का इंतजार कर रहे हैं। इस बार वेलेंटाइन डे बेहद ही खास रहने वाला है, ​क्योंकि वेलेंटाइन डे वाले दिन ही बसंत पंचमी का पर्व भी है। 19 साल के बाद बेहद ही खास संयोग बन रहा है। जो लव बर्ड शादी करने का प्लान बना रहे हैं, उन लोगों के लिए भी यह दिन खास है।

Basant Panchami 2024

आपको बता दें कि वर्ष 2024 में बसंत फरवरी का पर्व 14 फरवरी को पड़ रहा है और 14 फरवरी को ही वेलेंटाइन डे भी हैं। इस साल बसंत पंचमी पर पंचमी तिथि, रेवती नक्षत्र के साथ चतुग्रही योग भी बन रहे हैं। बसंत पंचमी पर वेलेंटाइन डे होने से यह दिन खास हो गया है। इस दिन विवाह को लेकर युवा उत्साहित नजर आ रहे है। विवाह आयोजन से जुड़े लोगों की मानें तो बसंत पंचमी पर नोएडा में एक हजार से अधिक शादियां हो रही है। वहीं बसंत पंचमी पर विद्यालयों में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी।

19 साल बाद बसंत पंचमी और वेलेंटाइन डे एक ही दिन

करीब 19 साल बाद इस बार बसंत पंचमी के दिन वेलेंटाइन डे भी एक साथ ही मनाया जाएगा। हालांकि वेलेंटाइन डे पर पाश्चात्य संस्कृति का विकृत रूप देखने को मिल रहा है।

ज्योतिष के अनुसार, बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त में विद्यारंभ, गृह प्रवेश, विवाह और नई वस्तु की खरीदारी के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। बसंत पंचमी पर बुध, गुरु, शुक्र व शनि चार ग्रह शनि की राशि मकर में चतुष्ग्रही योग का निर्माण कर रहे हैं। मंगल अपनी राशि में विद्यमान रहकर इस दिन के महात्म्य में वृद्धि करेगा। सबसे खास यह है कि बसंत पंचमी के दिन शिववास का भी योग है, जो इस दिन को और खास बनाता है। विद्यार्थियों को माता सरस्वती के साथ ही भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिलेगा।

सरस्वती पूजन के लिए शुभ मुहूर्त

प्रातः काल 6:59 से 8:27 तक कुंभ लग्न (स्थिर लग्न) उसके पश्चात 9:53 बजे से 11:27 बजे तक मेष लग्न (शुभ लग्न)। ये दोनों लग्न सरस्वती पूजन के लिए बहुत ही शुभ है। दिन में 12:00 बजे से 1:30 बजे तक राहुकाल रहेगा। इस समय को त्यागना चाहिए। चर व स्थिर लग्न में पूजा अपने साधक को पूर्ण लाभ देती है।

इस वर्ष बसंत पंचमी पर वैवाहिक मुहूर्त

बसंत पंचमी पर्व, मुहूर्त अनबूझ होता है इसमें बिना किसी विद्वान की सलाह लिए भी विवाह कर सकते हैं। यह उत्सव माघ शुक्ल पंचमी से आरंभ होकर होलिका दहन तक चलता है। कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन जैसा मौसम होता है वैसा पूरे होली तक ऐसा ही मौसम रहता है। इस दिन से गांव गांव में बालक और युवा होलिका की स्थापना करके रोजाना उस पर लकड़ी उपले आदि की व्यवस्था करते रहते हैं और होलिका दहन के समय तक यह क्रम चलता रहता है।

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मौनी अमावस्या कब हैं 9 या 10 फरवरी को,जाने शुभ मुहूर्त,सही तिथी और सर्वार्थ सिद्धि योग

मौनी अमावस्या कब हैं 9 या 10 फरवरी को,जाने शुभ मुहूर्त ,सही तिथी और सर्वार्थ सिद्धि योग के बारे मे

MAUNII
Mauni Amavasya 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 03:33 AM
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Mauni Amavasya 2024 : माघ का महीना 26 जनवरी से शुरु हो गया है । हिंदू पंचांग के अनुसार मौनी अमावस्या माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथी को होती हैं । मौनी अमावस्या के दिन स्नान दान का अपना महत्व हैं । इस दिन किये गयें श्राद्ध,पिंड दान, और तर्पण से, नाराज पितृ देव भी प्रसन्न होते हैं । और कुंडली के पितृ दोष दूर होते हैं ।

मौनी अमावस्या पर विशेष कार्य:

हमारे सनातन धर्म में हर माह पड़ने वाली अमावस्या का अलग महत्व होता हैं । माघ माह में पड़ने वाली मौनी अमावस्या का पितृ दोष निवारण के लियें विशेष महत्व है । इसे माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या दोनो ही कहा जाता है ।साधक लोग इस दिन मौन रह कर ईश्वर से प्रार्थना करते हैं । इस दिन गंगा मे स्नान करने का विशेष महत्व हैं । लोग इस दिन गंगा मे आस्था की डुबकी लगाकर सच्चे मन से ईश्वर से प्रार्थना करते और दान देते हैं । मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त मे गंगा मे स्नान करने से साधक को आरोग्य के साथ लंबी आयु की भी प्राप्ति होती हैं । यदि गंगा मे स्नान करना संभव ना हो तो आप घर पर ही नहाने के पानी मे गंगा जल मिला कर स्नान कर सकतें हैं और पुण्य फल की प्राप्ति कर सकतें हैं ।

इस दिन किये गये श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व हैं:

इस दिन श्राद्ध कर्म भी किये जातें हैं । इस दिन पितरों के निमित तर्पण और दान करने से भी साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं । इस इस दिन तर्पण, पिंडदान, दान, श्राद्ध आदि करना भी अच्छा होता है। ऐसा करने से नाराज पितर खुश होते हैं, जिससे पितृ दोष दूर हो सकता है।

क्यों मनाते हैं मौनी अमवस्या:

माना जाता है कि इस दिन चंद्र देव के दर्शन नही होते हैं । ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता हैं । इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से और मौन रहने से मन को बल मिलता हैं और मन शांत रहता है । इसलिये मौनी अमावस्या पर शांत या मौन रह कर मन को नियंत्रित करके साधा जाता है ।

कब हैं मौनी अमावस्या:Mauni Amavasya 2024

इस बार मौनी अमावस्या को को लेकर लोगो के बीच संशय बना हुआ है कि किस दिन ये योग बन रहा है। मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है  या 10 फरवरी को है । आइये हम अपके इस संशय को दूर कर देते हैं ।

पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्त और सही तिथी:

माघ माह की अमावस्या तिथि 09 फरवरी सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर हो रही है। वहीं, इसका समापन 10 फरवरी प्रातः 04 बजकर 28 मिनट पह होगा। ऐसे में मौनी अमावस्या 09 फरवरी, शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी इस बार मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग 07:05 सुबह के से रात 11:29 पीएम तक है। इस योग में आपके किए गए कार्य सफल सिद्ध होंगे। स्नान दान का समय सुबह 08:02 से लेकर सुबह 11:15 मिनट तक है । पिंड दान और श्राद्ध कर्म के लियें सुबह 11:00 बजे से लेकर दोपहर के 03: 21 बजे तक उत्तम समय हैं ।

क्या होता है कल्पवास ? संगम की रेती पर कड़कड़ाती ठंड में कड़े नियमों का करना पड़ता है पालन