Jharkhand News : ग्रामीणों के विरोध के बाद सरकारी स्कूल से हटायी गई मलाला की तस्वीर

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Malala's photo removed from government school after villagers protest
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:50 AM
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रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ जिले में मांडू के एक सरकारी विद्यालय ने स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के चलते पाकिस्तान की समाजसेवी मलाला यूसुफजई की तस्वीर हटा दी। पुलिस ने बताया कि झारखंड के एक सरकारी विद्यालय में पाकिस्तान की समाजसेवी मलाला यूसुफजई की तस्वीर लगाई गई थी, लेकिन उसे स्थानीय लोगों के विरोध के बाद हटा दिया गया है।

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बच्चों को प्रेरित करने के लिए लगायी गई थी मलाला की तस्वीर विद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्राओं को प्रेरित करने के लिए पाकिस्तानी नोबेल पुरस्कार विजेता की तस्वीर लगाई गयी थी। पुलिस के अनुसार जिले के मांडू ब्लॉक के कोल बेल्ट कुजू स्थित सरकारी विद्यालय में मलाला की तस्वीर लगाई गई थी। इसके बाद गांव के मुखिया जय कुमार ओझा ने पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों के साथ इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रधानाचार्य रवींद्र प्रसाद ने बताया कि विद्यालय की एक शिक्षिका ने छात्राओं को प्रेरित करने के लिए उनसे मलाला की तस्वीर लगाने की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने यह तस्वीर लगाने के लिए अनुमति दी थी। उन्होंने कहा कि लेकिन जब पंचायत और स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो मलाला की तस्वीर हटा दी गयी।

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भारत में आतंक फैलाने का काम करता है पाकिस्तान ओझा ने बताया कि पूरा विश्व जानता है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंक फैलाने का काम करता है। भारत ने पाकिस्तान के कारण ही सीमाओं पर भारी कीमत चुकाई है, इसलिए पाकिस्तानियों से शांति सीखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इसलिए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर हमने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Manipur Big News : मणिपुर में 40 से अधिक विद्रोहियों को मार गिराया, एनकाउंटर जारी

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Manipur Big News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 May 2023 02:59 AM
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Manipur Big News: मणिपुर में कूकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा लगातार जारी है। 100 के आसपास लोग इस हिंसा में जान गंवा चुके हैं तो हजारों लोग बेघर हो चुकी हैं। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सेना और कमांडोज को तैनात कर दिया गया है। मणिपुर पुलिस के कमांडोज और विद्रोहियों के बीच रविवार को 8 घंटे से अधिक समय तक गोलीबारी होती रही। कमांडोज ने 40 से अधिक विद्रोहियों को मार गिराया है। एनकाउंटर अभी जारी है।

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सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर का दौरा करने वाले हैं जबकि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय यहीं कैंप किए हुए हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी दो दिनी दौरा कर चुके हैं। उधर, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया कि उनको रिपोर्ट मिली है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में 40 ‘आतंकवादियों’ को मार गिराया गया है। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मारे गए लोग आम नागरिकों के खिलाफ एम-16 और एके-47 असाल्ट राइफल्स व स्नाइपर गन्स का इस्तेमाल कर रहे थे।

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि ‘आतंकवादी’, नागरिकों के खिलाफ एम -16 और एके -47 असॉल्ट राइफलों और स्नाइपर गन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कई गांवों में घरों को जलाने के लिए आए थे। हमने सेना और अन्य सुरक्षा बलों की मदद से उनके खिलाफ बहुत कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। हमें रिपोर्ट मिली है कि करीब 40 आतंकवादी मारे गए हैं। आतंकवादी निहत्थे नागरिकों पर गोलियां चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सशस्त्र आतंकवादियों के बची है जो मणिपुर को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

इंफाल घाटी और आसपास एक साथ किया हमला

सूत्रों के अनुसार, विद्रोहियों ने रविवार तड़के दो बजे इंफाल घाटी और उसके आसपास के पांच इलाकों में एक साथ हमला किया। सेकमाई, सुगनू, कुम्बी, फायेंग और सेरौ क्षेत्र में एक साथ हमला कर भारी तबाही मचाई। कई और इलाकों में गोलीबारी और सड़कों पर लावारिस लाशें पड़े होने की खबरें आ रही हैं। सेकमाई में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों में कई घंटों मुठभेड़ होने की रिपोर्ट है। इस एनकाउंटर में दस के आसपास लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। बिशनपुर के चांदोनपोकपी में गोलियां लगने के बाद 27 वर्षीय किसान खुमानथेम कैनेडी की मौत हो गई। कई अन्य लोगों के हताहत होने की आशंका है। कैनेडी के परिवार में उनकी पत्नी और शिशु पुत्र हैं।

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय कैंप किए

मणिपुर में हिंसा थमने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो दिनों में इंफाल घाटी के बाहरी इलाके में नागरिकों पर हिंसक हमलों में तेजी सुनियोजित लगती है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय यहां शांति मिशन के लिए राज्य में ही कैंप किए हुए हैं। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचने वाले हैं। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय भी दो दिवसीय यात्रा कर स्थितियों का जायजा ले चुके हैं।

दरअसल, इम्फाल घाटी में और उसके आसपास रहने वाले मैतेई लोगों और पहाड़ियों में बसे कुकी जनजाति के बीच हिंसात्मक टकराव जारी है। यह हिंसा मेइती लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा है। इसमें अब तक 70 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस हिंसा के शुरू हुए एक महीना होने जा रहा है। राज्य में इंटरनेट पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। पिछले 25 दिनों से यहां इंटरनेट बंद है।

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पहलवानों की रिहाई तक गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहे राकेश टिकैत अब वापस लौटे

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Rakesh Tikait
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 10:05 PM
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Rakesh Tikait : नोएडा/ दिल्ली। महिला पहलवानों के समर्थन में महापंचायत करने जा रहे राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों द्वारा गाजीपुर बॉर्डर पर दिया गया धरना समाप्त हो गया है। किसान अब यहां से वापस लौटने लगे हैं। दरअसल, आपको बता दें कि आज दोपहर दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए पहलवानों को रिहा कर दिया गया है।

Rakesh Tikait in Ghazipur Border

पहलवानों के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसान अब वापस हो रहे हैं। यहां पर किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में यहां पहलवानों को हिरासत में लिए जाने के विरोध में प्रदर्शन हो रहा था। पहलवान बेटियों की रिहाई के बाद राकेश टिकैत ने धरना प्रदर्शन खत्म करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को छोड़ा गया है। पहलवानों को उनका समर्थन हैं। राकेश टिकैत ने उन लोगों का धन्यवाद दिया, जिन्होंने उन्हें समर्थन किया।

आपको बता दें इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत सैकड़ों किसानों के साथ आज जंतर मंतर पर धरने पर बैठी महिला पहलवानों के समर्थन में महापंचायत आयोजित करने के लिए जा रहे थे, लेकिन उन्हें रविवार की दोपहर ही गाजीपुर बार्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद उन्होंने गाजीपुर बार्डर पर ही धरना शुरू कर दिया था। दिनभर धरना प्रदर्शन चलने के बाद देर शाम किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ घोषणा कर दी थी कि जब तक महिला पहलवानों को बाइज्जत रिहा करके दुबारा धरना स्थल पर नहीं भेजा जाता है, तब तक उनका गाजीपुर बॉडर पर धरना जारी रहेगा।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि उनका पहलवान बेटियों का धरना पूरे देश की आवाज है। देश की आम जनता अपनी पहलवान बेटियों के साथ खड़ी हुई है। इस आवाज में भारतीय किसान यूनियन ने भी अपनी आवाज मिलाई है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक एक एक बेटी को न्याय नहीं मिल जाता है।

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