Bollywood : अभिनेत्री अनुष्का शर्मा ने Sales Tax विभाग को दी चुनौती

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Bollywood News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Jan 2023 09:30 PM
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Bollywood News : मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा (Bollywood actress Anushka Sharma) ने महाराष्ट्र मूल्य वर्धित कर (VAT) अधिनियम के तहत बिक्री कर उपायुक्त द्वारा वित्त वर्ष 2012-13 और 2013-14 के लिए पारित दो आदेशों को बॉम्बे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

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न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को बिक्री कर विभाग को अभिनेत्री की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई छह फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दी। शर्मा ने अदालत से बिक्री कर विभाग द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने का अनुरोध किया है। उन्होंने मूल्यांकन वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के लिए चार याचिकाएं दायर की हैं। दिसंबर 2022 में उच्च न्यायालय द्वारा बिक्री कर विभाग के आदेशों को चुनौती देने वाले शर्मा के कराधान सलाहकार श्रीकांत वेलेकर द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार करने के बाद अभिनेत्री ने पिछले सप्ताह याचिका दायर की। उच्च न्यायालय ने तब कहा था कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि प्रभावित व्यक्ति (अनुष्का) खुद याचिका दायर न कर सके। शर्मा की याचिकाओं के अनुसार, उन्होंने त्रि-पक्षीय समझौते के तहत एक कलाकार के रूप में फिल्मों और पुरस्कार समारोहों में प्रदर्शन किया। यह समझौता उनके एजेंट, यशराज फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्माता/कार्यक्रम आयोजकों के बीच था। याचिका में कहा गया है कि मूल्यांकन अधिकारी ने बिक्री कर फिल्म को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि उत्पाद के विज्ञापन और पुरस्कार समारोह में किए गए प्रदर्शन के आधार पर लगाया है। विभाग ने 2012-13 के लिए 12.3 करोड़ रुपये पर 1.2 करोड़ रुपये ब्याज सहित बिक्री कर, जबकि वर्ष 2013-14 के लिए लगभग 17 करोड़ रुपये पर 1.6 करोड़ रुपये बिक्री कर तय किया है।

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Swami Vivekananda : विवेकानंद के प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बने रहेंगे : शाह

Amit shah
Amit Shah: Amit Shah will address the farmers-labourers meeting in Bihar on Saturday
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Nov 2025 02:41 AM
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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की जयंती पर बृहस्पतिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि उनके प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र बने रहेंगे।

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Joshimath Update : सरकार प्रभावितों को हर संभव मदद देगी : धामी

अमित शाह ने देशवासियों को ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (National Youth Day) की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रनिर्माण के लिए स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों से युवाओं को राष्ट्रवाद, आध्यात्म व कर्तव्यपरायणता के वास्ते प्रेरित किया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि विवेकानंद जी जातिवाद व सामाजिक आडंबरों के प्रखर आलोचक व सामाजिक समरसता के पक्षधर थे। उन्होंने युवाओं में राष्ट्र चेतना जागृत करने के साथ ही आधुनिकता से अध्यात्म को जोड़ने के विचार दिए। उनका असीम ज्ञान और प्रेरक विचार युगों-युगों तक युवाओं के लिए प्रेरणा का एक केंद्र बने रहेंगे।

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Suprime Court news: राम सेतु से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई फरवरी में

अमेरिका (America) के शिकागो में आयोजित धर्मसभा में अपने धाराप्रवाह भाषण से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था। स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना। स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं के बीच। यही कारण है कि उनके जन्मदिन को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है। उन्होंने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में रामकृष्ण मिशन (Ram krishna mission) की स्थापना की। रामकृष्ण परमहंस (Ramakrishna Paramhansa) विवेकानंद के गुरू थे जिनके नाम पर उन्होंने इस मिशन का नाम रखा। News uploaded from Noida
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Political News : राज्यपाल को वापस बुलाने की मांग के बीच तमिलनाडु सरकार ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा

Tr balu
Tamil Nadu government submits memorandum to President amid demand for recall of Governor
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:34 PM
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नई दिल्ली/चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और राज्यपाल आरएन रवि के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन की विषयवस्तु को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।

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द्रमुक संसदीय दल के नेता टीआर बालू ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रेगुपति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा, जिसे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने लिखा है। उन्होंने कई बार इस बात पर जोर दिया कि ज्ञापन में क्या लिखा है, वह केवल मुख्यमंत्री जानते हैं। उन्होंने कहा कि स्टालिन का ज्ञापन सीलबंद लिफाफे में राष्ट्रपति को सौंपा गया है।

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राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से तमिल भाषा में संक्षिप्त बातचीत में बालू ने ज्ञापन के बारे में केवल इतना कहा कि यह राज्य सरकार की ओर से तमिलनाडु के कानून मंत्री ने सौंपा।उन्होंने संकेत दिया कि ज्ञापन में राज्यपाल से जुड़े मुद्दे और उनके ‘परंपराओं से हटकर काम करने’ के बारे में लिखा हो सकता है। रेगुपति और लोकसभा सदस्य ए. राजा की मौजूदगी में बालू ने कहा कि हमें ज्ञापन के निष्कर्ष वाले हिस्से की जानकारी नहीं है, क्योंकि यह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और भारत की राष्ट्रपति के बीच ही है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि ज्ञापन का अध्ययन करने के बाद उन्हें जो उचित लगे कार्रवाई करें।

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रवि ने सोमवार को राज्य विधानसभा में अपने परंपरागत अभिभाषण से हटकर संबोधन दिया था। स्टालिन ने इसके खिलाफ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसके बाद राज्य सरकार और राज भवन के बीच पहले से गतिरोध वाले संबंधों में और तनाव आ गया।

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द्रमुक और उसके सहयोगी दल जहां राज्यपाल रवि को वापस बुलाने की मांग पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी रवि का समर्थन कर रही है। द्रमुक नीत गठबंधन ने गत नवंबर महीने में राष्ट्रपति मुर्मू से रवि को बर्खास्त करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने संविधान के तहत ली गयी शपथ का उल्लंघन किया है। बालू ने आज कहा कि नवंबर 2022 में दिया गया ज्ञापन ‘राजनीतिक’ प्रकृति का था, जबकि आज का ज्ञापन सरकार की ओर से दिया गया है। द्रमुक नेता ने रवि पर तमिलनाडु में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सनातन नीतियों’ को थोपने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पेरियार, अन्ना और कलईंगर की धरती पर ये कोशिश फलीभूत नहीं होंगी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राज्यपाल ने तमिलनाडु की जनता और राष्ट्रगान का अपमान किया है। वह संभवत: सोमवार को सदन से राज्यपाल के वॉकआउट का परोक्ष जिक्र कर रहे थे। राज्यपाल रवि द्वारा राज्य को ‘तमिझगम’ पुकारने की सलाह के अनुसार एक पत्रकार द्वारा इस शब्द का इस्तेमाल किये जाने पर बालू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सही नाम ‘तमिलनाडु’ ही है। उन्होंने कहा कि हम तमिझगम शब्द को स्वीकार नहीं करते, क्योंकि वह (रवि) किसी मंशा के साथ इसका उपयोग कर रहे हैं। अन्ना (द्रमुक संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री) ने राज्य को तमिलनाडु नाम दिया था। News uploaded from Noida