Budget 2023 मध्यम आय वाले करदाताओं को मिल सकती है राहत

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calendar01 Dec 2025 11:07 AM
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Budget 2023: नई दिल्ली। सरकार आगामी आम बजट में करदाताओं से अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए अधिक सुसंगत स्रोत पर कर कटौती (TDS) रूपरेखा बनाने के अलावा मानक कटौती जैसे अतिरिक्त लाभ देने के लिए एक पुनर्गठित नई रियायती कर व्यवस्था ला सकती है। ईवाई ने रविवार को यह जानकारी दी।

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ईवाई की बजट इच्छा सूची के अनुसार, सरकार को व्यक्तिगत आयकर के मामले में 20 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले निम्न और मध्यम आय वाले करदाताओं को कुछ राहत देनी चाहिए।

इसके मुताबिक, एक फरवरी को संसद में पेश होने वाले बजट में ‘हरित’ प्रोत्साहन- मसलन हरित बॉन्ड से ब्याज की कर छूट और पूंजीगत लाभ दरों एवं होल्डिंग अवधि को युक्तिसंगत बनाया जा सकता है।

स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के संबंध में ईवाई ने कहा कि वर्तमान में आयकर अधिनियम के तहत 31 धाराएं निवासियों को किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के भुगतानों को संबंधित हैं, जिनमें विदहोल्डिंग कर की दर 0.1 से 30 प्रतिशत तक होती है।

जानकारी के अनुसार, सरकार करदाताओं के लिए जटिलता और अनुपालन भार को कम करने के लिए अधिक तार्किक टीडीएस संरचना की पेशकश कर सकती है। एनआर (गैर प्रवासी) व्यक्तियों से संबंधित टीडीएस प्रक्रियाओं में सरलीकरण हो सकता है। स्थिरता और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने वाले रणनीतिक क्षेत्रों के लिए निवेश और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पर विचार किया जा सकता है।

Budget 2023 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी नहीं डालेगी सरकार

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Court News : दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा, दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा संबंधी कानून लागू करे

Delhi high court
Delhi High Court: Judge Sharma abstains from hearing on Tanha's petition in the statement leak case
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calendar29 Nov 2025 03:38 PM
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नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को आदेश दिया है कि वह बिना बीमा वाले किसी वाहन से हुई सड़क दुर्घटनाओं और ‘हिट एंड रन’ (टक्कर मारकर वाहन के साथ दुर्घटनास्थल से फरार हो जाना) मामलों के पीड़ितों को मुआवजा देने संबंधी कानूनी प्रावधानों को छह महीने में लागू करे।

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केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि बिना बीमा वाले वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में मुआवजा देने के लिए मोटर वाहन संबंधी कानून में संशोधन किया गया है, लेकिन इसे लेकर अभी तक दिशानिर्देश तैयार नहीं किए गए हैं। दुर्घटना करने वाले वाहन का बीमा नहीं होने की स्थिति में भी सड़क हादसों के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए अब एक योजना है। केंद्र ने अदालत से इस बदलाव को पूरे देश में लागू करने के लिए छह महीने का समय देने का आग्रह किया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने अपने हालिया आदेश में कहा कि दुर्घटना करने वाले वाहन का बीमा नहीं होने और ‘हिट एंड रन’ मामलों में भी सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मुआवजा देने का प्रावधान है। परिणामस्वरूप भारत संघ को कानूनी किताब में दर्ज प्रावधान लागू करने के लिए छह महीने का समय दिया जाता है।

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बिना बीमा वाले एक ट्रैक्टर के कारण अगस्त 2011 में हुए हादसे में जान गंवाने वाले एक व्यक्ति के कानूनी वारिसों ने याचिका दायर कर खुद को और सड़क हादसों के उन अन्य पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने का अनुरोध किया है, जिन्होंने मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के लागू न होने के कारण नुकसान झेला है। इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने उक्त आदेश दिया। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। News uploaded from Noida #ChetnaManch  #चेतनामंच
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Budget 2023 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नई पूंजी नहीं डालेगी सरकार

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calendar30 Nov 2025 07:04 PM
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Budget 2023:  नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वित्तीय स्थिति बेहतर होने से अगले वित्त वर्ष के बजट में सरकार की तरफ से बैंकों में नई पूंजी डालने की घोषणा होने की संभावना कम ही दिख रही है। आधिकारिक सूत्रों ने यह संभावना जताई है।

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सूत्रों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात नियामकीय जरूरत से अधिक हो चुका है और इस समय यह 14 प्रतिशत से लेकर 20 प्रतिशत के बीच है।

ये बैंक अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए बाजार से कोष जुटा रहे हैं। इसके अलावा वे अपनी गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की बिक्री का तरीका भी अपना रहे हैं।

सरकार ने पिछली बार वित्त वर्ष 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी तरफ से पूंजी डाली थी। इसने अनुपूरक मांग अनुदान के जरिये बैंक पुनर्पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये तय किए थे।

पिछले पांच वित्त वर्षों यानी 2016-17 से 2020-21 के दौरान सरकार की तरफ से सार्वजनिक बैंकों में 3,10,997 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा चुकी है। इनमें से 34,997 करोड़ रुपये का इंतजाम बजट आवंटन से किया गया जबकि 2.76 लाख करोड़ रुपये इन बैंकों को बॉन्ड जारी कर जुटाए गए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेंगी। यह नरेंद्र मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा क्योंकि अगले साल आम चुनाव होने वाले हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल 15,306 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। दूसरी तिमाही में यह राशि बढ़कर 25,685 करोड़ रुपये हो गई। अगर एक साल पहले से तुलना करें तो पहली तिमाही में इन बैंकों के लाभ में नौ प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने दूसरी तिमाही में अबतक का सर्वाधिक 13,265 करोड़ रुपये लाभ कमाया है। साल भर पहले की समान तिमाही की तुलना में यह वृद्धि 74 प्रतिशत रही।

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ 32 प्रतिशत बढ़कर 40,991 करोड़ रुपये रहा। इसके पहले वित्त वर्ष 2021-22 में कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद इन बैंकों का कुल लाभ दोगुना से अधिक होकर 66,539 करोड़ रुपये रहा था।

कई सार्वजनिक बैंकों ने पिछले वित्त वर्ष में लाभांश देने की भी घोषणा की थी। कुल नौ सार्वजनिक बैंकों ने शेयरधारकों को 7,867 करोड़ रुपये लाभांश के तौर पर बांटे थे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा था कि फंसे कर्ज की समस्या दूर करने के लिए उठाए गए प्रयासों के नतीजे निकलने लगे हैं और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ बढ़ने लगा है।

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