बड़ी खबर : PM मोदी ने उछाला परमाणु बम का मुद्दा, कह दी बड़ी बात

PM Modi
India News
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calendar30 Nov 2025 01:00 PM
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PM Modi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आक्रामक बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। लोकसभा चुनाव में PM नरेन्द्र मोदी पूरी आक्रामक मुद्रा में नजर आ रहे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु बम का मुददा उछाल दिया है। परमाणु बम का मुद्दा उछालकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत बड़ी बात कही है। आपको बताते हैं कि क्या कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु हथियारों तथा परमाणु बम के मुददे पर ?

PM मोदी ने राजस्थान में उठाया परमाणु बम का मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राजस्थान में थे। राजस्थान के बाडमेर में चुनावी सभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परमाणु बम का मुद्दा उछाल दिया। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार राजस्थान के बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में विभाजन की गुनहगार मुस्लिम लीग की छाप है। अब एक और पार्टी, जो INDIA गठबंधन का हिस्सा है, उसने अपने घोषणापत्र में देश के खिलाफ खतरनाक घोषणा की है कि वे भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट कर देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि 'इंडिया गठबंधन के दल देश से परमाणु हथियार खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि आप किसके इशारे पर काम कर रहे हैं, जो भारत को शक्तिहीन करना चाहता है। आखिर किसके दबाव में आपका गठबंधन हमारी परमाणु ताकत को खत्म करना चाहता है।

भारत को कमजोर करना है मकसद

राजस्थान के बाड़मेर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ''...कांग्रेस के घोषणापत्र में विभाजन की गुनहगार मुस्लिम लीग की छाप है. अब एक और पार्टी, जो INDIA गठबंधन का हिस्सा है, उसने अपने घोषणापत्र में देश के खिलाफ खतरनाक घोषणा कि वे भारत के परमाणु हथियारों को नष्ट कर देंगे. जब हमारे दो पड़ोसी परमाणु हथियारों से लैस हैं, तो क्या हमारे परमाणु हथियारों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए? यह कैसा गठबंधन है जो भारत को शक्तिहीन बनाना चाहता है?” । PM Modi पीएम मोदी ने जनसभा की ओर सवाल उछालते हुए कहा कि, मैं इनसे पूछना चाहता हूं कि आपके ये साथी आखिर किसके इशारे पर काम कर रहे हैं। ये कैसा गठबंधन है। उन्होंने मंच से कहा कि देश में राम मंदिर निर्माण का पुनीत पावन काम होता है, कांग्रेस उसका भी बहिष्कार करती है। कांग्रेस रामनवमी की शोभायात्रा पर राजस्थान में पत्थरबाजी करने वाले दंगाइयों को संरक्षण देती है। देश में घुसपैठिए आते हैं, तो कांग्रेस उनका स्वागत करती है। लेकिन भारत विभाजन का विरोध करने वाले हमारे दलित और सिख भाई-बहनों को नागरिकता देने वाले CAA का ये विरोध करते हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उछाला गया परमाणु बम का मुददा लोकसभा चुनाव में कितना बड़ा मुददा बनेगा?

राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री, मच गया बवाल

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राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री, मच गया बवाल

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Rahul Gandhi Vs. Tipu Sultan
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 11:49 PM
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Rahul Gandhi Vs. Tipu Sultan : कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अब अचानक राहुल गांधी की वायनाड सीट पर टीपू की एंट्री हो गई है। राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री से खूब बवाल मचा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी BJP इस मुद्दे पर कांगेस तथा राहुल गांधी दोनों को ही घेर रही है। हम आपको विस्तार से बता रहे हैं कि क्या है राहुल गांधी की सीट पर टीपू की एंट्री वाला मामला।

टीपू सुल्तान और राहुल गांधी

आपको पता है कि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। ठीक चुनाव के बीच राहुल गांधी की सीट पर टीपू सुल्तान चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल वायनाड से बीजेपी उम्मीदवार के. सुरेंद्रन ने वादा किया है कि अगर वो चुनाव जीत जाते हैं तो सुल्तान बाथरी का नाम बदलकर गणपति वट्टोम कर देंगे। सुल्तान बाथरी पुराने शासक टीपू सुल्तान से जुड़ा हुआ है। सुरेंद्रन केरल बीजेपी के अध्यक्ष भी हैं. वायनाड में उनका मुकाबला कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सीपीएम की एनी राजा से होगा। सुरेंद्रन ने कहा, 'कौन है टीपू सुल्तान? जब वायनाड और उसके लोगों की बात आती है तो उसका महत्व क्या रह जाता है? उस जगह को गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। उसका नाम बदल दिया गया। इसलिए कांग्रेस और एलडीएफ, अभी भी टीपू सुल्तान के साथ हैं. उसने कई मंदिरों पर हमला किया और केरल में, खासकर वायनाड और मालाबार में लाखों हिंदुओं को धर्म परिवर्तन कराया। उन्होंने कहा कि अगर वो वायनाड से जीत जाते हैं, तो उनकी प्राथमिकता सुल्तान बाथरी का नाम बदलकर गणपति वट्टोम करना होगा. सुरेंद्रन के इस बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के महासचिव पीके कुल्हलकुट्टी ने कहा कि केरल में ऐसा कुछ नहीं होगा. वहीं, कांग्रेस विधायक टी. सिद्दीक ने इसे जनता का ध्यान खींचने की कोशिश बताया है। बहरहाल, सुल्तान बाथरी वायनाड की एक नगरपालिका है, जिसका नाम टीपू सुल्तान से जुड़ा हुआ है। टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे हैं। सुल्तान बाथरी का नाम मालाबार (उत्तरी केरल) पर 1789 में उनकी जीत से भी जुड़ा है।

क्या है पुराना इतिहास ?

वायनाड की तीन नगरपालिकाओं में से एक सुल्तान बाथरी भी है. सुल्तान बाथरी सबसे सुंदर और खूबसूरत जगह मानी जाती है। केरल टूरिज्म की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, मैसूर शासन के दौर में सुल्तान बाथरी हथियारों और गोला-बारूद का डंपिंग ग्राउंड हुआ करता था. केरल बीजेपी के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन का दावा है कि यहां जिस जगह पर तोपखाना था, वहां कभी जैन मंदिर हुआ करता था. सुल्तान बाथरी नगरपालिका की वेबसाइट के मुताबिक, इस शहर को मूल रूप से गणपति वट्टोम के नाम से जाना जाता था। इसे इस नाम से इसलिए जाना जाता था, क्योंकि कभी यहां गणपति मंदिर हुआ करता था. 18वीं सदी में जब टीपू सुल्तान ने मालाबार पर हमला किया था, तब ये शहर उस रास्ते पर था, जहां वो एक विद्रोह को दबाने के लिए जा रहे थे।

गणपति वट्टोम क्यों कहा जाता था इसे

9वीं से 12वीं सदी तक केरल के कुछ हिस्सों में कुलशेखर राजवंश का शासन हुआ करता था. कुलशेखर राजवंश ने यहां गणपति का एक मंदिर बनवाया था. माना जाता है कि ये मंदिर 12वीं सदी में बनाया गया था। केरल सरकार के एक दस्तावेज के मुताबिक, टीपू सुल्तान के यहां आने से पहले तक इस जगह को गणपति वट्टोम या गणपति वट्टोम के नाम से ही जाना जाता था। आखिरी बार 1972 में इस मंदिर को रेनोवेट करवाया गया था, जिसके बाद इसका नाम महा गणपति मंदिर रखा गया. हर साल जनवरी में विनायक चतुर्थी के अवसर पर यहां एक बड़ा कार्यक्रम आयोजन किया जाता है।

इस प्रकार पड़ा था नाम

ब्रिटेन के पुराने दस्तावेजों के मुताबिक, टीपू सुल्तान की सेना ने गणपति वट्टोम शहर को अपनी बाथरी (हथियार रखने की जगह) के रूप में इस्तेमाल किया. इसलिए इसे 'सुल्तान की बाथरी' नाम से जाना जाने लगा। टीपू ने इस जगह पर अपनी बाथरी बनाई और आज पूरे शहर को सुल्तान बाथरी नाम से ही जाना जाता है. समय के साथ यही नाम इस्तेमाल किया जाने लगा और धीरे-धीरे ये 'सुल्तान की बाथरी' से 'सुल्तान बाथरी' हो गया। केरल सरकार के दस्तावेज के मुताबिक, कर्नाटक और तमिलनाडु से आए जैनियों ने 13वीं सदी में यहां एक जैन मंदिर बनवाया था. इस मंदिर को विजयनगर राजवंश की स्थापत्य शैली में बनाया गया था। 18वीं सदी में टीपू सुल्तान के आक्रमण में ये मंदिर आंशिक रूप से नष्ट हो गया था। दस्तावेज के मुताबिक, मालाबार में मौजूद टीपू सुल्तान की सेना ने इसी मंदिर को अपने हथियार और गोला-बारूद रखने के लिए इस्तेमाल किया, जिसे बाथरी कहा जाता था. इस कारण जिस शहर को पहले गणपति वट्टोम या गणपति वट्टम कहा जाता था, उसका नाम बाद में सुल्तान बाथरी पड़ गया। अब इस शहर का आधिकारिक नाम सुल्तान बाथरी ही है, जिसे बीजेपी नेता बदलना चाहते हैं। इस शहर में टीपू सुल्तान ने एक किला भी बनाया था, जो अब खंडहर हो चुका है. अब आप समझ ही गए होंगे कि राहुल गांधी की सीट पर टीपू कस एंट्री का क्या मामला है?

क्यों बवाल मचा रहे हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर

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क्यों बवाल मचा रहे हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर

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Husband Of Nirmala Sitharaman
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calendar12 Apr 2024 09:56 PM
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Husband Of Nirmala Sitharaman : सब जानते हैं कि निर्मला सीतारमण Nirmala Sitharaman भारत की वित्त मंत्री हैं। निर्मला सीतारमण लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रही हैं। फिर भी लोकसभा चुनाव में निर्मला सीतारमण की खूब चर्चा हो रही है। दरअसल भारत की वित्त मंत्री तथा भाजपा नेता निर्मला सीतारमण अपने पति के कारण चर्चा में बनी हुई हैं। निर्मला सीतारमण के पति का नाम परकला प्रभाकर है। हाल ही में परकला प्रभाकर ने कुछ ऐसा कर दिया है जिसके कारण परकला प्रभाकर तथा निर्मला सीतारमण घर-घर में चर्चा का विषय बन गई हैं।

निर्मला सीतारमण के पति के वीडियो ने मचाया बवाल

हाल ही में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर का एक वीडियो प्रकाश में आया है। इस वीडियो ने सनसनी फैला रखी है। इस चर्चित वीडियो में परकला प्रभाकर PM मोदी तथा भारतीय जनता पार्टी BJP के खिलाफ बोलते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ है। इस वायरल वीडियो में निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने कहा कि अगर इस बार बीजेपी सत्ता में आई तो संविधान बदल जाएगा। देश का नक्शा बदल जाएगा। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर 2024 में दोबारा यही सरकार बनती है तो उसके बाद फिर कभी चुनाव नहीं होंगे। प्रभाकर के इस बयान के बाद से घमासान मचा है. कांग्रेस इस मौके को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस ने परकाला प्रभाकर का ये वीडियो शेयर किया है। हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं जब उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोला हो. चाहे वो चुनावी बॉन्ड का मुद्दा हो या भी देश की इकोनॉमी का परकला प्रभाकर मोदी सरकार की आलोचन करते रहे हैं। उन्होंने नोटबंदी, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कई बार सरकार को घेरा है। देश की अर्थव्यवस्था, जिसकी बागडोर निर्मला सीतारमण संभालती है वो उसपर भी आलोचना कर चुके हैं। देश की इकोनॉमी की आलोचना करते हुए उन्होंने भाजपा को पीवी नरसिम्हा राव-मनमोहन सिंह की आर्थिक नीति को अपनाने की सलाह दे दी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद से निर्मला सीतारमण के पति को खूब सर्च किया जा रहा है।

निर्मला सीतारमण के पति का परिचय

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पति परकला प्रभाकर जाने-माने अर्थशास्त्री हैं. साल 1959 में आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिला के नरसापुरम में उनका जन्म हुआ। परिवार पहले से ही राजनीति में था। हालांकि इन्होंने पढ़ाई में कभी अपनी फोकस नहीं जाने दिया. शुरुआती पढ़ाई के बाद वो जेएनयू चले गए. उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए और एम.फिल. किया है. इसके बाद साल 1991 में उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस पीएचडी की। अलग-अलग पदों पर काम करने के वाले प्रभाकर ने 2008 में प्रजा राज्यम पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर भी काम किया है। साल 2014 से 2018 तक वो आंध्र प्रदेश सरकार में कैबिनेट रैंक के अफसर रह चुके हैं. परकला प्रभाकर आंध्र प्रदेश सरकार के कम्युनिकेशंस एडवाइजर भी रहे हैं. अपनी किताब 'द क्रुक्ड टिम्बर ऑफ न्यू इंडिया' को लेकर वो खासे चर्चा में रहे हैं। प्रभाकर बड़े-बड़े पदों पर रहे है, लेकिन वो लाइमलाइट से दूर रहते हैं. हालांकि अपने बयानों को लेकर वो चर्चा में आ जाते हैं। Husband Of Nirmala Sitharaman जेएनयू में पढ़ाई के दौरान निर्मला सीतारमण की मुलाकात परकला प्रभाकर से हुई. साल 1986 में दोनों ने परिवार वालों की मर्जी से शादी की. परकला प्रभाकर की मां कांग्रेस पार्टी से विधायक थीं। पिता परकला शेषावतारम भी लंबे समय तक विधायक और मंत्री रहे थे. ससुराल भले ही कांग्रेसी हो, लेकिन उन्होंने कभी भी निर्मला सीतारमण को भाजपा में जाने से न तो रोका और न ही उनकी विचारधारा को बदलने की कोशिश की। साल 2008 में निर्मला सीतारमण ने भाजपा के साथ राजनीति में प्रवेश किया। दो साल के भीतर ही वो भाजपा की प्रवक्ता बन गईं। सुषमा स्वराज के बाद वो भाजपा की दूसरी महिला प्रवक्ता बनी थी. तेजतर्रार सीतारमण ने अपनी अलग पहचान बनाई और देश की रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री की जिम्मेदारी संभाली ।

निर्मला सीतारमण के घर में तो सब ठीक-ठाक है ?

अब सवाल उठता है कि PM मोदी तथा भाजपा को घेरने वाले परकला प्रभाकर तथा उनकी पत्नी निर्मला सीतारमण के घर में तो सब ठीक ठाक है? सवाल यह भी उठा कि क्या यह घर की लड़ाई है जो इस रूप में बाहर आ रही है ? इन दोनों ही सवालों का जवाब हमने तलाश किया है। जवाब यह है कि निर्मला सीतारमण के घर में सब कुछ सामान्य चल रहा है। निर्मला सीतारमण तथा उनके पति परकला प्रभाकर मजे से एक-दूसरे के साथ रह रहे हैं। इतना जरूर है कि परकला प्रभाकर पूरी तरह कांग्रेसी हैं। कांग्रेस के संस्कार निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर को बचपन से ही मिले हैं। उनके माता, पिता दोनों कटटर कांग्रेसी रहे हैं। परकला प्रभाकर के दोस्तों का दावा है कि निर्मला सीतारमण और प्रभाकर ने शुरू से ही तय कर रखा है कि उन दोनों की राजनीति विचारधारा उनके रिश्तों के बीच में नहीं आएगी। निर्मला सीतारमण हों अथवा परकला प्रभाकर वें दोनों अपने घर तथा परिवार में कोई भी राजनीतिक बात करते ही नहीं हैं। Husband Of Nirmala Sitharaman (इस मुददे पर कुछ और तथ्य जल्दी ही आपके सामने रखेंगे।)

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