GHAZIABAD DASNA JAIL SE: अब डासना जेल में कैदी सुनेंगे एफएम रेडियो पर गाने व चुटकुले

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कैदियों के जीवन में कुछ अनोखा करने के लिए ही डासना जेल ने ये प्रयास कर रेडियो स्टेशन बनाया है। यहां कैदियों के मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें जागरूक करने के लिए रेडियो स्टेशन से उनकी पसंद के गाने और भजन उन तक पहुंचाए जा रहे हैं। यह उनके आत्मज्ञान के लिए भी बनाया गया है। जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि जेल में कैदी ज्ञान और मनोरंजन से दूर रहते हैं, इसलिए हम रेडियो स्टेशन के माध्यम से उनका मनोरंजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कोई संदेश देना होता है, किसी मुद्दे या उनके मामलों से संबंधित या किसी प्रकार का आंतरिक संचार ही हो तो, पहले यह समय लेता था। रेडियो के माध्यम से यह एक संदेश प्रसारित करते ही हो जाता है। हालांकि, जेल प्रशासन ने 2019 में भी रेडियो जॉकी की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत जेल परिषद की कुछ बैरक और क्षेत्रों के अंतर्गत रेडिओ स्टेशन स्थापित किया गया था। लेकिन अब तो जेल प्रशासन ने इसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट बना दिया है। यानी के यहां रेडियो जॉकी के लिए स्टूडियो भी तैयार किया गया है कैदी से आरजे बने शंभू सिंह सुबह गुड मॉर्निंग डासना आपका दोस्त आर जे शंभू । उसके बाद अच्छे भजन प्रेरणादायक खबरों के जरिए जेल में सकारात्मकता का माहौल बना रहे हैं। धीरे-धीरे इससे जुड़ने के लिए अन्य कैदी भी इंटरेस्टेड नजर आ रहे हैं। इसलिए उनको भी ट्रेनिंग शुरु की है। उन्हें जोड़ने के लिए कविता कहानी या गाना गाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकी शंभू के रिहा होने पर भी रेडियो स्टेशन चलता रहे। महात्मा गांधी ने कहा था घृणा पाप से करो पापी से नहीं शायद यह एक अच्छी शुरुआत है महात्मा गांधी के कोट को सही सिद्ध करने के लिए । हालांकि, जेल प्रशासन ने 2019 में भी रेडियो जॉकी की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत जेल परिषद की कुछ बैरक और क्षेत्रों के अंतर्गत रेडियो की आवाज आती थी । लेकिन अब तो जेल प्रशासन ने इसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट बना दिया है। कैदी अब बजाये अवसाद में जाने के ज्ञान की ओर अग्रसर हो रहे हैं।KHAS STORY: जब 44 साल बाद मिलीं रामविलास पासवान की दोनों पत्नियां तो यह हुआ
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कैदियों के जीवन में कुछ अनोखा करने के लिए ही डासना जेल ने ये प्रयास कर रेडियो स्टेशन बनाया है। यहां कैदियों के मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें जागरूक करने के लिए रेडियो स्टेशन से उनकी पसंद के गाने और भजन उन तक पहुंचाए जा रहे हैं। यह उनके आत्मज्ञान के लिए भी बनाया गया है। जेल अधीक्षक आलोक सिंह ने बताया कि जेल में कैदी ज्ञान और मनोरंजन से दूर रहते हैं, इसलिए हम रेडियो स्टेशन के माध्यम से उनका मनोरंजन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कभी-कभी कोई संदेश देना होता है, किसी मुद्दे या उनके मामलों से संबंधित या किसी प्रकार का आंतरिक संचार ही हो तो, पहले यह समय लेता था। रेडियो के माध्यम से यह एक संदेश प्रसारित करते ही हो जाता है। हालांकि, जेल प्रशासन ने 2019 में भी रेडियो जॉकी की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत जेल परिषद की कुछ बैरक और क्षेत्रों के अंतर्गत रेडिओ स्टेशन स्थापित किया गया था। लेकिन अब तो जेल प्रशासन ने इसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट बना दिया है। यानी के यहां रेडियो जॉकी के लिए स्टूडियो भी तैयार किया गया है कैदी से आरजे बने शंभू सिंह सुबह गुड मॉर्निंग डासना आपका दोस्त आर जे शंभू । उसके बाद अच्छे भजन प्रेरणादायक खबरों के जरिए जेल में सकारात्मकता का माहौल बना रहे हैं। धीरे-धीरे इससे जुड़ने के लिए अन्य कैदी भी इंटरेस्टेड नजर आ रहे हैं। इसलिए उनको भी ट्रेनिंग शुरु की है। उन्हें जोड़ने के लिए कविता कहानी या गाना गाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ताकी शंभू के रिहा होने पर भी रेडियो स्टेशन चलता रहे। महात्मा गांधी ने कहा था घृणा पाप से करो पापी से नहीं शायद यह एक अच्छी शुरुआत है महात्मा गांधी के कोट को सही सिद्ध करने के लिए । हालांकि, जेल प्रशासन ने 2019 में भी रेडियो जॉकी की शुरुआत की थी जिसके अंतर्गत जेल परिषद की कुछ बैरक और क्षेत्रों के अंतर्गत रेडियो की आवाज आती थी । लेकिन अब तो जेल प्रशासन ने इसे मॉडिफाई करके लेटेस्ट बना दिया है। कैदी अब बजाये अवसाद में जाने के ज्ञान की ओर अग्रसर हो रहे हैं।KHAS STORY: जब 44 साल बाद मिलीं रामविलास पासवान की दोनों पत्नियां तो यह हुआ
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