Dharma & Spiritual: कामना के अनुरूप करें देवताओं की उपासना!
विनय संकोची श्रीमद्भगवद्गीता(Shrimad Bhagwat Geeta ) में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna)स्वयं अपने श्रीमुख से कहते हैं- यो यो यां यां…
विनय संकोची श्रीमद्भगवद्गीता(Shrimad Bhagwat Geeta ) में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna)स्वयं अपने श्रीमुख से कहते हैं- यो यो यां यां…
विनय संकोची परमात्मा की कृपा पाने का सबसे सरल मार्ग है दूसरों को सुख पहुंचाना और उनका हित करना। जिनके…
विनय संकोची प्रारब्ध संस्कृत का शब्द है-जिसका शाब्दिक अर्थ है-भाग्य, अदृष्ट। अदृष्ट का अर्थ है अप्रत्यक्ष, अजाना, अगोचर, अप्रकट, अनदेखा…
विनय संकोची रूप का शाब्दिक अर्थ है – स्वभाव, प्रकृति, सुंदरता, दशा, रूपा, चांदी, अवस्था, वेश, शरीर, देह,…
विनय संकोची ‘पुरुषार्थी’ का शाब्दिक अर्थ है, जीवन का प्रयोजन, जो चार प्रकार का है – यथा धर्म, अर्थ, काम…
विनय संकोची मनुष्य इच्छा का दास है और उसे यह बंधन, यह दासता अति प्रिय है। मनुष्य इच्छा रहित जीवन…
विनय संकोची मनुष्य भगवान को पाना चाहता है लेकिन इससे भी ज्यादा वह भगवान से सब कुछ पाना चाहता है।…
विनय संकोची अधिकांश लोग भगवान से प्रार्थना नहीं करते बल्कि मांग करते हैं। व्यक्ति को प्रार्थनाओं में सामान्य मंगल कामना…
विनय संकोची ‘अंजलि’ हाथों की हथेलियों के सहयोग का अनुपम उदाहरण है। सहयोग यदि हृदय की गहराइयों से हो तो…
विनय संकोची व्यक्ति इच्छाओं का दास है – यह सत्य संदेह से परे है। इच्छाएं व्यक्ति को अपने अनुसार नचाती…