अद्भुत किन्तु सत्य है शिव तथा शक्ति का मिलन, शिव की शक्ति

Final Shiv
Mahashivratri 2024
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 06:36 PM
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Mahashivratri 2024 आज महाशिवरात्रि है ।यह माना जाता है कि सृष्टि का आरंभ इसी दिन हुआ था ।इसके अतिरिक्त इसे शिव पार्वती (Shiv Parvati) के विवाहोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। आज 8 मार्च है और आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) भी है यह एक सुखद संयोग है कि आज 8 मार्च को शिव और शक्ति दोनों का दिन है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवाधिदेव महादेव की पहली पत्नी देवी सती दक्ष प्रजापति की कन्या थी।

दक्ष प्रजापति को ब्रह्मा जी का मानस पुत्र माना जाता है। देवी सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति की इच्छा के विरुद्ध महादेव शिव से विवाह किया क्योंकि कैलाश वासी शिव के दर्शन कर उन्हें शिव से प्रेम हो गया  किंतु सती के पिता महादेव को अपनी पुत्री के लिए उचित वर नहीं मानते थे। इसलिए दोनों के विवाह के उपरांत भी दक्ष प्रजापति के लिए शिव अप्रिय व अनादृतरहे ।एक बार दक्ष प्रजापति ने बहुत बड़े यज्ञ का आयोजन किया किंतु शिव व देवी सती को इस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया गया और यज्ञ में उन्हें उनका भाग भी नहीं दिया गया बल्कि दक्ष प्रजापति ने यज्ञ के अवसर पर शिव के लिए अपमानजनक बातें कहीं। इससे व्यथित होकर देवी सती ने यज्ञ कुंड में ही स्वयं को भस्म कर प्राणांत कर लिया ।

जब महादेव को इस घटना का ज्ञान हुआ तो उन्होंने वीरभद्र को भेजा जिसने दक्ष प्रजापति का वध कर दिया एवं यज्ञ का विध्वंस कर दिया ।महादेव ने सती के मृत शरीर को अपने मस्तक पर धारण किया एवं क्रोधावेश में विकट तांडव नृत्य आरंभ किया जिससे संपूर्ण संसार विकल व्याकुल हो गया ।तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाकर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। देवी सती के शरीर के अंग जिस जिस स्थान पर गिरे वही एक शक्तिपीठ निर्मित हो गया। यद्यपि शक्तिपीठों की कुल संख्या को लेकर मतभेद है किंतु प्रायः यह माना जाता है कि इनकी संख्या 52 है। शिव पुराण का यह आख्यान हमें क्या बताना चाहता है ? इसेमैंने ऐसे समझा है की शक्ति के बिना शिव शक्तिहीन है शक्ति का साथ पाकर ही शिव पूर्ण है, कल्याणकारी है ।

Mahashivratri 2024

इसीलिए शिव की अनेक प्रतिमाएं अर्धनारीश्वर रूप में मिलती है इस प्रकार शिव के बिना शक्ति भी अपनी महत्ता खो देती है ।जब तक शक्ति शिवत्व के भाव से ओत प्रोत न हो वह  विध्वंस कर सकती है। जरुरी यह है कि नारी सशक्तिकरण के साथ नारी के मूलभूत गुण  दया ,क्षमा, करुणा ,प्रेम ,स्नेह त्याग व धैर्य  उपेक्षित न हो बल्कि निरंतर अधिक सशक्त हो।

अन्याय के प्रतिकार के लिए शक्ति का दुर्गा काली चंडी बन जाना स्वाभाविक है उचित है और अभीष्ट भी है ।पर अहम् की तुष्टि के लिए, अहंकार के पोषण के लिए सर्वनाश के मार्ग पर अग्रसर होना ना तो उचित है और ना ही अभीष्ट है। भारतीय समाज में धर्म और नैतिक मूल्यों की जड़ें इतनी गहरी हैं जो हमें यह विश्वास दिलाती हैं की शिव और शक्ति का संयोग बना रहेगा ।सभी को महाशिवरात्रि एवं अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

प्रवीणा अग्रवाल

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महाशिवरात्रि पर इन चार पहर की पूजा से पूरी होगी हर मनोकामना 

Mahashivratri 2024 Char Prahar Puja
Mahashivratri 2024 Char Prahar Puja
locationभारत
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calendar02 Dec 2025 03:15 AM
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Mahashivratri 2024 Char Prahar Puja : शुक्रवार को होगी भगवान शिव के लिए चार प्रहर की पूजा नोट कर लें पूजा का समय ओर साथ ही विधि, शुभ मुहूर्त सभी कुछ एक ही साथ. महा शिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा का वर्णन शिवपुराण में प्राप्त होता है. इस पूजा को करने से भक्तों के समस्त कष्ट पल भर में हो जाते हैं दूर और मिलती है जीवन में हर काम में सफलता.

महाशिवरात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय

08 मार्च 2024 रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय संध्या 06:25 से 09:28 तक रहेगा. महाशिवरात्रि के दिन पहले प्रहर की पूजा के समय स्वच्छ एवं शुद्ध चित्त से पूजा का आरंभ किया जाता है. पहली पूजा का आरंभ संध्या समय प्रदोष काल के समय पर होता है. इस प्रहर की पूजा में स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करने के पश्चात पूजा को आरंभ करते हैं. भगवान शिव की पूजा सामग्री में उन सभी चीजों को रखना जरुरी होता है जो पूजा के लिए अनुवार्य होती हैं. पूजा में. गंगा जल, दूध, घी, कपूर, केसर, तिल, बेल पत्र, बेल का फल, धतुरा या धतुरे के बीज, जनेऊ, चंदन, लौंग, भांग, पंचामृत इत्यादि को पूजा स्थान पर रख देना चाहिए. पूजा में बैठने हेतु साफ आसन का उपयोग करना चाहिए. पूजा करते समय इशान दिशा का चयन उत्तम स्थान होता है. पूजा के दौरान भक्त का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना सबसे उत्तम माना गया है. पूजा स्थान पर पानी से भरा कलश आम्र पत्र इत्यादि अवश्य रखना चाहिए. श्रीफल पान के पत्ते इन सभी को पूजा हेतु उपयोग करना चाहिए. पूजा स्थल पर भगवान शिव की प्रतिमा अथवा शिवलिंग को रखना चाहिए तथा समस्त शिव परिवार को विराजमान करना शुभ होता है. इसके बाद अपनी पूजा आरंभ करनी चाहिए.

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय 09:28 से 12:31

महाशिवरात्रि के दूसरे प्रहर की पूजा का आरंभ उसी पश्चात होता है जब पहले प्रहर की पूजा समाप्त होती है. अब इस समय के दौरान भी पूजा की वह सभी सामग्री उपयोग में लाते हैं जिसे पहली बार उपयोग किया गया था. अब इस समय दूसरा जलाभिषेक होता है. इसी के साथ कलश के द्वारा पंचामृत से शिव अभिषेक किया जाता है. भगवान शिव का जल से अभिषेक करने के साथ साथ पुष्प, भांग, बेल पत्र, धतूरा, अक्षत, चंदन, इत्यादि को पुन: भगवान पर अर्पित करते हुए पूजन किया जाता है. Mahashivratri 2024 Char Prahar Puja

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय 12:31 से 03:34

तीसरे प्रहर की पूजा में भी भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है. माला जाप एवं मंत्र द्वारा पूजन किया जाता है. इसके साथ ही पूजन सामग्री चढ़ाते चले जाते हैं जैसे पहली दो पूजा की होती हैं वैसे ही आगे की पूजा भी होती है. इस समय समस्त शिव परिवार का पूजन एवं नंदी पूजन होता है. भगवान शिव को धूप, दीप, सुगंधित वस्तुएं अर्पित की जाती हैं. बेलपत्र को भगवान शिव को अर्पित किया जाता है.

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 03:34 से 06:37

महाशिवरात्रि के चौथे प्रहर की पूजा का समय अमृत काल का समय होता है. इस समय पर पुन: वही क्रम करते हुए पूजा होती है. इसके साथ साथ शिव चालीसा का पाठ किया जाता है. शिव स्त्रोत का पाठ करते हैं. कपूर घी से भरे दीपक को निर्मित करके भगवान की आरती की जाती है. शिवपुराण अनुसार इस समय के दौरान  यदि भक्त रात्रि जागरण करते हैं तथा चारों प्रहर की पूजा करते हैं तो उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आचार्या राजरानी 

महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार करें जलाभिषेक दूर होंगे ग्रह दोष  

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महाशिवरात्रि पर राशि अनुसार करें जलाभिषेक दूर होंगे ग्रह दोष  

Mahashivratri Abhishek 2024
Mahashivratri Abhishek 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Mar 2024 04:23 PM
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Mahashivratri Abhishek 2024 : भगवान शिव पर किए जाना वाला अभिषेक कई मायनों में होता है विशेष. महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक किया जाता है तो यह सभी ग्रहों के अशुभ प्रभावों को समाप्त कर देने वाला होता है. शिवरात्रि के दिन शिव का पूजन एवं अभिषेक नव ग्रहों की अशुभता को पल भर में समाप्त कर देता है. फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है. इस शुभ दिन पर यदि भक्त अपनी राशि के अनुसार अभिषेक करना शुभता और सकारात्मकता को देने वाला होता है. Mahashivratri Abhishek 2024 मेष राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   मेष राशि का स्वामी मंगल है ऎसे में मेष राशि के भक्तों को इस दिन शिवलिंग पर कच्चा दही और धतूरा भी चढ़ाना चाहिए. वृष राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है ऎसे में वृषभ राशि के जातकों को इस दिन घी में दही मिलाकर भगवान शिव को अभिषेक स्वरुप अर्पित करना चाहिए. मिथुन राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   मिथुन राशि का स्वामी बुध है ऎसे में मिथुन राशि के जातकों को महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का अभिषेक 108 बेल पतों से करना चाहिए. कर्क राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय  कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है ऎसे में कर्क राशि के के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का अभिषेक गुलाब जल से करना चाहिए. सिंह राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   सिंह राशि का स्वामी सूर्य देव हैं ऎसे में सिंह राशि वालों के लिए महाशिवरात्रि के दिन केसर के जल से शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ होता है. कन्या राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय  कन्या राशि का स्वामी बुध है ऎसे में कन्या राशि के जातकों को चाहिए की महाशिवरात्रि के दिन ईख के रस से शिवलिंग पर अभिषेक करना चाहिए. तुला राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय  तुला राशि का स्वामी शुक्र है ऎसे में तुला राशि के जातकों को चाहिए की महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग को घी और दूध के मिश्रण से अभिषेक करना चाहिए. वृश्चिक राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय  वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है ऎसे में वृश्चिक राशि के जातकों के लिए महाशिवरात्रि के दिन लाल चंदन को दूध में मिलाकर अभिषेक करना चाहिए. धनु राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है ऎसे में धनु राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन पीला चंदन और जल मिलाकर अभिषेक करना चाहिए. मकर राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय  मकर राशि के स्वामी शनिदेव हैं ऎसे में मकर राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर काले तिल और जल मिला कर अभिषेक करना चाहिए. कुंभ राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं ऎसे में कुंभ राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए. मीन राशि के लिए महाशिवरात्रि के दिन ग्रह शांति उपाय   मीन राशि का स्वामी बृहस्पति है ऎसे में मीन राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन तिल और केसर से अभिषेक करना चाहिए. आचार्या राजरानी 

महाशिवरात्रि पर पंचक का योग जानें इस दिन पूजा का लाभ 

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