UP News : जहां बिकनी चाहिए बच्चों की किताबें , वहां बिक रहा है सूखा नशा

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Omni Chemical Fluid
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userचेतना मंच
calendar28 Sep 2022 04:48 PM
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UP News :  गाजियाबाद/मैनपुरी। नशे की मंडी में अब नौनिहालों की भी एंट्री हो गई है। चरस, गांजा, अफीम, मुनक्का (भांग की गोली) और स्मेक जैसे नशे के बारे में तो हम सभी वाकिफ हैं। लेकिन, इन दिनों एक नए नशे की एंट्री हो गई है, जो आसानी से उपलब्ध है। हैरानी की बात है कि नशे के कारोबारियों ने अपनी पहुंच गांवों तक बना ली है। इससे नाबालिग नशेबाजों की एक ऐसी फौज पनपने लगी है, जिसमें नौनिहालों के वर्तमान और भविष्य पर ग्रहण लगा दिए हैं।

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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मैनपुरी जनपद को अब नशे की मंडी के नाम से जाना जाता है। यहां हर प्रकार के नशे का काला कारोबार धड़ल्ले से किया जाता है। यदाकदा पुलिस द्वारा भी चरस और हेरोइन की खेप बरामद कर इस बात की पुष्टि की जा चुकी है। इन दोनों जिले की नौनिहालों की बड़ी संख्या ऐसे नशे की गिरफ्त में हैं, जो बाजार में किराने और स्टेशनरी की दुकान से बड़ी आसानी से मिल जाता है। इस नए नशे की श्रेणी में आती है साइकिल के पंचर को जोड़ने वाला सल्यूशन। ये आसानी से दुकानों पर उपलब्ध हो जाता है। बोनफिक्स और उसी श्रेणी के दूसरे तरल पदार्थों की जैसे ओमीनी केमिकल फ्लूड,Omni Chemical Fluid) जिनका प्रयोग पंचर जोड़ने के लिए किया जाता है। यह बात हैरान करने वाला है, लेकिन सच है। कचरा बीनने वाले और गरीब तबके के बच्चे स्टेशनरी और किराने की दुकान से इन चीजों को खरीदने के बाद रूई या फिर सूती कपड़ों में डालकर नाक के जरिए सूंघते हैं। कचरा बीनने वाले बच्चों का कहना है कि इससे उन्हें नशा का एहसास होता है। नशा करने वाले बच्चों ने बताया कि इस नशे को करने के बाद उन्हें भूख भी नहीं लगती है। यह एक ऐसा नशा है, जो तिल-तिल कर इंसान को मौत के दरवाजे तक ले जाता है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक यह नशा पिछले कुछ महीनों से जोर पकड़ता जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि खुलेआम बिक रहे इस जहरीले नशे से पुलिस प्रशासन, एनजीओ, आयुर्वेदिक, ड्रग्स और फूड्स सभी विभाग अनजान बने हुए हैं। जानकारों के अनुसार यदि समय रहते इस नशे पर रोक नहीं लगाई गई तो नौनिहालों का भविष्य तबाह हो जाएगा। यह नशा गंभीर बीमारियां दे सकता है।

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गाजियाबाद नशा मुक्ति अभियान से जुड़े समाजसेवी ने इस नशे के बाबत एक वीडियो बनाकर प्रशासन को अवगत कराया है। इसमें आमजन जनमानस को जागरूक करने के लिए अनेक डॉक्टरों की सलाह और नशे में बीमार बच्चों की रोकथाम की सामग्री शामिल की गई है। गाजियाबाद जिला अस्पताल में तैनात नशा कंसल्टेंट साकेत तिवारी और मैनपुरी के डॉ. धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि नशे के रूप में इन द्रव्यों का प्रयोग करने पर दिल की धड़कनें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं। इन सल्यूशन को सूंघने से रासायनिक पदार्थ नाक के जरिए हमारे फेफड़ों में प्रवेश कर जाते हैं। इस नशे की लत में पड़कर लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। चित्रगुप्त महाविद्यालय के रसायन शास्त्र के विभागाध्यक्ष रहे डॉक्टर अवधेश जौहरी ने बताया कि पंचर व अन्य के सामानों को जोड़ने वाले द्रव्यों में एल्कोहल पदार्थ व टाक्सिक एसिड मिले होते हैं। चूंकि इनमें एल्कोहल पदार्थों की मात्रा होती है, इसलिए नाक से सूंघने पर नशे का होना स्वभाविक है। सूंघने पर रासायनिक पदार्थ सांस के जरिए ऑक्सीजन में घुल जाते हैं और शरीर की इम्यूनिटी को कम कर देते हैं। [caption id="attachment_36064" align="aligncenter" width="799"]Children taking drugs Children taking drugs[/caption] मैनपुरी जिला अस्पताल के डॉ. जेजे राम ने बताया कि पंचर जोड़ने वाली ट्यूब या बोनफिक्स नशे की हालत में जानलेवा या घातक हो सकते हैं। इसका विपरीत प्रभाव फेफड़े गुर्दा आदि पर सीधा पड़ता है। इंसान अपनी दिमागी संतुलन खो देता है, और पागल सा हो जाता है। उन्होंने बताया कि इन चीजों में मिथाइल, इथाइल, अल्कोहल मिली होती है, जो मानसिक रूप से इंसान को विकलांग बना देती है। गाजियाबाद के डॉ. सीपी कश्यप बताते हैं कि ओमीनी फ्लूड जैसे घातक केमिकल फ्लूड सूंघने से मस्तिष्क का कॉमन सेन्स खत्म हो जाता है। यह बॉडी में कम्पन पैदा कर देता है, जिससे इस नशे में दौरों आदि का आना आम बात है। नशा करने वालों को न्यूरल या एनजाइटी डिप्रेशन में अंनसेंस हो जाता है, इसको फोकस नशा भी बोलते है, जिससे भूख लगनी बंद हो जाती है, और धीरे-धीरे शरीर की हड्डियां गलने लगती हैं। गाजियाबाद के ही डॉ. आरके पोद्दार बताते हैं कि एंग्जायटी, अवसाद, निराशा व दुःख से जन्म लेती है। जब हम अपनी भावनाओं को अनदेखा करते हैं तो वे हमारे दुःख का कारण बनती है। ठीक इसी प्रकार, नजरअंदाज किए जाने पर अवसाद एंग्जायटी का रूप ले सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को हर वक्त इस बात का डर लगा रहता है कि कुछ गलत होने वाला है। इसी प्रकार न्यूरल डिप्रेशन जो इन पदार्थों का मनोरंजक रूप से उपयोग करते हैं। यह आपको अधिक सुस्त बनाता है और मस्तिष्क की गतिविधियां भी धीमी हो जाती हैं।
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Stock Market: शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को लगा झटका, सेंसेक्स में 397 अंक की हुई गिरावट

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Sep 2022 03:59 PM
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मुंबई: मंदी का आशंका और आरबीआई में रेपो रेट बढ़ाए जाने की उम्‍मीद के दौरान (Stock Market) शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को लगा झटका देखा जाए तो शेयर बाजार में आज भी ग‍िरावट देखने को मिली है। ग्लोबल मार्केट में द‍िखाई दी कमज़ोर शुरआत के बीच अमेरिकी बाजार में मिलाजुला कारोबार हो रहा था। सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी ने लाल न‍िशान के साथ कारोबार शुरू हुआ था। कारोबारी सत्र की शुरुआत में 30 शेयर वाला सेंसेक्‍स 397.39 अंक ग‍िरने के बाद 56,710.13 अंक के स्‍तर पर पहुंचकर खुल गया। इसके अलावा 50 शेयर वाले न‍िफ्टी में भी शुरुआती ग‍िरावट हुई थी। यह 137 अंक ग‍िरकर 16,870.55 अंक पर पहुंचने के बाद खुल गया। शेयर बाजार (Stock Market) शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को लगा झटका खुलने में सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी में और बड़ी ग‍िरावट देखने को मिली है। सुबह करीब 9.20 बजे सेंसेक्‍स के 30 में से 27 शेयर में ग‍िरावट में पहुंच चुका है। सबसे ज्‍यादा करीब 2 प्रत‍िशत की ग‍िरावट एचडीएफसी बैंक के शेयर में देखने को मिली है। वहीं, डॉ रेड्डी का शेयर 1.1 प्रत‍िशत चढ़ने के बाद कारोबार हो रहा था। बाजार खुल जाने के बाद न‍िफ्टी और ग‍िरकर 16,860.85 अंक के स्‍तर पर पहुंच गया था। न‍िफ्टी के टॉप गेनर्स में POWER GRID, SUN PHARMA, DR REDDY, CIPLA और TATA MOTORS के शेयर शामिल है। वहीं, टॉप लूजर्स में INDUSIND BANK, SBI LIFE, HDFC LIFE, HDFC और ONGC के शेयर सूची में बने हुआ हैं। अमेरिकी बाजार में ये देखने को मिला रुख दूसरी तरफ देखा जाए तो ग्लोबल मार्केट में लगातार सुस्ती देखने को मिली है। अमेरिकी बाजार में मिलाजुला रुख हो गया है। डाओ जोंस 700 प्‍वाइंट की रेंज में कारोबार करने के वक्त देखा जाए तो 125 अंक फिसलकर बंद हो गया था। डाओ और S&P 500 लगातार ग‍िरावट का यह छठा दिन हो गया है। नैस्डैक 27 अंक चढ़कर बंद हो गया था। SGX निफ्टी 112 अंक लुढ़ककर 16926 के स्तर पर ट्रेड हो गया है। इससे पहले मंगलवार के दिन शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और अंत में सेंसेक्‍स व न‍िफ्टी लगातार पांचवे द‍िन गिरने के बाद बंद हुआ था। विदेशी संस्थागत निवेशकों के बाजार से पैसा निकालने की वजह से निवेशक सतर्क बन चुके हैं। कारोबारी सत्र के अंत में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 37.70 अंक की गिरावट के साथ 57,107.52 अंक पर बंद हो गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 8.90 अंक की मामूली गिरावट के साथ 17,007.40 अंक पर पहुंचकर बंद हो गया।
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Shardiya Navratri 2022 माँ की तृतीय शक्ति का नाम है चंद्रघंटा, बनाती है अधिकारी

Chandraghanta
Shardiya Navratri 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 04:07 PM
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Shardiya Navratri 2022: आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है, यानि तृतीय नवरात्रि। आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। माँ दुर्गा की तृतीय शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि विग्रह के तीसरे दिन इनका पूजन किया जाता है। माँ का यह स्वरूप शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी लिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। इनका शरीर स्वर्ण के समान उज्ज्वल है, इनके दस हाथ हैं। दसों हाथों में खड्ग, बाण आदि शस्त्र सुशोभित रहते हैं। इनका वाहन सिंह है। इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने वाली है। इनके घंटे की भयानक चडंध्वनि से दानव, अत्याचारी, दैत्य, राक्षस डरते रहते हैं।

Shardiya Navratri 2022

मां चंद्रघंटा का स्वरूप नवरात्रि की तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्त्व है। इस दिन साधक का मन मणिपुर चक्र में प्रविष्ट होता है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से साधक को अलौकिक दर्शन होते हैं, दिव्य सुगन्ध और विविध दिव्य ध्वनियाँ सुनायी देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं। माँ चन्द्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएँ विनष्ट हो जाती हैं। इनकी अराधना सद्यरू फलदायी है। इनकी मुद्रा सदैव युद्ध के लिए अभिमुख रहने की होती हैं, अतरू भक्तों के कष्ट का निवारण ये शीघ्र कर देती हैं। इनका वाहन सिंह है, अतरू इनका उपासक सिंह की तरह पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इनके घंटे की ध्वनि सदा अपने भक्तों की प्रेत-बाधादि से रक्षा करती है। दुष्टों का दमन और विनाश करने में सदैव तत्पर रहने के बाद भी इनका स्वरूप दर्शक और अराधक के लिए अत्यंत सौम्यता एवं शान्ति से परिपूर्ण रहता है। इनकी अराधना से प्राप्त होने वाला सदगुण एक यह भी है कि साधक में वीरता-निर्भरता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होता है। उसके मुख, नेत्र तथा सम्पूर्ण काया में कान्ति-गुण की वृद्धि होती है। स्वर में दिव्य, अलौकिक, माधुर्य का समावेश हो जाता है। माँ चन्द्रघंटा के साधक और उपासक जहाँ भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शान्ति और सुख का अनुभव करते हैं। ऐसे साधक के शरीर से दिव्य प्रकाशयुक्त परमाणुओं का दिव्य अदृश्य विकिरण होता है। यह दिव्य क्रिया साधारण चक्षुओं से दिखलायी नहीं देती, किन्तु साधक और सम्पर्क में आने वाले लोग इस बात का अनुभव भलीभांति कर लेते हैं साधक को चाहिए कि अपने मन, वचन, कर्म एवं काया को विहित विधि-विधान के अनुसार पूर्णतरू परिशुद्ध एवं पवित्र करके उनकी उपासना-अराधना में तत्पर रहे। उनकी उपासना से हम समस्त सांसारिक कष्टों से विमुक्त होकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन सकते हैं। हमें निरन्तर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखते हुए साधना की ओर अग्रसर होने का प्रयत्न करना चाहिए। उनका ध्यान हमारे इहलोक और परलोक दोनों के लिए परम कल्याणकारी और सदगति देने वाला है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से साधक की समस्त बाधायें हट जाती हैं। भगवती चन्द्रघन्टा का ध्यान, स्तोत्र और कवच का पाठ करने से मणिपुर चक्र जाग्रत हो जाता है और सांसारिक परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।

पूजा करने का मंत्र इनकी पूजा निम्नलिखित मंत्र से शुरू करें। या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू।। इस देवी की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है। इसलिए हमें चाहिए कि मन, वचन और कर्म के साथ ही काया को विहित विधि-विधान के अनुसार परिशुद्ध-पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना करना चाहिए। इससे सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद के अधिकारी बन सकते हैं।

यह प्रार्थना अवश्य करें हे जगतजननी, करूणामयी, आनंद व स्नेहीमयी आपकी सदा जय हो। हे अम्बे, पंखहीन पक्षी और भूख से पीड़ित बच्चे जिस प्रकार अपनी मां की राह देखते हैं, उसी प्रकार मैं आपकी दया की प्रतिक्षा कर रहा हूं। हे अमृतमयी मां आप शीघ्र ही आकर मुझे दर्शन दें। मैं आपका रहस्य जान सकूं, ऐसी बुद्धि मुझे प्रदान करें।

क्षमा मांगे पाठ पूर्ण करने पर मां को मौसमी फल, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं और आरती अवश्य करें। आरती करने के बाद अपने दोनों कान पकड़ मां से क्षमा याचना करें। बोले, परमेश्वरी मेरे द्वारा दिन रात सहस्त्रों अपराध होते रहते हैं। यह मेरा दास है, ऐसा जानकर मेरे उन अपराधों को आप कृपा पूर्वक क्षमा करो। परेमश्वरी, मैं आह्वान नहीं जानता, विसर्जन करना नहीं जानता तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता। मुझे क्षमा करो। देवी सुरेश्वरी, मैंने जो मंत्रहीन, क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी दया से पूर्ण हो। मैं आपकी दया का पात्र हूं, जैसा चाहे, वैसा करो। देवी परमेश्वरी, अज्ञानता से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, वह सब क्षमा करो और प्रसन्न हों। सच्चिदानंद स्वरूपा परमेश्वरी, जगत्माता, आप प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझ पर प्रसन्न रहो।