शादी के 17 दिन बाद ही पति बन बैठा हैवान, हैरान कर देने वाली है ये खबर MP News

MP News / मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर शादी के 17 दिन बाद ही एक पति हैवान बन बैठा। वह पति पत्नी के पवित्र रिश्ते की तमाम बातें भूल गया। अचानक से उसके भीतर एक शैतान जाग गया और उसने अपने चांद के टुकड़े को अपने दिल से जुदा करने के लिए एक ऐसा खौफनाक काम किया, जिससे सुनकर और देखकर हर कोई हैरान और परेशान है।
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के धार नाका निवासी विक्रम उर्फ विक्की की शादी 21 मई 2023 को अंजलि के साथ हुई थी। दोनों की शादी को हुए 17 दिन ही बीते थे कि 7 जून को विक्की ने अंजलि की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी। जिन हाथों में विक्की ने अंजलि के नाम की मेहंदी रचाई थी, उन्हीं हाथों को अंजलि के खून से रंग लिया। आरोपी को भी हाथ में जख्म हुआ है, उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। कहा जा रहा है कि हत्या दहेज के लिए की गई है।
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दरअसल, इंदौर के पास धारा नाका महू में रहने वाले विक्की ने पत्नी अंजलि की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। उसने अंजलि के शरीर को 10 बार चाकू से गोदा। गले से लेकर शरीर कई हिस्सों पर चाकू से वार किए। विक्की के परिवार वालों ने जब अंजलि की चीखने की आवाज सुनी तो वह लोग उसके कमरे की ओर दौड़े। देखा तो खून से लथपथ अंजलि फर्श पर पड़ी हुई थी। साथ ही विक्की भी घायल अवस्था में था।
दोनों को तत्काल ही इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। वहां पर अंजलि को मरा हुआ घोषित कर दिया गया। जानकारी मिलने पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस ने परिजनों से पूरी जानकारी ली। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वहीं, विक्की को इलाज के लिए इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मर्जी से नहीं हुई थी विक्रम की शादी
बताया गया कि 21 मई 2023 को दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम के साथ हुई थी। विक्की पीथमपुर में मौजूद एक फैक्ट्री में काम करता है। सामने आया है कि शादी उसकी मर्जी से नहीं हुई थी। वह अंजलि से शादी करना नहीं चाहता था।
एसपी ग्रामीण हितिका वासल का कहना है कि पति ने अपनी नवविवाहित पत्नी की हत्या की है और खुद को भी चाकू से घायल किया है। आरोपी का इलाज कराया जा रहा है और मृतका के शव को पोस्टमार्टम कराया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
जानिए क्या है दहेज हत्या और कानून
दहेज संबंधी अपराधों में दहेज हत्या सबसे जघन्य अपराध है। दहेज हत्या दहेज की मांग के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होती है। भारतीय समाज के लिए यह एक विकराल समस्या है। इस विकराल समस्या से निपटने हेतु भारतीय दंड संहिता के अधीन संपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 बी दहेज मृत्यु से संबंधित है।
धारा 304 बी के अनुसार दहेज मृत्यु की परिभाषा
'जहां किसी स्त्री की मृत्यु किसी दाह या शारीरिक क्षति द्वारा कारित की जाती है या उसके विवाह के 7 वर्ष के भीतर सामान्य परिस्थितियों से अन्यथा उसकी मौत हो जाती है और यह दर्शाया जाता है कि उसकी मृत्यु के ठीक पूर्व उसके पति ने या उसके पति के किसी नातेदार ने दहेज की किसी मांग के लिए उसके संबंध में उसके साथ क्रूरता की थी या उसे तंग किया था, वहां ऐसी मृत्यु को दहेज मृत्यु कहा जाएगा और ऐसा पति या नातेदार उसकी मृत्यु कारित करने वाला समझा जाएगा।'
इस धारा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह धारा हत्या नहीं अपितु मृत्यु के संबंध में उल्लेख कर रही है। यह धारा किसी ऐसी स्त्री को संरक्षण प्रदान कर रही है, जिसकी मृत्यु विवाह के दिनांक से 7 वर्ष की अवधि के भीतर किसी शारीरिक दाह या क्षति के कारण हो जाती है।
दहेज की मांग के परिणाम स्वरूप ऐसी स्त्रियां सूली चढ़ा दी जाती हैं, जो दहेज लोभी को दहेज दे पाने में असमर्थ होती हैं। कई स्त्रियां बीमारियों से घिरकर मर जाती हैं या फिर आत्मदाह कर लेती हैं। स्त्रियों के संबंध में इस तरह की घटना घटती ही रहती हैं। इस धारा के माध्यम से ऐसे ही परिणामों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है।
दहेज मृत्यु के लिए आवश्यक बातें
धारा 304 बी के अंतर्गत दहेज मृत्यु के अपराध के गठन के लिए मुख्य रूप से दो बातें आवश्यक होती हैं।
1 दहेज की मांग का किया जाना
2 इसी मांग को लेकर स्त्री की मृत्यु से ठीक पूर्व उसे यातना दिये जाना
किसी भी अभियुक्त के संदर्भ में जब यह दोनों बातें साबित हो जाती हैं तो दहेज मृत्यु के अपराध के लिए दोष सिद्ध मान लिया जाता है। इन दोनों बातों के साबित होने के आधार पर ही दहेज मृत्यु जैसे जघन्य अपराध के अंतर्गत अभियुक्त को दंडित किया जाता है।
यदि किसी मामले में दहेज की मांग के बारे में कोई साक्ष्य नहीं है तो भी उसको धारा 304 बी के अंतर्गत घोषित नहीं किया जा सकता। यह बात स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश बनाम महेश चंद्र पांडे ए आई आर 2000 एस सी 3631 के मामले में कही गयी है।
बकसीसराम बनाम स्टेट ऑफ पंजाब एआईआर 2013 एस सी 1484 के मामले में दहेज मृत्यु के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा निम्न तथ्य आवश्यक माने हैं।
1. अप्राकृतिक मृत्यु का साक्ष्य
2. मृत्यु से ठीक पूर्व दहेज की मांग को लेकर परेशान किए जाने का साक्ष्य
कश्मीर कौर बनाम स्टेट ऑफ़ पंजाब एआईआर 2013 एसी 1039 के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दहेज मृत्यु के निर्माण की आवश्यक बातें बताई गई हैं।
1 दहेज की मांग को लेकर मृत्यु से ठीक पूर्व मृतका को परेशान किया जाना।
2 मृतका की मृत्यु जलने से या किसी शारीरिक क्षति से अप्राकृतिक परिस्थितियों में होना।
3 ऐसी मृत्यु विवाह के 7 वर्ष के भीतर होना।
4 मृतका को कष्ट उसके साथ क्रूरता का व्यवहार अथवा परेशान स्वयं उसके पति या पत्नी के नातेदार और द्वारा किया जाना।
5 यह सब कुछ दहेज की मांग को लेकर किया जाना।
6 मृत्यु से ठीक पूर्व यातना दिया जाना अथवा परेशान किया जाना।
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एक बार फिर याद दिलाया जा रहा है, हत्या के विषय में चर्चा नहीं हो रही है, अपितु यहां पर दहेज मृत्यु के विषय में चर्चा हो रही है। ऐसी मृत्यु जो ऊपर वर्णित निम्न परिस्थितियों में होती है तो ही 304 बी का अपराध घटित होगा।
जहां तक मृत्यु से ठीक पूर्व का प्रश्न है, क्रूरता का आचरण मृत्यु के बीच सीधा संबंध होना तथा दोनों के बीच में अधिक अंतराल नहीं होना है। क्रूरता और मृत्यु के बीच में इतना युक्तियुक्त अंतराल होना चाहिए कि यह माना जा सके की मृत्यु क्रूरता के परिणाम स्वरूप ही हुई है। MP News
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मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के धार नाका निवासी विक्रम उर्फ विक्की की शादी 21 मई 2023 को अंजलि के साथ हुई थी। दोनों की शादी को हुए 17 दिन ही बीते थे कि 7 जून को विक्की ने अंजलि की चाकू से गोदकर निर्मम हत्या कर दी। जिन हाथों में विक्की ने अंजलि के नाम की मेहंदी रचाई थी, उन्हीं हाथों को अंजलि के खून से रंग लिया। आरोपी को भी हाथ में जख्म हुआ है, उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। कहा जा रहा है कि हत्या दहेज के लिए की गई है।
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दरअसल, इंदौर के पास धारा नाका महू में रहने वाले विक्की ने पत्नी अंजलि की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। उसने अंजलि के शरीर को 10 बार चाकू से गोदा। गले से लेकर शरीर कई हिस्सों पर चाकू से वार किए। विक्की के परिवार वालों ने जब अंजलि की चीखने की आवाज सुनी तो वह लोग उसके कमरे की ओर दौड़े। देखा तो खून से लथपथ अंजलि फर्श पर पड़ी हुई थी। साथ ही विक्की भी घायल अवस्था में था।
दोनों को तत्काल ही इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था। वहां पर अंजलि को मरा हुआ घोषित कर दिया गया। जानकारी मिलने पर पहुंची कोतवाली थाना पुलिस ने परिजनों से पूरी जानकारी ली। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वहीं, विक्की को इलाज के लिए इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मर्जी से नहीं हुई थी विक्रम की शादी
बताया गया कि 21 मई 2023 को दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम के साथ हुई थी। विक्की पीथमपुर में मौजूद एक फैक्ट्री में काम करता है। सामने आया है कि शादी उसकी मर्जी से नहीं हुई थी। वह अंजलि से शादी करना नहीं चाहता था।
एसपी ग्रामीण हितिका वासल का कहना है कि पति ने अपनी नवविवाहित पत्नी की हत्या की है और खुद को भी चाकू से घायल किया है। आरोपी का इलाज कराया जा रहा है और मृतका के शव को पोस्टमार्टम कराया गया है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
जानिए क्या है दहेज हत्या और कानून
दहेज संबंधी अपराधों में दहेज हत्या सबसे जघन्य अपराध है। दहेज हत्या दहेज की मांग के परिणाम स्वरूप उत्पन्न होती है। भारतीय समाज के लिए यह एक विकराल समस्या है। इस विकराल समस्या से निपटने हेतु भारतीय दंड संहिता के अधीन संपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 बी दहेज मृत्यु से संबंधित है।
धारा 304 बी के अनुसार दहेज मृत्यु की परिभाषा
'जहां किसी स्त्री की मृत्यु किसी दाह या शारीरिक क्षति द्वारा कारित की जाती है या उसके विवाह के 7 वर्ष के भीतर सामान्य परिस्थितियों से अन्यथा उसकी मौत हो जाती है और यह दर्शाया जाता है कि उसकी मृत्यु के ठीक पूर्व उसके पति ने या उसके पति के किसी नातेदार ने दहेज की किसी मांग के लिए उसके संबंध में उसके साथ क्रूरता की थी या उसे तंग किया था, वहां ऐसी मृत्यु को दहेज मृत्यु कहा जाएगा और ऐसा पति या नातेदार उसकी मृत्यु कारित करने वाला समझा जाएगा।'
इस धारा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह धारा हत्या नहीं अपितु मृत्यु के संबंध में उल्लेख कर रही है। यह धारा किसी ऐसी स्त्री को संरक्षण प्रदान कर रही है, जिसकी मृत्यु विवाह के दिनांक से 7 वर्ष की अवधि के भीतर किसी शारीरिक दाह या क्षति के कारण हो जाती है।
दहेज की मांग के परिणाम स्वरूप ऐसी स्त्रियां सूली चढ़ा दी जाती हैं, जो दहेज लोभी को दहेज दे पाने में असमर्थ होती हैं। कई स्त्रियां बीमारियों से घिरकर मर जाती हैं या फिर आत्मदाह कर लेती हैं। स्त्रियों के संबंध में इस तरह की घटना घटती ही रहती हैं। इस धारा के माध्यम से ऐसे ही परिणामों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है।
दहेज मृत्यु के लिए आवश्यक बातें
धारा 304 बी के अंतर्गत दहेज मृत्यु के अपराध के गठन के लिए मुख्य रूप से दो बातें आवश्यक होती हैं।
1 दहेज की मांग का किया जाना
2 इसी मांग को लेकर स्त्री की मृत्यु से ठीक पूर्व उसे यातना दिये जाना
किसी भी अभियुक्त के संदर्भ में जब यह दोनों बातें साबित हो जाती हैं तो दहेज मृत्यु के अपराध के लिए दोष सिद्ध मान लिया जाता है। इन दोनों बातों के साबित होने के आधार पर ही दहेज मृत्यु जैसे जघन्य अपराध के अंतर्गत अभियुक्त को दंडित किया जाता है।
यदि किसी मामले में दहेज की मांग के बारे में कोई साक्ष्य नहीं है तो भी उसको धारा 304 बी के अंतर्गत घोषित नहीं किया जा सकता। यह बात स्टेट ऑफ उत्तर प्रदेश बनाम महेश चंद्र पांडे ए आई आर 2000 एस सी 3631 के मामले में कही गयी है।
बकसीसराम बनाम स्टेट ऑफ पंजाब एआईआर 2013 एस सी 1484 के मामले में दहेज मृत्यु के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा निम्न तथ्य आवश्यक माने हैं।
1. अप्राकृतिक मृत्यु का साक्ष्य
2. मृत्यु से ठीक पूर्व दहेज की मांग को लेकर परेशान किए जाने का साक्ष्य
कश्मीर कौर बनाम स्टेट ऑफ़ पंजाब एआईआर 2013 एसी 1039 के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दहेज मृत्यु के निर्माण की आवश्यक बातें बताई गई हैं।
1 दहेज की मांग को लेकर मृत्यु से ठीक पूर्व मृतका को परेशान किया जाना।
2 मृतका की मृत्यु जलने से या किसी शारीरिक क्षति से अप्राकृतिक परिस्थितियों में होना।
3 ऐसी मृत्यु विवाह के 7 वर्ष के भीतर होना।
4 मृतका को कष्ट उसके साथ क्रूरता का व्यवहार अथवा परेशान स्वयं उसके पति या पत्नी के नातेदार और द्वारा किया जाना।
5 यह सब कुछ दहेज की मांग को लेकर किया जाना।
6 मृत्यु से ठीक पूर्व यातना दिया जाना अथवा परेशान किया जाना।
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एक बार फिर याद दिलाया जा रहा है, हत्या के विषय में चर्चा नहीं हो रही है, अपितु यहां पर दहेज मृत्यु के विषय में चर्चा हो रही है। ऐसी मृत्यु जो ऊपर वर्णित निम्न परिस्थितियों में होती है तो ही 304 बी का अपराध घटित होगा।
जहां तक मृत्यु से ठीक पूर्व का प्रश्न है, क्रूरता का आचरण मृत्यु के बीच सीधा संबंध होना तथा दोनों के बीच में अधिक अंतराल नहीं होना है। क्रूरता और मृत्यु के बीच में इतना युक्तियुक्त अंतराल होना चाहिए कि यह माना जा सके की मृत्यु क्रूरता के परिणाम स्वरूप ही हुई है। MP News







