Padma Awards: पद्म पुरस्कारों के लिए प्रतिभाशाली लोगों की पहचान करें नागरिक

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Padma Awards
locationभारत
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calendar02 May 2023 02:45 AM
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Padma Awards: नई दिल्ली। केंद्र ने सोमवार को सभी नागरिकों से उन प्रतिभाशाली लोगों की पहचान करने और उनके नामों की सिफारिश करने की अपील की जिनके उत्कृष्ट कार्य और उपलब्धियां वास्तव में पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने के योग्य हैं।

Padma Awards

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पद्म पुरस्कार 2024 के लिए ऑनलाइन नामांकन, सिफारिशें एक मई, 2023 से शुरू हो गई हैं तथा नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर है।

इसने कहा कि पद्म पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस 2024 के अवसर पर की जाएगी।

पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन या सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी।

बयान में कहा गया कि सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन, सिफारिशें करें जिसमें स्व-नामांकन भी शामिल है।

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Rajnath Singh: मालदीव पहुंचने पर राजनाथ सिंह का गर्मजोशी से स्वागत

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Rajnath Singh in Maldives
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 04:34 AM
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Rajnath Singh in Maldives/ नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सोमवार को मालदीव पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। मालदीव की रक्षा मंत्री मारिया दीदी ने उत्तरी माले एटोल में स्थित वेलाना हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। मालदीव के रक्षा बलों के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने राजधानी माले के पास स्थित हवाई अड्डे पर राजनाथ सिंह का स्वागत किया।

Rajnath Singh in Maldives

मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह की यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर को दर्शाती है क्योंकि यह दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा संबंधों में गतिशीलता और उत्साह के एक नये स्तर को लाती है।

राजनाथ सिंह एक से तीन मई तक की अपनी इस यात्रा के दौरान मालदीव के रक्षा बलों को समुद्री निगरानी बढ़ाने में मदद के लिए भारत की ओर से उपहार के रूप में एक गश्ती पोत और एक ‘‘लैंडिंग क्राफ्ट’’ सौंपेंगे।

दीर्घकालिक रक्षा और सुरक्षा साझेदारी

मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के रक्षा मंत्री के वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आगमन के बाद उनका स्वागत उनकी समकक्ष मारिया दीदी ने किया, इस मौके पर रक्षा बल के प्रमुख मेजर जनरल अब्दुल्ला शमाल भी मौजूद थे।

बयान के मुताबिक दोनों रक्षा मंत्री भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने तथा दीर्घकालिक रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

राजनाथ सिंह और मारिया दीदी भारत की ओर से मालदीव को ‘‘लैंडिंग क्राफ्ट’’ के साथ एक गश्ती पोत सौंपने के लिए आयोजित समारोह में भी भाग लेंगे।

राजनाथ मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से भी मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वह विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा भी करेंगे।

भारतीय उच्चायोग ने कहा कि राजनाथ सिंह की यात्रा के दौरान द्विपक्षीय रक्षा संबंधों के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए कई आधिकारिक कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है जो मजबूत भारत-मालदीव रक्षा साझेदारी को और बढ़ाएंगे।

राजनाथ की यह पहली मालदीव यात्रा

रक्षा मंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह की मालदीव की यह पहली यात्रा है।

गौरतलब है कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख समुद्री पड़ोसियों में से एक है और दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों सहित समग्र द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी बेहतर रहे हैं।

पिछले साल अगस्त में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने भारत द्वारा वित्त पोषित ग्रेटर माले कनेक्टिविटी परियोजना को शुरू किया था, जिसे द्वीपीय राष्ट्र में सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा पहल बताया गया।

ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट (जीएमसीपी) परियोजना के तहत, राजधानी माले को विलिंगली, गुलहिफालु और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ने के लिए 6.74 किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। मालदीव भारत की 'पड़ोस प्रथम नीति' के सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है।

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Top News: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब कोई भी जोड़ा तुरंत ले सकेगा तलाक, नहीं करनी पड़ेगी प्रतीक्षा

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Top News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 02:00 AM
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Top News:  नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज तलाक को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने कहा, अगर संबंधों को जोड़ना संभव न हो, तो अदालत सम्पूर्ण न्याय के लिए अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करके तलाक पर फैसला दे सकता है। कोर्ट ने कहा कि अगर शादी टूटने के कगार पर है तो कोर्ट तलाक दे सकता है। इस फैसले को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि अभी तक यह तलाक के लिए वैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त आधार नहीं था।

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सुप्रीम कोर्ट ने आपसी सहमति से विवाह विच्छेद पर फैसला सुनाते हुए गाइड लाइन भी जारी की। कोर्ट ने कहा कि अगर संबंधों को जोड़ना संभव न हो, तो अदालत सम्पूर्ण न्याय के लिए अनुच्छेद 142 के तहत मिले अधिकारों के जरिए दखल दे सकती है। इतना ही नहीं कोर्ट ने कहा, आपसी सहमति से तलाक के लिए लागू 6 महीने इंतजार की कानूनी बाध्यता भी जरूरी नहीं है। कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन में गुजारा भत्ता समेत अन्य प्रावधानों का भी जिक्र है।

कोर्ट ने कहा, 'हमने माना है कि पति पत्नी के बीच विवाह के अपरिवर्तनीय टूटने के (जब रिश्ते इतने बिगड़ जाएं कि उनका पटरी पर आना संभव न हो) आधार पर विवाह विच्छेद करना संभव है। यह सार्वजनिक नीति के विशिष्ट या मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं करेगा।' इतना ही नहीं कोर्ट ने गाइडलाइन में उन कारकों का जिक्र किया, जिनके आधार पर विवाह को अपरिवर्तनीय रूप से टूटा हुआ माना जा सकता है। इतना ही नहीं कोर्ट की गाइडलाइन में रखरखाव, गुजारा भत्ता और बच्चों के अधिकारों के संबंध में भी जिक्र है।

क्या था मामला ?

- दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सामने कई याचिकाएं दायिर हुई थीं, जिसमें कहा गया था कि क्या आपसी सहमति से तलाक के लिए भी इंतजार करना जरूरी है ? - याचिकाएं में मांग की गई थी कि हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13B के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए जरूरी वेटिंग पीरियड में छूट दी जा सकती है या नहीं? ये मामला 29 जून 2016 को संवैधानिक बेंच के पास गया था। - सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी विचार किया कि संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत वो कोई ऐसा आदेश या डिक्री जारी कर सकता है, जिसके तहत वो तलाक का आदेश दे सकती है, जबकि एक पक्ष तलाक का विरोध कर रहा हो।

क्या है तलाक लेने का आधार

- पति या पत्नी में से कोई भी शादी के बाद अपनी इच्छा से किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाता हो। - शादी के बाद अपने साथी के साथ मानसिक या शारीरिक क्रूरता का बर्ताव करता हो। - बिना किसी ठोस कारण के ही दो साल या उससे लंबे समय से अलग रह रहे हों। - दोनों पक्षों में से कोई एक हिंदू धर्म को छोड़कर दूसरा धर्म अपना लेता हो। - दोनों में से कोई एक पक्ष मानसिक रूप से बीमार हो और उसके साथ वैवाहिक जीवन जीना संभव न हो। - अगर दोनों में से कोई एक कुष्ठ रोग से पीड़ित हो। - पति या पत्नी में से कोई एक संक्रामक यौन रोग से पीड़ित हो। - अगर पति या पत्नी में से कोई घर परिवार छोड़कर संन्यास ले ले। - अगर पति या पत्नी में से किसी एक के जीवित रहने की कोई भी खबर सात साल तक न मिली हो। - अगर शादी के बाद पति बलात्कार का दोषी पाया जाता हो। - अगर शादी के समय पत्नी की उम्र 15 साल से कम रही हो तो वो 18 साल की होने से पहले तलाक ले सकती है।

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