गौ मांस खाने के शक में मजदूर की पीट-पीटकर हत्या, पुलिस के हत्थे चढ़े 5 आरोपी

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Haryana News
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userचेतना मंच
calendar31 Aug 2024 11:34 PM
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Haryana News : हरियाणा से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। जहां प्रवासी मजदूर को सिर्फ इस बात पर मौत के घाट उतार दिया गया क्योंकि कुछ लोगों को ये शक था कि मजदूर ने बीफ खाई है। मामले की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना हरियाणा के चरखी दादरी जिले की बताई जा रही है। जहां शनिवार को बीफ खाने के संदेह में पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी मजदूर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। आरोप में पुलिस द्वारा गौ रक्षा समूह के पांच लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।

बहाने से बुलाकर उतारा मौत के घाट

जानकारी के मुताबिक मृतक की पहचान पश्चिम बंगाल के रहने वाले साबिर मलिक के रूप में की गई है। जो मजदूरी का काम करता है। बताया जा रहा है कि गौ रक्षा दल के कुछ लोगों द्वारा मजदूर को प्लास्टिक की बोतलें बेचने के बहाने से बुलाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई जिससे उसकी मौत हो गई। आरोपियों की पहचान अभिषेक, मोहित, रविंदर, कमलजीत और साहिल के रूप में हुई है।

मामले में पुलिस ने क्या कहा? Haryana News

इस मामले को लेकर पुलिस ने बताया कि, हरियाणा के चरखी दादरी जिले में बीफ खाने के संदेह दो मजदूरों के बुरी तरह से पीटा था। जिससे मजदूर की मौत हो गई है, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। इस मामले में आरोपी गौरक्षा ग्रुप के पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बड़ी खबर : झारखंड में पुलिस भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट में 25 उम्मीदवार बेहोश, 3 की मौत, जानें क्या है पूरा मामला?

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बड़ी खबर : झारखंड में पुलिस भर्ती परीक्षा के फिजिकल टेस्ट में 25 उम्मीदवार बेहोश, 3 की मौत, जानें क्या है पूरा मामला?

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Jharkhand News
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calendar01 Dec 2025 08:05 PM
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Jharkhand News : झारखंड के पलामू से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर ये है कि पलामू में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा (Constable Recruitment Exam) में आए 25 अभ्यर्थी फिजिकल टेस्ट के दौरान अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। आनन-फानन में सबको अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई। इस खबर ने सबको चौंकाकर रख दिया कि आखिर इतनी संख्या में अभ्यर्थी बेहोश कैसे हो सकते हैं। वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने अफसरों को घटना के बाद तत्काल मामले का संज्ञान लेने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा फिजिकल टेस्ट के समय में भी बदलाव कर दिया गया है।

फिजिकल टेस्ट में अचानक बेहोश हुए 25 अभ्यर्थी

खबरों की मानें तो मामले में उप-मंडल पुलिस अधिकारी मणिभूषण प्रसाद ने बताया कि, पलामू जिले के मेदिनीनगर में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 25 अभ्यर्थियों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, इनमें दो उम्मीदवारों की मौत हो गई, जबकि एक ने रांची के रिम्स में दम तोड़ दिया। वहीं अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरके रंजन का कहना है, प्रारंभिक जांच के मुताबिक सभी की मौत सांस फूलने की वजह से हुई है। हमें संदेह यह भी है कि सहनशक्ति बढ़ाने के लिए इन उम्मीदवारों को बेहोश करने की दवा दी गई थी। फिलहाल मौत के कारणों की लगातार जांच की जा रही है।

फिजिकल टेस्ट का बदला समय Jharkhand News

मृतकों की पहचान 20 वर्षीय अमरेश कुमार, 25 वर्षीय अरुण कुमार और 25 वर्षीय प्रदीप कुमार के रूप में की गई है। घटना के बाद अधिकारियों द्वारा सुबह 4:30 बजे से फिजिकल टेस्ट कराने का फैसला लिया गया है। जहां फिजिकल टेस्ट पहले सुबह 9 बजे होता था वहीं अब इसका समय 4:30 बजे कर दिया गया है।

पूरी दुनिया को रोशन कर रहा है भारत का यह चांद बेटा

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पूरी दुनिया को रोशन कर रहा है भारत का यह चांद बेटा

Vivek Chaand Sehgal
Vivek Chaand Sehgal
locationभारत
userचेतना मंच
calendar31 Aug 2024 02:45 PM
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Vivek Chaand Sehgal : भारत ने दुनिया को एक से बढ़कर एक व्यक्तित्व दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है विवेक चांद सहगल (Vivek Chaand Sehgal) भारत का यह बेटा दुनिया भर में भारत का नाम रोशन कर रहा है। विवेक चांद सहगल किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। विवेक चांद सहगल भारत की प्रसिद्ध कंपनी मदरसन सुमी सिस्टम लि0 (Motherson Sumi System Ltd) के मालिक हैं। अपनी माताजी के साथ छोटी सी पूंजी से कारोबार शुरू करने वाले विवेक चांद सहगल की भारतीय कंपनी का कारोबार पूरी दुनिया में फैल चुका है। यहां हम विवेक चांद सहगल की कामयाबी का विवरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

भारत से लेकर आस्ट्रेलिया तक मचा दी है धूम

मदरसन ग्रुप के मालिक विवेक चंद सहगल (Vivek Chaand Sehgal) का नाम आज दुनिया के पूंजीपतियों की लिस्‍ट में शामिल है. विवेक चांद सहगल आस्‍ट्रेलिया के सबसे अमीर भारतवंशी हैं। उनकी कंपनी दुनिया भर में प्रसिद्ध मदरसन बीएमडब्‍ल्‍यू, मर्सिडीज, टोयोटा, फॉक्‍सवैगन और फोर्ड जैसी कंपनियों के लिए पार्ट्स बनाती है। ऐसा नहीं है कि विवेक चांद सहगल को यह बिजनेस विरासत में मिला था। उनके दादा जौहरी थे। सहगल ने अपनी मां के साथ मिलकर चांदी की ट्रेडिंग शुरू की और फिर कई और बिजनेस में अपने पांव पसार लिए। आज मदसरसन ग्रुप सालाना 1,05,600 करोड़ रुपये का राजस्‍व अर्जित करता है। फोर्ब्‍स के अनुसार, विवेक सहगल की नेट वर्थ (Vivek Chaand Sehgal Net Worth) 38,965 करोड़ रुपये है। विवेक चंद सहगल का जन्म 1 फरवरी, 1957 को दिल्ली में एक जौहरी के परिवार में हुआ था। उन्‍होंने स्कूली शिक्षा पिलानी के बिड़ला पब्लिक स्कूल से पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। पढाई पूरी करने के बाद सहगल चांदी का व्‍यापार करने लगे। उन्‍होंने 1970 में एक किलोग्राम चांदी से से अपनी व्‍यापारिक यात्रा शुरू की। कुछ समय तक वो छोटे स्‍तर पर सिल्‍वर ट्रेडिंग करते रहे। इससे उन्‍हें हर महीने लगभग 2,500 रुपये की कमाई होती थी।  चांदी का फुटकर व्‍यापार करते हुए सहगल भांप गए कि इस धंधे को अगर बड़े लेवल पर किया जाए तो अच्‍छी कमाई हो सकती है। 1971 में उन्‍होंने अपनी मां श्रीमति स्‍वर्ण लता के साथ मिलकर चांदी की ट्रेडिंग बड़े पैमाने पर शुरू कर दी। 1975 में अपनी मां के साथ ही मिलकर उन्‍होंने मदरसन कंपनी की नींव रखी। कुछ साल ठीक-ठाक काम चलने के बाद चांदी के व्‍यापार में मंदी आनी शुरू हो गई। विवेक चंद सहगल ने चांदी की ट्रेडिंग की एक बड़ी फर्म के दिवालिया होने पर चांदी से व्‍यापार से निकलना ही उचित समझा। उन्‍होंने ऑटो पार्ट्स बनाने शुरू किए। कुछ समय बाद ही उन्‍होंने जापान की सुमिटोमो इलेक्ट्रिक के साथ सांझेदारी की और मदरसन सुमी की नीवं रखी. इसके बाद तो सहगल ने कभी पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। उन्‍होंने कई कंपनियों का अधिग्रहण भी किया और भारत में ऑटो पार्ट्स के बड़े निर्माता बन गए।

कमाल किया है चांद सहगल ने

सपना बड़ा हो और किस्मत भी साथ दे तो दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। ऐसी ही असंभव को संभव कर देने वाली उद्योगपति की कहानी है प्रसिद्घ उद्योग समूह मदरसन के मालिक चांद सहगल की कहानी। नोएडा से शुरू हुआ उनका कारोबार आज पूरी दुनिया में फैला हुआ है। उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर के सेक्टर 1 से शुरू हुए कारोबार ने पूरी दुनिया में नाम फैलाया है। उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में मदरसन सुमी सिस्टम लिमिटेड (Motherson Sumi System Ltd) सबसे बड़ा समूह है। अकेले नोएडा शहर में इस समूह की एक दर्जन से अधिक फैक्ट्री स्थापित हैं। यह समूह अपने ऑटो पार्टस यानि विभिन्न प्रकार के वाहनों के कल पुर्जे (ऑटो पार्टस) बनाने का काम करता है। पिता स्व. के. एल. सहगल व माता स्व. स्वर्णलता सहगल के पुत्र विवेक सहगल ने अपनी माताजी के साथ एक छोटे से कमरे में चांदी का कारोबार शुरू किया था। चांदी के कारोबार में घाटा होने के कारण उस कारोबार को छोड़कर ऑटो पार्टस बनाने का काम शुरू किया। 52 वर्ष के इतिहास में ऑटो पार्टस के कारोबार में विवेक चांद सहगल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है। माता जी व पुत्र ने मिलकर कारोबार शुरू किया था इसी कारण कंपनी का नाम मदरसन (Motherson) रखा गया। मदरसन सुमी सिस्टम लिमिटेड आज दुनिया की प्रसिद्ध ऑटो पार्टस कंपनी है। इसी कंपनी ने चांद सहगल को दुनिया के प्रमुख अरबपतियों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।

कंपनी के साथ हैं दो लाख कर्मचारी

यहां यह भी बताना जरुरी है कि एक छोटे से कमरे में शुरू की मदरसन कंपनी में आज 164899 कर्मचारी काम करते हैं। वरिष्ठ प्रबंधकों को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या दो लाख कर्मचारियों से ऊपर बैठती है। मारुति से लेकर मसर्डीज कारों तक के ऑटो पार्टस बनाने वाली मदरसन सुमी सिस्टम लिमिटेड का मुख्यालय नोएडा शहर में है। इस कंपनी के सीईओ की जिम्मेदारी वीसी सहगल संभाल रहे हैं। इस प्रकार आप समझ गए होंगे कि भारत का यह चांद बेटा कैसे पूरी दुनिया को रोशन करने का काम कर रहा है। Vivek Chaand Sehgal 

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