Political News : भाजपा को हराने की ‘संयुक्त पहल’ अंतिम चरण में : माकपा

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जितेंद्र चौधरी ने कहा कि संयुक्त पहल का विवरण बहुत जल्द साझा किया जाएगा। इसका उद्देश्य फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। उन्होंने कहा कि इस पहल को राजनीतिक समायोजन नहीं माना जाना चाहिए। माकपा के लिए चुनाव में जीत या हार ज्यादा मायने नहीं रखती। हम राज्य में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जहां पिछले 58 महीनों के भाजपा शासन में लोकतांत्रिक मूल्यों का दमन हुआ है।Noida महिला कांस्टेबल ने गोल्ड मेडल जीतकर यूपी पुलिस का नाम किया रोशन
भाजपा और ‘इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (आईपीएफटी) ने 2018 में साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और वाम मोर्चे से सत्ता छीन ली थी। चौधरी ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता लोकतंत्र को बहाल करना और ऐसा माहौल बनाना है, जहां मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का स्वतंत्र रूप से इस्तेमाल कर सकें।Political News
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि हम 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं, लेकिन (गठबंधन के बारे में) अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुदीप रॉय बर्मन ने सिंतबर में घोषणा की थी कि पार्टी 2023 के चुनावों में भाजपा को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसे माकपा और नई जनजातीय पार्टी तिपरा मोथा की ओर हाथ बढ़ाने के संकेत के रूप में देखा गया था।Kerala News : सबरीमला में मंडल पूजा संपन्न, भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव अजय कुमार विधानसभा चुनाव में पार्टी की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मंगलवार शाम को राज्य में आने वाले हैं। माकपा की ‘संयुक्त पहल’ में कांग्रेस को शामिल मानते हुए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी को इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और माकपा के बीच प्रेम संबंध त्रिपुरा के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है। पहले यह गोपनीय संबंध था और अब यह सार्वजनिक होगा। भट्टाचार्जी ने कहा कि लोगों ने 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को सबक सिखाया था और वे इस बार भी उन्हें खारिज कर देंगे।अगली खबर पढ़ें
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जितेंद्र चौधरी ने कहा कि संयुक्त पहल का विवरण बहुत जल्द साझा किया जाएगा। इसका उद्देश्य फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। उन्होंने कहा कि इस पहल को राजनीतिक समायोजन नहीं माना जाना चाहिए। माकपा के लिए चुनाव में जीत या हार ज्यादा मायने नहीं रखती। हम राज्य में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जहां पिछले 58 महीनों के भाजपा शासन में लोकतांत्रिक मूल्यों का दमन हुआ है।Noida महिला कांस्टेबल ने गोल्ड मेडल जीतकर यूपी पुलिस का नाम किया रोशन
भाजपा और ‘इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (आईपीएफटी) ने 2018 में साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था और वाम मोर्चे से सत्ता छीन ली थी। चौधरी ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता लोकतंत्र को बहाल करना और ऐसा माहौल बनाना है, जहां मतदाता अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का स्वतंत्र रूप से इस्तेमाल कर सकें।Political News
कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि हम 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार सुनिश्चित करने के लिए सभी संभावनाएं तलाश रहे हैं, लेकिन (गठबंधन के बारे में) अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुदीप रॉय बर्मन ने सिंतबर में घोषणा की थी कि पार्टी 2023 के चुनावों में भाजपा को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इसे माकपा और नई जनजातीय पार्टी तिपरा मोथा की ओर हाथ बढ़ाने के संकेत के रूप में देखा गया था।Kerala News : सबरीमला में मंडल पूजा संपन्न, भारी संख्या में उमड़े श्रद्धालु
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव अजय कुमार विधानसभा चुनाव में पार्टी की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मंगलवार शाम को राज्य में आने वाले हैं। माकपा की ‘संयुक्त पहल’ में कांग्रेस को शामिल मानते हुए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी को इसकी चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और माकपा के बीच प्रेम संबंध त्रिपुरा के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है। पहले यह गोपनीय संबंध था और अब यह सार्वजनिक होगा। भट्टाचार्जी ने कहा कि लोगों ने 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों को सबक सिखाया था और वे इस बार भी उन्हें खारिज कर देंगे।संबंधित खबरें
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