Amit Shah : क्या ये फैसला है अमित शाह के जीवन की सबसे बड़ी गलती!

Amit Shah
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calendar30 Nov 2025 02:44 PM
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पहले 3 महीने में ही हो गया फैसला मई 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली बंपर जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करते हुए अमित शाह को गृह मंत्रालय का कार्यभार सौंप था। अमित शाह (Amit Shah) भी पूरे जोश के साथ काम पर लग गए। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के चार महीने के अंदर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को पास करा दिया और एनआरसी के लिए जमीन तैयार करनी शुरू कर दी। इसी दौरान तीन तलाक को खत्म करने वाले कानून का पास होना, अयोध्या मामले पर मंदिर के पक्ष में फैसला आने जैसी घटनाएं भी होती रहीं। इन सबके बीच देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय में असंतोष बढ़ने लगा और देश के कई हिस्सों में सीएए की वापसी के लिए आंदोलन होने लगे। इसकी परिणति दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों के रूप में हुई।

ठंडे बस्ते में डाल दिया खुद का बनाया कानून उत्तर भारत में हो रही उथल-पुथल के बीच आमतौर पर शांत रहने वाले पूर्वोत्तर से भी हिंसा की ऐसी खबरें आने लगीं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती खड़ी करने वाली थी क्योंकि, ये राज्या चीन और म्यांमार की सीमा से लगे हुए हैं।

गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह (Amit Shah) अपने कार्यकाल का ढाई साल पूरा कर चुके हैं और इस दौरान उनके हिस्से में विवाद ही ज्यादा आए हैं। कहने को तो सीएए अब काननू का रूप ले चुका है लेकिन, सरकार ने इसे लागू करने के बजाए ठंडे बस्ते में डाल दिया है। रही बात एनआरसी की तो, उस पर अब मोदी भी बोलने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे। कॉमन सिविल कोड के मसले पर सरकार तो दूर अब आरएसएस भी बात करने से कतराने लगी है।

उत्तर भारत की असफलता को छुपाने के लिए पहुंच पूर्वोत्तर अमित शाह ने इन विवादित मसलों से ध्यान हटाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने पूर्वोत्तर के मसलों पर काम करना शुरू किया लेकिन, विवादों ने यहां भी उनका साथ नहीं छोड़ा। नॉर्थ ईस्ट में पिछले छह महीनों में चार ऐसी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं जो अमित शाह के कार्यकाल के स्याह पक्ष को ही मजबूत करती हैं।

जुलाई में असम और मिजोरम पुलिस के बीच हिंसक मुठभेड़ ने पूरे देश को चौंका दिया। अगले ही महीने 15 अगस्त के दिन मेघालय जैसे शांतिप्रिय राज्य से पुलिस की गाड़ी पर कब्जा कर खुलेआम बंदूके लहराते युवाओं की तस्वीरें और वीडियो सामने आईं। सबसे दर्दनाक खबर नागालैंड से आई, जहां सुरक्षा बलों की कार्यवाही में कई मजदूर मारे गए। बाद में सेना ने स्वीकार किया कि सूचना गलत थी और मारे गए लोग निर्दोष थे। घटना के बाद स्थानीय लोगों के गुस्से को काबू करने के लिए सुरक्षा बलों को आम लोगों पर भी गोली चलानी पड़ी जिसमें फिर कई निर्दोषों को जान गंवानी पड़ी।

पहली बार सार्वजनिक तौर पर मागनी पड़ी माफी इसी साल अमित शाह ने पूर्वोत्तर के कई अलगाववादी समूहों के साथ शांति समझौता किया था। समझौते के तहत लगभग 1000 सशस्त्र अलगाववादियों ने आत्मसमर्पण किया था। इसे पूर्वोत्तर का अब तक का सबसे बड़ा शांति समझौता बताया गया था लेकिन, पिछले छह महीने से लगातार हो रही हिंसक घटनाएं कुछ अलग की सच्चाई बयां कर रही हैं।

नागालैंड की हालिया घटना के बाद तो गृह मंत्रालय सहित सेना को भी अपनी गलती के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मागनी पड़ी है। तो क्या गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह फेल हो गए हैं? क्या अब गृह मंत्रालय को किसी अनुभवी मंत्री या नेता के हाथ में सौंपने का वक्त आ गया है?

अमित शाह के लिए खतरा बन रहे भगवाधारी 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी (BJP) को मिली लगातार जीत का असली नायक अमित शाह को बताया गया था और उन्हें चाणक्य तक कहा गया। पार्टी और संगठन के स्तर पर अमित शाह को इसका ईनाम मिलना तय था।

केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री के बाद गृह मंत्रालय को सबसे प्रतिष्ठित मंत्रालय माना जाता है। पिछले कार्यकाल (2014-19) में शानदार काम करने के बावजूद राजनाथ सिंह से यह मंत्रालय ले लिया गया और अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई।

पिछले ढाई सालों (मई 2019- नवंबर 2021 के बीच) में गृह मंत्रालय ने जो भी काम किए या काननू बनाए उन पर विवाद हुए या उन्हें लागू ही नहीं किया जा सका है। शायद यही वजह है कि 2019 तक मोदी के बाद प्रधानमंत्री पद के अगले दावेदार माने जा रहे अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से पिछड़ते हुए दिख रहे हैं।

गृहमंत्री के तौर पर अमित शाह की पिछले ढाई साल की यात्रा ने पार्टी और संगठन में उनके शानदार काम को पृष्ठभूमि में ढकेल दिया है। जबकि, विवादों में रहने के बावजूद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम मोदी और आरएसएस का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं।

आगामी यूपी विधानसभा चुनाव परिणाम अंतिम तौर पर यह तय कर देंगे कि मोदी के बाद बीजेपी किस नेता को पीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश करेगी। हालांकि, फिलहाल जो हालात हैं वह तेजी से अमित शाह के खिलाफ जाते दिख रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह क्या इस बार भी कोई बड़ा उलटफेर करने में सफल होते हैं या नहीं।

- संजीव श्रीवास्तव

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8, 17, व 26 तारीख को जन्मे लोगों के लिए कैसा रहेगा वर्ष 2022 ?

Numerology No 8
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 Dec 2021 07:37 PM
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Numerology 2022 :  हम अपने पिछले आर्टिकल्स में आपको बता चुके है कि जिन जातकों यानि व्यक्तियों का जन्मांक या मूलांक 1 से 7 तक है, उन लोगों के लिए वर्ष 2022 कैसा रहने वाला है। आज हम बात करेंगे कि जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17, या 26 तारीख को हुआ है, उनके लिए वर्ष 2022 कैसा रहने वाला है। इन तारीखों को जन्मे जातकों का मूलांक या जन्मांक 8 होता है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2022 आपके लिए कैसा रहने वाला है।

जन्मांक या मूलांक 8 के लिए वर्ष 2022 मेहनत और संघर्ष से भरा रहेगा। नए अवसरों में लाभ के साथ कामयाबी भी मिलेगी। इस वर्ष में आप कुछ नया कार्य शुरू करेंगे जिसके लिए आपको धन के साथ कार्य में सफलता भी मिलेगी। जुलाई के बाद व्यापार में वृद्धि और लाभ के आसार बन रहे हैं। लेकिन आप किसी नए व्यापार के लिए बिना सलाह के कदम नहीं उठाए। नौकरी वालों के लिए यह वर्ष आपकी मेहनत के साथ नए अवसर भी लाएगा। आप नई नौकरी की तलाश में हैं तो मनचाहा वेतन नहीं मिलेगा। आप जहां कार्य करते हैं आपके अहम की वजह से बॉस से किसी बात पर बहस हो सकती हैं।

मूलांक 8 के लिए 2022 वर्ष की शुरुआत में कुछ हाथ तंग दिखा रहा हैं। जिसके लिए आप अपने सभी सपने पूरे नहीं कर पाएंगे और आपके ऊपर कर्ज भी चढ़ सकता हैं। अगर आप शेयर मार्केट में धन निवेश करना चाहते हैं तो जुलाई तक का समय बेहतर रहेगा और अगस्त के बाद का समय किसी भी निवेश के लिए फायदेमंद नहीं रहेगा। इस वर्ष में जमीन के लेन-देन के साथ कर्ज लेने देने से भी बचें।

इस वर्ष रिश्तों के लिए बहुत ही सावधानी से चलना होगा क्योंकि आप अपने काम और धन कमाने में इतना व्यस्त हो जाएंगे, जिससे अपने प्रेमी और परिवार को अधिक समय ही नहीं दे पाएंगे। आप जिससे प्रेम करते हैं। आपके जीवन में इस वर्ष शुरुआत में एक नया साथी दस्तक देगा। वैवाहिक लोगों के लिए यह वर्ष कुछ खट्टा-मीठा रहेगा जिससे आपको अपने रिश्ते की अहमियत समझनी होगी तभी आप खुशहाल भरा जीवन यापन कर पाएंगे। वर्ष के अंत में आप अपने साथी के साथ बाहर घूमने जाएंगे, जिससे पुराने गिले-शिकवे भी दूर होंगे।

2022  वर्ष मानसिक तनाव के साथ शुरू होगा क्योंकि आप अपने काम में अधिक व्यस्त होने की वजह से अपनी सेहत का ध्यान नहीं दे पाएंगे। अगर दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाने की योजना बन रहे हैं तो अपने खाने-पीने का बहुत ध्यान रखें और पेट में इंफेक्शन होने से खुद को बचा कर रखें। जून के बाद अचानक सिर व आंखों में दर्द होने की वजह से काम में मन नहीं लगा पाएंगे, अगर ऐसा हो तो समय से ही इलाज़ करवा लें। वर्ष के अंत में किसी भी तरह की दुर्घटना से सावधान रहें और वाहन भी बहुत सावधानी से चलाएं।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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अशुभ नहीं शुभ भी होता है काला रंग, इन लोगों की चमकाता है किस्मत

Fashion tips 1510816748
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:38 PM
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रंग (color) कोई सा भी हो, मानव जीवन का इसका गहना संबंध है। हर किसी को अलग अलग तरह के रंग (color) पसंद होते हैं। कुछ लोग काले रंग (black color) से परहेज करते हैं तो कुछ लोग किसी अन्य रंग को नापसंद करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि प्रत्येक रंग का मानव जीवन से गहरा नाता है। वैदिक ज्योतिष (Astrology) में 12 राशियों के लिए खास रंगों का वर्णन किया गया है। प्रत्येक  रंग का संबंध एक ग्रह है। ग्रहों से संबंधित रंग इसके अशुभ प्रभाव को खत्म करते हैं, जिससे जीवन में आ रही परेशानियां खत्म होती हैं। आमतौर पर वैसे तो काले रंग को अशुभ माना जाता है, लेकिन कुछ राशियों के जातकों के लिए ये बहुत शुभ होता है। काले रंग (black color)  की शुभता के प्रभाव से जीवन पर सकारात्मक असर पड़ता है। जानते हैं किन राशियों के लिए काला रंग शुभ होता है।

कन्या कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। बुध ग्रह के लिए काला रंग शुभ माना गया है। ऐसे में कन्या राशि वालों को काले रंग के कपड़े पहनना शुभ कारक होता है। साथ ही उनके ऊपर निगेटिव एनर्जी का असर नहीं होता है। इसके अलावा जीवन की आर्थिक परेशानियों भी खत्म होती हैं।

मिथुन ज्योतिष के मुताबिक मिथुन का स्वामी ग्रह बुध है। बुध ग्रह का मिथुन राशि से अच्छा संबंध होता है। इस राशि वालों को काले रंग का इस्तेमाल करना या कपड़े पहनना बहुत शुभ होता है। मिथुन राशि के लोग यदि बराबर काले रंग को प्रयोग में लाते हैं तो जीवन में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही साथ हर काम में सफलता मिलती है।

मकर ज्योतिष के अनुसार इस मकर राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस राशि वालों को काले कपड़े पहनने से सूर्य देव का साथ-साथ शनि की भी कृपा बनी रहती है। ऐसे में मकर राशि वालों को काले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए। इतना ही नहीं इस राशि वालों के लिए काले रंग के इस्तेमाल से नौकरी में सफलता के साथ-साथ खूब तरक्की होती है।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी