Love Jihad : लव जिहाद के मुद्दे पर छिड़ा सियासी संग्राम, भाजपा नेत्री का तर्क प्यार केवल प्यार होता है

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Political battle broke out on the issue of Love Jihad, BJP leader's argument is love only love
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 01:47 PM
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मध्य प्रदेश के चुनावी मौसम में संघ और भाजपा के दो नेताओं के बीच लव यानि प्यार पर तकरार हो गया है। संघ के बड़े नेता इंद्रेश कुमार और भाजपा की नेता पंकजा मुंडे के बीच लव जेहाद को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में मीडिया के सवाल पर पंकजा मुंडे ने कहा, मुझे लगता है कि प्यार प्यार है। प्यार कोई दीवार नहीं देखता। दूसरी ओर भोपाल में लव जिहाद के सवाल पर संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि प्यार के नाम पर हत्या और धर्मांतरण हो रहा है। प्रेम के नाम पर वासना का व्यापार चल रहा है।

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प्यार, प्यार होता है, इसका सम्मान होना चाहिए भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने जबलपुर में लव जिहाद से जुड़े सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्यार प्यार होता है। इसका सम्मान किया जाना चाहिए। अगर दो लोग विशुद्ध रूप से प्रेम से एक साथ आए हैं, तो इसका सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन, अगर इसके पीछे कुछ कड़वाहट और चालाकी है तो इसे अलग तरह से देखा जाना चाहिए।

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प्रेम के नाम पर चल रहा वासना का बाजार दूसरी ओर, संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने भोपाल में लव जिहाद के मुद्दे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि प्यार के नाम पर हत्या और धर्मांतरण हो रहा है। प्रेम के नाम पर वासना का व्यापार चल रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रेम को धूमिल किया जा रहा है। प्यार के नाम पर हत्या और धर्मांतरण हो रहा है और लोगों ने इसे लव जिहाद बताया है। हम प्यार के नाम पर धोखाधड़ी और हिंसा की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रेम सुपर सोच है। इसमें कई प्रश्न खड़े होते हैं। पहला ये है कि लड़के और लड़की चार बजे तक बात करते हैं और कहते हैं कि हम एक दूसरे के बिना जी नहीं पाएंगे। बीच में ऐसी क्या घटना घटती है कि पता लगता है कि लड़की का कत्ल हो जाता है। सच में ये प्यार है या वासना। राष्ट्र को इसे लेकर सोचना चाहिए।

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मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना इंद्रेश कुमार यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि लड़के लड़की में प्यार होता है, चाहे किसी भी जात-मजहब का हो, लेकिन प्रेम होने के बाद राज खुलता है, तो पता चलता है कि लड़के की असली पहचान दूसरी है। इस तरह धोखे में रखकर प्यार करना, प्रेम है या फ्रॉड या वासना। जब पता भी लग गया, मजहब ये है। हमने लोकतंत्र में तय किया है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। तो ऐसा क्या घटता है कि वो उसे कहता है कि अपनी पहचान बदलो। तो क्या पहचान छिपाना, बदलवाना, सच में प्रेम है या मक्कारी है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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कर्नाटक में कांग्रेस की पहली चुनावी गारंटी लागू, सरकारी बसों में महिलाओं को फ्री यात्रा Karnataka News

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Karnataka News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:09 PM
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Karnataka News / बेंगलुरु। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस की पांच गारंटी में शामिल ‘शक्ति’ योजना को लागू किये जाने के बाद अब महिलाएं रविवार से सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा कर सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस मुफ्त यात्रा सुविधा से प्रतिदिन 41.8 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ होगा और सरकारी खजाने पर सालाना 4,051.56 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। यह योजना, राज्य की मूल निवासी महिलाओं के लिए आज अपराह्न एक बजे से प्रदेश की सीमा के अंदर लागू हो गई।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने यहां विधानसौध की सीढ़ियों से इस योजना की शुरुआत की। इस योजना से महिलाओं एवं छात्राओं को लाभ होगा। राज्य विधानमंडल और सचिवालय को संयुक्त रूप से विधानसौध कहा जाता है।

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उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी कार्यक्रम में मौजूद थे, जहां ‘शक्ति’ योजना के प्रतीक चिह्न का अनावरण किया गया तथा प्रतीकात्मक रूप से पांच महिलाओं को ‘शक्ति स्मार्ट कार्ड’ जारी किये गये। महिलाएं इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकारी पोर्टल ‘सेवा सिंधु’ पर पंजीकरण कराकर ‘शक्ति स्मार्टकार्ड’ के लिए आवेदन कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, जिले के प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिले में इस योजना की शुरुआत करेंगे। राज्य सरकार ने कहा है कि इस योजना से गरीब एवं निम्न मध्यम वर्ग की कामकाजी महिलाओं का यात्रा किराया खर्च घटेगा और इस बचत का उपयोग वे घरेलू खर्च में कर सकती हैं।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हमने आज शक्ति योजना को लागू किया।’’ उन्होंने पांच ‘गारंटी’ के क्रियान्वयन के सिलसिले में उनकी सरकार की निंदा करने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और उस पर लोगों के बीच ‘भ्रम’ पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और आर्थिक गतिविधियों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है।’’

इस योजना की शुरुआत किये जाने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घोषित समय सीमा के अनुसार अन्य गारंटी भी लागू की जाएंगी। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा घोषित पांच गारंटी में से ‘शक्ति’ सबसे पहले शुरू की गई है।

ये चुनावी गारंटी भी हैं योजना में शामिल

कांग्रेस की अन्य चार चुनावी गारंटी में सभी परिवारों को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली (गृहज्योति), हर परिवार की महिला प्रमुख को प्रतिमाह 2,000 रुपये की सहायता (गृहलक्ष्मी), गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार के हर सदस्य के लिए 10 किलोग्राम मुफ्त चावल (अन्न भाग्य), और बेरोजगार स्नातकों को प्रतिमाह 3,000 रुपये तथा बेरोजगार डिप्लोमाधारकों को 1,500 रुपये (युवानिधि) शामिल हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘शक्ति’ योजना की शुरुआत के मौके पर ट्वीट किया, ‘‘आज से कर्नाटक में हर महिला के लिए बस यात्रा निशुल्क - एक और गारंटी हुई पूरी! महिलाओं का सशक्तीकरण और आर्थिक बचत - हमारी जिम्मेदारी, उनका अधिकार, पूरा करेगी कांग्रेस सरकार।’’

कर्नाटक में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा की गारंटी की घोषणा गांधी ने मेंगलुरु में एक चुनाव प्रचार रैली के दौरान की थी। उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस की विशेषता यह है कि वह अपने सभी वादों को पूरा करती है।

अधिकारियों के मुताबिक, छात्राओं समेत सभी महिलाएं जाति, धर्म के आधार पर बिना किसी भेदभाव के इस सुविधा का लाभ उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि साधारण और एक्सप्रेस बसों में मुफ्त यात्रा सेवा का लाभ उठाया जा सकता है। अधिकारियों ने कहा कि योजना में शामिल बसों पर ‘‘महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा’’ स्टिकर लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह सेवा लक्जरी और अंतरराज्यीय बसों के लिए नहीं होगी।

20 किमी. तक ही मिलेगी फ्री सुविधा

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी महिला यात्री को सरकारी बस से कर्नाटक के बाहर जाना होगा तो उससे भी किराया नहीं लिया जाएगा, लेकिन यह सुविधा सीमावर्ती राज्यों में 20 किलोमीटर तक ही मिलेगी। बस टर्मिनल पर ‘महिला दिवस’ जैसा नजारा था, जिसमें महिला यात्रियों का फूल और मिठाइयों से स्वागत किया जा रहा था।

सुमित्रा सिद्धारमैया से स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने वाली महिलाओं में शामिल थीं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि मुझे मुख्यमंत्री से स्मार्ट कार्ड मिला। इस योजना से महिलाओं, विशेष रूप से गरीब और मध्यम वर्ग को मदद मिलेगी।’’

एक महिला बस कंडक्टर ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब महिलाएं उनकी सेवा अवधि के दौरान सरकारी बसों में मुफ्त में यात्रा करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक महिला के रूप में बहुत खुश हूं क्योंकि इस योजना से महिलाओं को मदद मिलेगी।’’ सरकार ने सड़क परिवहन निगमों को अपनी बसों में पुरुषों के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित करने को कहा है। Karnataka News

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जिस बच्ची को जन्म लेते ही जिंदा दफना दिया, उसी ने किया बिरादरी का नाम रोशन

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PadmaShri Gulabo
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:27 AM
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सुशील कुमार शर्मा, स्वतंत्र पत्रकार

पद्मश्री गुलाबो (PadmaShri Gulabo) सपेरा और उनका कालबेलिया नृत्य दुनिया में आज जाना- पहचाना नाम है। गुलाबो राजस्थान की जिस घुमंतू आदिवासी समुदाय से है वहां लड़कियों को डांस कराने की मनाही थी, लेकिन पिता भैरूनाथ की प्रेरणा से उसने सांपों की खास शैली में नाचने को सपेरों के कालबेलिया डांस के रूप में दुनियाभर में पहचान दिलाई। PadmaShri Gulabo

PadmaShri Gulabo

जमीन में गाड़ दिया था जिंदा

आपको बता दें कि सात भाई -बहनों में सबसे छोटी गुलाबो को पैदा होने के पांच घंटे बाद ही जमीन में गाड़ दिया गया था। परंतु वह जिंदा रही और दुनियाभर में अपनी बिरादरी और देश का नाम रोशन किया। उसका अधिकांश जीवन सपेरा डांस और अपने समुदाय और संगीत के इर्द-गिर्द ही रहा है। उनके लिए कालबेलिया डांस और संगीत ही जीवनभर की पूंजी है। गुलाबो का कहना है कि यह डांस मेरे साथ ही जन्मा और आगे बढ़ा है। समाज के लोगों ने उन्हें डांस करने के कारण समाज से निकाल दिया था। उसे समाज का कलंक तक कहा गया। इसके बावजूद उन्होंने डांस करना नहीं छोड़ा। संघर्ष के दिनों में वर्ष 1985 में जब वह पहली बार परफार्मेंस देने अमेरिका गयी तो उससे कुछ दिन पहले ही उसके पिता का निधन हो गया था। इसके बावजूद वह अपने पिता की स्वप्रेरणा से अमेरिका जाकर न केवल परफार्म करने गयी बल्कि पूरी दुनिया में राजस्थान के लोकनृत्य कालबेलिया को नई पहचान दिलाई।

अजमेर में डांस स्कूल खोलना चाहती है गुलाबो

कभी उसे समाज का कलंक कहने वाले बिरादरी के लोग आज गुलाबो को समाज का गौरव मानते हैं जिसने घुमंतू आदिवासी समुदाय की बेटियों को डांस के बूते जीने का अधिकार व सम्मान दिलाया। गुलाबो ने कहा है कि वह जीवन में बहुत कुछ हासिल कर चुकी है इसलिए वह नई पीढ़ी को अनुभव लौटाने के लिए अजमेर में कालबेलिया डांस स्कूल खोलना चाहती है। PadmaShri Gulabo

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