Assembly elections चर्चाओं में रहने के लिए क्या कुछ नहीं कर रहे नेता, देखें ये तस्वीरें

Dr sanjeev baliyan
Assembly elections
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Jan 2022 06:34 PM
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Assembly elections : उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) की सरगर्मियां जोरों पर हैं। ऐसे में नेता, मंत्री और यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए तथा चर्चा में बने रहने के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं। इन दिनों केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर सांसद डा. संजीव बालियान और उनकी पत्नी डा. सुनीता बालियान खासी चर्चाओं में है।

केंद्रीय मंत्री डा. संजीव बालियान इन दिनों एक फोटों की वजह से चर्चाओं में है। वह खाट पर बैठकर एक ठैठ देहाती की भांति एक भोजन कर रहे हैं, तो उनकी पत्नी डा. सुनीता मिट्टी के चूल्हे पर भोजन और फूंक मारती नजर आ रही है। वहीं एक अन्य फोटो में डा. सुनीता बालियान पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़े कड़ाही में हलवा बनाती नजर आ रही है।

[caption id="attachment_15771" align="alignnone" width="600"]Assembly elections Assembly elections[/caption]

डॉ. संजीव बालियान और उनकी पत्नी डॉ. सुनीता बालियान पेशे से पशु चिकित्सक हैं। राजनीति में आने से पहले संजीव बालियन 2013 तक पशु चिकित्सक के रूप में सरकारी सेवा में थे। वह एक किसान परिवार से संबंध रखते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा की जाट राजनीति के वह प्रमुख रणनीतिकार माने जाते हैं। मुजफ्फरनगर से लगातार दो बार लोकसभा का चुनाव जीत कर डा. संजीव बालियान ने अपनी क्षमता साबित भी की है। 2022 के विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा के लिए 2017 की तरह अनुकूल परिस्थितियां नहीं हैं। किसान आंदोलन की वजह से भाजपा की राजनीति इस इलाके में कुछ लड़खड़ायी है। इसलिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और संजीव बालियान खुद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेरा जमाये हुए हैं। इस बीच संजीव बालियान के दिल्ली स्थित सरकारी बंगले की एक तस्वीर सार्वजनिक हुई जिसमें उनकी पत्नी सुनीता ईंट से बने चूल्हे पर एक बड़े कड़ाहे में हलवा बना रहीं हैं।

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माना जा रहा है कि ये हलवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए बनाया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री की पत्नी भाजपा कार्यकर्ताओं को अपने हाथों से बना हलवा खिला कर उनका भवनात्मक रूप से समर्थन कर रही हैं। संजीब बालियान और सुनीता बालियन अपने सरकारी बंगले की जमीन पर खुद ही सब्जियों की खेती बी करते हैं। संजीब बालिय़ान खुद कुदाल चला कर खेतों की क्यारियां तैयार करते हैं।

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डॉ. सुनीता भी इस काम में पति की सहयोग करती हैं। मार्च 2020 में जब कोरोना संकट के समय पहली बार लॉकडाउन लगा था उस समय एक तस्वीर चर्चा में रही थी। इस तस्वीर में डॉ. संजीव बालियान खेत में कुदाल चला रहे हैं और डॉ.सुनीता बालियान पत्तागोभी की क्यारियों की निकौनी कर रही हैं।

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UP Election 2022: हमारा भावी विधायक कैसा हो

Former MP and MLA 1 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:16 AM
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Noida : नोएडा। गौतमबुद्धनगर में इन दिनों चुनावी माहौल है। सभी राजनैतिक दलों के प्रत्याशी तय हो गये और चुनावी प्रचार में जुटे हैं। गौतमबुद्धनगर सहित प.उप्र के अधिकतर जिलों में 10 फरवरी को पहले चरण के लिए वोटिंग होगी। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी जहां अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। वहीं नोएडा, ग्रेटरनोएडा, दादरी व जेवर विधानसभा की जनता भी अपने भावी विधायक से कुछ अपेक्षाएं रखती है। जनता की इन्हीं उम्मीदों को हम अपने जागरूक पाठकों के सामने ला रहे हैं। पाठक हमें भावी विधायक को लेकर अपने विचार हमारे फोन नंबर-8750041610 ई-मेल chetnamanch.pr@gmail.com पर भेज सकते हैं। हम पाठकों के विचारों को जनता के सामने रखेंगे। गौतमबुद्धनगर की तीनों विधानसभा नोएडा, दादरी व जेवर के भावी विधायक के लिए जनता 10 फरवरी को वोट डालेगी। ठीक एक महीने बाद (10 मार्च) को जनता-जर्नादन का फैसला सबके सामने होगा। अपना फैसला सुनाने से पहले जनता अपने भावी विधायक से ढ़ेर सारी उम्मीदें लगाए हुए हैं। उन्हीं उम्मीदों को हम पाठकों के सामने रख रहे हैं। Dharmender Nanda विधायक से हर कोई मिल सके अंतर्राष्ट्रीय भगवा सेना के संगठन मंत्री व राष्ट्रीय महासचिव सेक्टर-50 निवासी धर्मेन्द्र नंदा ने भावी विधायक को लेकर कहा कि विधायक ऐसा होना चाहिए जो कि आम जनता की पहुंच में हो। क्योंकि अमीर व रसूखदार वर्ग के लोग अपना कार्य विधायक से करवा लेते हैं परन्तु गरीब व निचले तबके के लोग विधायक तक नहीं पहुंच पाते। विधायक को चाहिए कि वे आम जनता की समस्याओं को सुनकर उनका तुरंत समाधान करवाने की क्षमता रखता हो। Rishipal Awana गांव व शहर दोनों क्षेत्रों में करे विकास सेक्टर-99 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष व निवासी ऋषिपाल अवाना ने कहा कि विधायक ऐसा होना चाहिए जो कि क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी रखता हो व उन्हें दूर करने के लिए कार्यरत रहे। श्री अवाना ने कहा कि इसी के साथ गांव व शहर दोनों के विकास के लिए कार्य करें। Surender Nahta नया विधायक चुनने से होगी दिक्कत एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन नोएडा के जिलाध्यक्ष व सेक्टर-19 निवासी सुरेन्द्र नाहटा ने कहा कि हमें अब ऐसे विधायक का चुनाव करना चाहिए जो कि पूर्व में 5 साल शहर के विकास के लिए कार्य कर चुका है। साथ ही वे शहर की हर समस्या व संस्था से परिचित है। उनके लिए कार्य कर चुके हैं। ऐसे में किसी नए विधायक के चुनाव होने पर उन्हें नए सिरे से सभी बातों से अवगत करवाना होगा। इसलिए उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए ताकि क्षेत्र का विकास अधिक व तीव्र गति से किया जा सके। Dr Naresh Sharma क्षेत्र की समस्याओं से हो परिचित सेक्टर-37 निवासी डा. नरेश शर्मा ने कहा कि हमारा विधायक सर्वप्रथम पढ़ा-लिखा होना चाहिए। जिसे क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी हो तथा उनका समाधान करवाने में सक्षम हो। साथ ही विधायक आम जनता की पहुंच में होना चाहिए। विधायक को न सिर्फ धनाडय वर्ग अपितु गरीब व निचले तबके के लोगों की समस्याओं की भी जानकारी हो। Sunita Rawat विधायक ने किया है विकास सेक्टर-62 निवासी श्रीमती सुनीता रावत ने कहा कि हमारे वर्तमान विधायक शहर के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। शहर की समस्याओं का निस्तारण भी किया जा रहा है। श्रीमती रावत ने कहा कि पूर्व में लोगों ने सिर्फ वायदे व बातें की हैं, परन्तु भाजपा सरकार नेे बातें नहीं की परन्तु कार्यों पर ध्यान दिया गया है। Ravi Yadav किसानों व नौजवानों की सुनें जनसेवा दल के अध्यक्ष व सेक्टर-73 सर्फाबाद निवासी रवि यादव ने कहा कि विधायक ऐसा होना चाहिए जो कि खासतौर पर किसानों व नौजवानों को रोजगार दिलवाए। वह राष्ट्रवाद की बात न करके बल्कि क्षेत्र की बात करे। समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करें। श्री यादव ने कहा कि इस समय शहर की मुख्य समस्या पानी व बिल्डरों की मनमानी है। जिसका हल करने का प्रयास करे। उन्होंने कहा कि इस समय शहर में प्राधिकरण की मनमानी से आम जनता को राहत दिलवाने के लिए कार्य करें।
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Death Anniversay: बापू तुम ज़िंदा हो!

Mahatama Gandhi 2
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Jan 2022 04:43 PM
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 विनय संकोची आज राष्ट्रपिता (Father of Nation ) महात्मा गांधी Mahatma Gandhi की पुण्यतिथि (Death Anniversary) है। उन बापू की पुण्यतिथि जिनके बारे में महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि आने वाली पीढिय़ों को यकीन ही नहीं होगा कि हाड़-मांस का ये व्यक्ति कभी पृथ्वी पर चला भी होगा। और मैं यह कहता हूं कि गांधी युग के लोगों ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा आएगा जब महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया जाएगा, जब बापू की मूर्ति की जगह नाथूराम का मंदिर बनाने का संकल्प लिया जाएगा, जब राष्ट्रपिता को चतुर बनिया कहा जाएगा और जब भारतीय करेंसी से गांधी का चित्र हटाने की मांग उठाई जाएगी। गांधी युग के लोगों ने सोचा तो यह भी नहीं होगा कि कथित रूप से गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार लोग/संगठन अपनी सुविधा के लिए बापू के महिमा मंडन का दिखावा करेंगे। महात्मा गांधी यदि सामान्य मृत्यु को भी प्राप्त होते, तब भी अमर ही रहते लेकिन तब नाथूराम गोडसे का कोई नाम लेवा न होता, बापू की हत्या कर गोडसे जरूर हमेशा के लिए इतिहास का हिस्सा बन गया। गांधी तो मरकर भी अपने हत्यारे पर उपकार कर गये और गोडसे को चाहने वाले गांधी को गद्दार कहने में तनिक भी झिझक महसूस नहीं करते हैं। किसी को लगे या न लगे लेकिन यह सच है कि यदि गांधी आज जिन्दा होते तो राजनीतिक दृष्टि से जिल्लत की जिन्दगी जी रहे होते, आये दिन अपमानित होते, बंद कमरे में अकेले बैठकर सुबक-सुबक कर रोते। भारतीय जनता पार्टी ने आजन्म कांग्रेसी रहे देश के प्रथम गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल (Sardar Patel) को राजनीतिक कारणों से अपने आदर्श के रूप में स्वीकार कर लिया। लेकिन उन्हीं सरदार पटेल ने भाजपा के मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को परोक्ष रूप से महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया था। सरदार पटेल ने गुरु गोलवलकर को पत्र लिखकर साफतौर पर कहा था कि गांधी की हत्या के लिए देश में जो जहरीला वातावरण बना है उसके लिए आरएसएस जिम्मेदार है। सरदार ने आगे लिखा-'संघ ने गांधी को केवल सुविधा के तौर पर स्वीकार किया है। क्योंकि उसे महसूस हो गया है कि गांधी की हत्या के बाद भी वो मरे नहीं हैं।' हालांकि आरएसएस कभी गोडसे को अपना स्वयंसेवक स्वीकारने का साहस नहीं दिखा पाया है लेकिन सच्चाई यही है कि गोडसे संघ से जुड़ा हुआ था। नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे नेे 28 जनवरी, 1994 को 'फ्रंटलाइन' को दिए एक साक्षात्कार में साफ-साफ कहा था-'हम सभी भाई आरएसएस में थे। नाथूराम, दत्तात्रेय, मैं खुद और गोविंद। आप कह सकते हैं कि हम अपने घर में नहीं, आरएसएस में पले-बढ़े हैं। आरएसएस हमारे लिए परिवार था। नाथूराम आरएसएस में बौद्धिक कार्यवाह बन गये थे। नाथूराम ने अपने बयान में आरएसएस छोडऩे की बात कही थी। उन्होंने यह बयान इसलिये दिया था क्योंकि गोलवलकर और आरएसएस गांधी की हत्या के बाद मुश्किल में फंस जाते, लेकिन नाथूराम ने आरएसएस नहीं छोड़ा था।' गोपाल गोडसे (Gopal Godse) के मुताबिक नाथूराम गोडसे ने बौद्धिक कार्यवाह रहते हुए ही 1944 में हिंदू महासभा (Hindu Maha Sabha) के लिए काम करना शुरू किया था। हिंदू महासभा ने गोडसे को सार्वजनिक तौर से अपना स्वीकार किया लेकिन आरएसएस इस सच को स्वीकार करने से सदा परहेज करता रहा। जानकार बताते हैं कि उस समय आरएसएस और हिंदू महासभा अलग संगठन नहीं थे। सरदार पटेल ने ठीक ही कहा था कि गांधी की हत्या के बाद भी गांधी मरे नहीं हैं। लेकिन आज गांधी के विचारों की हत्या कर 'गांधी को मारने' का प्रयास किया जा रहा है। आज विभिन्न कारणों से, विभिन्न स्वार्थ और हितपूर्ति के लिए गांधी के नाम को बेमन से जिंदा रखा जा रहा है। महात्मा गांधी की हत्या का सीधा जिम्मेदार उग्र हिन्दुत्व की राजनीति का झंडा उठाये नाथूराम गोडसे था। गांधी जी की हत्या स्वतंत्र भारत की पहली आतंकवादी कार्यवाही थी, जिसे कट्टर हिन्दुत्ववादी सोच ने अंजाम दिया। आज सात दशक बाद भी गांधी की हत्या के दिन पर खुश होने वाले लोग आखिर चाहते क्या हैं? मेडगर एवर्स ने कहा है-'आप इंसान को तो मार सकते हो लेकिन उसके विचार को कभी नहीं मार सकते।' किसी ने ठीक कहा है कि हत्यारी सोच यह जानती थी इसलिए उसने सबसे पहले गांधी को मारा और उसके बाद गांधी की सोच को मारने के लिए 72 सालों से प्रयासरत हैं, और बहुत हद तक उन्हें सफलता भी मिली है। गांधी नाथूराम को पसंद नहीं थे, मार दिया। लेकिन क्या सिद्धांत सही है कि जो पसंद न हो उसे मार दो?