Crypto Currency : भारत ने क्रिप्टो के नियमन पर आईएमएफ, एफएसबी से दस्तावेज तैयार करने को कहा

Cripto
India asked IMF, FSB to prepare documents on Crypto's regulation
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:12 AM
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बेंगलुरु। जी-20 के अध्यक्ष भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) को क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर तकनीकी दस्तावेज मिलकर तैयार करने को कहा है। इसका इस्तेमाल क्रिप्टो संपत्तियों के नियमन के लिए एक समन्वित और समग्र नीति बनाने में किया जाएगा।

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वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी बयान में यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, जी20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक गवर्नरों की बेंगलुरु में जारी बैठक के दौरान आईएमएफ एवं एफएसबी इस संयुक्त दस्तावेज को पेश कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा कि नीतिगत ढांचे की आवश्यकता पर चल रही बातचीत को पूरा करने के लिए, भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने आईएमएफ और एफएसबी के संयुक्त तकनीकी दस्तावेज का प्रस्ताव दिया है, जो क्रिप्टो-परिसंपत्तियों के व्यापक आर्थिक और विनियामक मामलों को देखेगा। इससे क्रिप्टो संपत्तियों को लेकर समन्वित और समग्र नीति बनाने में मदद मिलेगी।

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भारत का मानना है कि क्रिप्टो मुद्राओं के वर्चुअल परिसंपत्ति होने से इसका समुचित नियमन अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बगैर नहीं किया जा सकता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आईएमएफ और एफएसबी को एक तकनीकी दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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International Relations : जर्मनी के चांसलर शोल्ज दो-दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे

Olad
Chancellor Scholz of Germany arrived in India on a two-day visit
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Feb 2023 05:21 PM
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नई दिल्ली। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज दो-दिवसीय यात्रा पर शनिवार को भारत पहुंचे। उम्मीद है कि नवीन तकनीक, स्वच्छ ऊर्जा, व्यापार और निवेश समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समग्र द्विपक्षीय संबंधों में और विस्तार होगा। शोल्ज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर व्यापक विषयों पर वार्ता करेंगे। उसमें यूक्रेन युद्ध, हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपाय जैसे बिंदु शामिल होंगे। शीर्ष पद पर एंजेला मर्केल के 16 साल के ऐतिहासिक कार्यकाल के बाद दिसंबर, 2021 में जर्मनी का चांसलर बनने के बाद शोल्ज की यह पहली भारत यात्रा है।

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मोदी-शोल्ज वार्ता के व्यापक एजेंडे से अवगत लोगों ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के परिणामों को बातचीत में प्रमुखता मिलेगी। उन्होंने कहा कि वार्ता का जोर व्यापार, रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और नई तकनीक के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर होगा। दोनों नेताओं के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समग्र स्थिति पर विचार करने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में पिछले कुछ सालों के दौरान चीन की बढ़ती आक्रामकता देखी गई है।

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इससे पहले मोदी और शोल्ज के बीच द्विपक्षीय वार्ता इंडोनेशिया के शहर बाली में पिछले साल 16 नवंबर को हुई थी। जबकि दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक पिछले साल दो मई को हुई थी, जब मोदी छठवीं भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) में हिस्सा लेने बर्लिन गये थे। जर्मनी और भारत के बीच संबंधों में कई क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों के दौरान तेजी आई है। शोल्ज रविवार की सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे, जहां से वह शाम साढ़े पांच बजे प्रस्थान करेंगे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Pashmina Shawl : अतीत बन सकता है विश्व प्रसिद्ध पश्मीना शॉल

Showl
Past can become world famous Pashmina Shawl
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Feb 2023 05:02 PM
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श्रीनगर। सरकार ने अगर घाटी की पश्मीना शॉल बुनाई की विधा को जीवित रखने के​ लिए कोई कारगर उपाय नहीं किया तो विश्व प्रसिद्ध यह कला अतीत बन सकती है। कम मजदूरी के कारण निकट भविष्य में विश्व प्रसिद्ध कानी पश्मीना शॉल बुनने वाले कारीगरों का अभाव हो सकता है। कई कारीगर अपने बच्चों को शिल्प की इस विधा से दूर रखने का निर्णय कर रहे हैं।

Pashmina Shawl

कश्मीरी ऊन से बनी कानी शॉल को स्थानीय रूप से पश्मीना शॉल के रूप में जाना जाता है। इसकी कताई लकड़ी की सुइयों का उपयोग करके हथकरघे पर की जाती है। एक कानी शॉल को पूरा होने में तीन महीने से लेकर तीन साल तक का समय लग सकता है, जो उसकी डिजाइन की जटिलता और गहनता पर निर्भर करता है।

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कारीगर अर्शीद अहमद ने बताया कि हम कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। दो दशक पहले हमें एक शॉल के बदले 60 हजार रुपये मिल जाया करते थे, लेकिन अब यह रकम घटकर प्रति शॉल 25 हजार रुपये रह गई है। मेरे जैसे कारीगरों को औसत रूप से बेहद मामूली रकम मिल रही है। हम प्रतिदिन 200 से 300 रुपये कमाते हैं। हालांकि, कश्मीर में अकुशल श्रमिकों की प्रतिदिन की कमाई 650 रुपये है। कारीगर जब देखते हैं कि सेलेब्रिटी उनके कठिन कार्य का प्रदर्शन कैमरों के सामने कर रहे हैं, तो उनके बीच नाराजगी का पनपना कोई असामान्य बात नहीं है, क्योंकि वे इस शॉल को मामूली मजदूरी पर बनाने के लिए मजबूर हैं।

Pashmina Shawl

एक अन्य कारीगर जहूर अहमद कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन और अभिनेता शाहरुख खान समेत अन्य मशहूर हस्तियां इस शॉल का उपयोग करती हैं। दो कारीगर लगातार काम करके एक शॉल को दो महीने में बनाते हैं। उन्हें इसके बदले 40 हजार रुपये मिलते हैं। जहूर ने कहा कि कानी शॉल बनाने में बहुत से लोग शामिल थे, लेकिन अब कम मजदूरी के कारण केवल कुछ ही कामगार रह गये हैं। जहूर और अर्शीद, दोनों ही नहीं चाहते कि उनके बच्चे गुजर-बसर के लिए कानी शॉल की बुनाई करें।

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एक हथकरघा के मालिक मुस्ताक ने कानी शॉल की गिरती मांग पर अलग राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कश्मीर में 50,000 हथकरघे हैं, जबकि इसके पहले इनकी संख्या केवल 5000 थी। ऐसे में आप कानी शॉल की मांग का अंदाजा लगा सकते हैं। अहमद ने कहा कि शॉल की कीमत और कारीगर की मजदूरी डिजाइन के आधार पर तय होती है। हस्तशिल्प विभाग के निदेशक महमूद शाह ने कहा कि भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग की शुरुआत के साथ कारीगरों की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।