Adani Group: अडाणी समूह अपने कारोबार में बड़ा बदलाव, जानें क्या है योजना

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अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही अडानी एंटरप्राइजेज (एईएल) समूह के लिए कारोबार ‘इनक्यूबेटर’ है। हाल के बरसों में बंदरगाह, बिजली और शहर गैस जैसे कारोबार को एईएल में शामिल किया गया। बाद में इन्हें सूचीबद्ध इकाई के रूप में अलग कर दिया गया। एईएल के पास वर्तमान में हाइड्रोजन जैसा नया कारोबार है। समूह की योजना अगले 10 साल में इसकी मूल्य श्रृंखला, तेजी से बढ़ते हवाई अड्डा क्षेत्र परिचालन, खनन, डाटा केंद्र, सड़क और लॉजिस्टिक्स में 50 अरब डॉलर का निवेश करने की है। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अलग करने से पहले इन कारोबार क्षेत्रों को बुनियादी निवेश स्तर और परिपक्वता हासिल करनी होगी।’’ समूह हाइड्रोजन के सबसे कम लागत वाले उत्पादकों में से एक बनना चाहता है। हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है जिसमें कॉर्बन उत्सर्जन शून्य होता है। इसके अलावा समूह हवाई अड्डा क्षेत्र पर भी बड़ा दांव लगा रहा है। आने वाले वर्षों में समूह का इरादा सरकारी सेवाओं से बाहर देश में सबसे बड़ा सेवा आधार बनाने का है। गौतम अडाणी (60) ने एक व्यापारी के रूप में शुरुआत की थी। उन्होंने बड़ी तेजी से बंदरगाह और कोयला खनन पर केंद्रित अपने साम्राज्य का विस्तार किया और आज वह हवाई अड्डा, डाटा केंद्र और सीमेंट के साथ-साथ हरित ऊर्जा क्षेत्र में भी उतर चुके हैं। अडाणी अब एक मीडिया कंपनी के मालिक भी हैं। सिंह ने कहा कि अनुवर्ती शेयर बिक्री का उद्देश्य अधिक खुदरा, उच्च नेटवर्थ और संस्थागत निवेशकों को लाकर शेयरधारक आधार को व्यापक करना है। एईएल एफपीओ से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल हाइड्रोजन परियोजनाओं के वित्तपोषण, हवाई अड्डा सुविधाओं के विस्तार और नए एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करेगी। इससे वह अपने कर्ज के बोझ को भी कुछ कम कर सकेगी। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा। कंपनी एफपीओ के तहत शेयरों की बिक्री 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर के मूल्य दायरे में करेगी।Roadrage: पुलिस ने वाहन चालकों से संयम बरतने की अपील की
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अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही अडानी एंटरप्राइजेज (एईएल) समूह के लिए कारोबार ‘इनक्यूबेटर’ है। हाल के बरसों में बंदरगाह, बिजली और शहर गैस जैसे कारोबार को एईएल में शामिल किया गया। बाद में इन्हें सूचीबद्ध इकाई के रूप में अलग कर दिया गया। एईएल के पास वर्तमान में हाइड्रोजन जैसा नया कारोबार है। समूह की योजना अगले 10 साल में इसकी मूल्य श्रृंखला, तेजी से बढ़ते हवाई अड्डा क्षेत्र परिचालन, खनन, डाटा केंद्र, सड़क और लॉजिस्टिक्स में 50 अरब डॉलर का निवेश करने की है। सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अलग करने से पहले इन कारोबार क्षेत्रों को बुनियादी निवेश स्तर और परिपक्वता हासिल करनी होगी।’’ समूह हाइड्रोजन के सबसे कम लागत वाले उत्पादकों में से एक बनना चाहता है। हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जा रहा है जिसमें कॉर्बन उत्सर्जन शून्य होता है। इसके अलावा समूह हवाई अड्डा क्षेत्र पर भी बड़ा दांव लगा रहा है। आने वाले वर्षों में समूह का इरादा सरकारी सेवाओं से बाहर देश में सबसे बड़ा सेवा आधार बनाने का है। गौतम अडाणी (60) ने एक व्यापारी के रूप में शुरुआत की थी। उन्होंने बड़ी तेजी से बंदरगाह और कोयला खनन पर केंद्रित अपने साम्राज्य का विस्तार किया और आज वह हवाई अड्डा, डाटा केंद्र और सीमेंट के साथ-साथ हरित ऊर्जा क्षेत्र में भी उतर चुके हैं। अडाणी अब एक मीडिया कंपनी के मालिक भी हैं। सिंह ने कहा कि अनुवर्ती शेयर बिक्री का उद्देश्य अधिक खुदरा, उच्च नेटवर्थ और संस्थागत निवेशकों को लाकर शेयरधारक आधार को व्यापक करना है। एईएल एफपीओ से जुटाई गई राशि का इस्तेमाल हाइड्रोजन परियोजनाओं के वित्तपोषण, हवाई अड्डा सुविधाओं के विस्तार और नए एक्सप्रेसवे के निर्माण पर करेगी। इससे वह अपने कर्ज के बोझ को भी कुछ कम कर सकेगी। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा। कंपनी एफपीओ के तहत शेयरों की बिक्री 3,112 से 3,276 रुपये प्रति शेयर के मूल्य दायरे में करेगी।Roadrage: पुलिस ने वाहन चालकों से संयम बरतने की अपील की
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