Meta Layoffs : क्या संकट में है फेसबुक, फिर से गहराया नौकरी का संकट.

WhatsApp Image 2023 03 13 at 10.27.56 AM
Facebook New Update
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:23 AM
bookmark
Meta Layoffs : मेटा कंपनी जो फेसबुक की पैरेंट कंपनी है एक बार फिर से फेसबुक में छंटनी की तैयारी कर रही गौरतलब है की पिछले साल ही कंपनी में गैर-इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों की छंटनी हुई थी तथा इस बार भी तेरह प्रतिशत यानी की लगभग ग्यारह से बारह हजार कर्मचारियों की नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है. इस बार भी यही अंदेशा लगाया जा रहा है की पिछली बार की तरह ही छंटनी की शुरुआत गैर-इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट से ही होगी.

Uttrakhand लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तराखंड की पांचों सीटें फिर भाजपा के हिस्से आएंगी : धामी

Meta Layoffs :

आखिर क्यों है यह चिंता का विषय. द वाल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेटा कंपनी एक बड़े स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. जाहिर तौर पर अगर मेटा कंपनी कर्मचारियों की छंटनी करती है तो इसका सीधा असर फेसबुक में चल रहें प्रोजेक्ट पर भी पड़ेगा तथा वित्तीय बाजार में भी एक संकट का माहौल उत्पन्न हो जाएगा जिससे कही न कही दिग्गज कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों में भी असुरक्षा का माहौल उत्पन्न हो जाएगा.

US News : ट्रंप के विनियमन नीतियों को पलटने के लिए कांग्रेस को एकजुट होने की जरूरत : रो खन्ना

क्या यह आथिर्क संकट का इशारा है. दो साल पहले ही मेटा ने 21000 कर्मचारियों को काम पर रखा था तथा उसके साल भर बाद ही उसने कंपनी में तेरह प्रतिशत की छंटनी कर दी और अब फिर से एक बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. मेटा के इस फैसले का असर वित्तीय बाजार पर पड़ने वाला है. दरअसल कोविड के बाद से अधिकांश बड़ी कंपनिया वर्क फोर्म होम को अपना रही है इससे उनका वित्तीय खर्च भी कम हुआ है ऐसे में देखने वाली बात यह है की इस प्रकार की छंटनी बार-बार करने से मेटा अपनी वित्तीय स्थिती को कैसे मजबूत करती है. नीलाभ प्रकाश
अगली खबर पढ़ें

US News : ट्रंप के विनियमन नीतियों को पलटने के लिए कांग्रेस को एकजुट होने की जरूरत : रो खन्ना

Khanna
Congress needs to unite to reverse Trump's regulation policies: Ro Khanna
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 09:09 PM
bookmark
वाशिंगटन। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान लागू की गई विनियमन नीतियों को बदलने के लिए कांग्रेस से एकजुट होने का अनुरोध किया है। रो खन्ना का कहना है कि सिलिकॉन वैली बैंक के दिवालिया होने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए विनियमन नीतियों को बदलने की आवश्यकता है।

Delhi News : दिल्ली के वसंत कुंज में कुत्तों के हमले में दो बच्चों की मौत

US News

रो खन्ना ने एक बयान में कहा कि मुझे खुशी है कि वित्त विभाग ने लोगों की परेशानियों को सुना और कामगारों, नवाचार और अर्थव्यवस्था की रक्षा करने के लिए कदम उठाए। लेकिन, काम यहीं खत्म नहीं होता है। सिलिकॉन वैली बैंक (एसवीबी) के खाताधारक और जमाकर्ता सोमवार से बैंक में जमा अपनी धनराशि का लेन-देन कर सकेंगे।

UP IPS Officer Transfer फिर चली तबादला एक्सप्रेस, 12 IPS अफसरों का स्थानांतरण

US News

कांग्रेस सदस्य ने कहा कि हम 2008 से जानते हैं कि इस तरह के संकट को रोकने के लिए कड़े नियमों की जरूरत है। भविष्य की अस्थिरता को रोकने के लिए ट्रंप प्रशासन की ओर से लागू की गई विनियमन नीतियों को बदलने के लिए कांग्रेस को एकजुट होने की जरुरत है। रो खन्ना अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में सिलिकॉन वैली का प्रतिनिधित्व करते हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

Business News : जीआई को बढ़ावा देने के लिए पात्र एजेंसियों की आर्थिक मदद करेगी सरकार

Chawal
Government will provide financial assistance to eligible agencies to promote GI
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 Mar 2023 09:48 PM
bookmark
नई दिल्ली। सरकार भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पहल करने वाली पात्र एजेंसियों को वित्तीय मदद प्रदान करेगी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने जीआई को बढ़ावा देने के लिए पहल करने पर वित्तीय मदद देने के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं।

Business News

Right To Education Act: मुफ़्त शिक्षा RTE पाने के इच्छुक बच्चों के एक हज़ार से भी अधिक आवेदन निरस्त

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत काम करने वाला डीपीआईआईटी निवेश और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के मामले देखता है। जीआई एक प्रकार का आईपीआर है। मुख्य रूप से एक कृषि, प्राकृतिक या विनिर्मित उत्पाद (हस्तशिल्प और औद्योगिक सामान) है जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होता है। आमतौर पर, जीआई गुणवत्ता और विशिष्टता का आश्वासन देता है और इसकी वजह अनिवार्य रूप से इसका मूल स्थान होता है।

Business News

MP Murder Case : युवक ने क्यों की पत्नी और तीन नाबालिग बेटियों की हत्या, पढ़ें पूरी कहानी

जीआई टैग पाने वाली प्रमुख वस्तुओं में बासमती चावल, दार्जिलिंग चाय, चंदेरी कपड़ा, मैसूर सिल्क, कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, तंजौर चित्र, इलाहाबाद का सुर्खा, फर्रुखाबाद की छपाई, लखनऊ की जरदोजी और कश्मीर की अखरोट की लकड़ी की नक्काशी हैं। डीपीआईआईटी ने कहा कि जीआई को बढ़ावा देने के लिए पहल करने वाली पात्र एजेंसियों को 100 प्रतिशत अनुदान सहायता के रूप में वित्तीय सहायता दी जाएगी। जीआई पंजीकरण के अन्य लाभों में उत्पाद की कानूनी सुरक्षा, किसी अन्य द्वारा उसके अनधिकृत उपयोग पर रोक और निर्यात को बढ़ावा भी हैं। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।