करवा चौथ पर भूलकर भी न करें ये काम! माने जाते हैं अपशकुन

करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में न केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते में अटूट प्रेम, विश्वास और समर्पण की भावना को भी दर्शाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी ग्रहण कर निर्जला व्रत की शुरुआत करती हैं और रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है। Karwa Chauth 2025
करवा चौथ पर झगड़ा और रोना क्यों है वर्जित?
शास्त्रों के अनुसार, करवा चौथ का दिन पति-पत्नी के प्रेम और आपसी सामंजस्य का प्रतीक होता है। ऐसे में इस दिन किसी प्रकार का झगड़ा, क्रोध या रोना अशुभ माना गया है। यह व्रत सकारात्मक भावनाओं, स्नेह और संयम पर आधारित होता है। यदि इस दिन महिला रोती है या पति से वाद-विवाद करती है, तो माना जाता है कि इससे व्रत की पवित्रता भंग होती है और उसका फल कम हो जाता है।
रोना या झगड़ा करने से नकारात्मक ऊर्जा और दुख की भावना पैदा होती है, जो इस शुभ पर्व के उद्देश्य—पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख—को प्रभावित करती है। इसलिए इस दिन महिलाओं को धैर्य और मधुरता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
यह भी पढ़े: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को लगा तगड़ा झटका
करवा चौथ पर किन चीजों से बचना चाहिए
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झगड़ा या अपमान: पति या किसी बड़े-बुजुर्ग से झगड़ा करना अथवा अपमानजनक शब्द कहना व्रत को अशुभ बनाता है।
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रोना या उदासी: व्रत के दौरान दुखी मन या आंसू बहाना व्रत की शुभता को कम करता है।
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नुकीली चीजों का प्रयोग: इस दिन सुई, कैंची या किसी भी नुकीले औजार का उपयोग अशुभ माना गया है।
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सिलाई-कढ़ाई न करें: सिलाई, बटन टांकना या कढ़ाई करने से व्रत की ऊर्जा में बाधा आती है, इसलिए इससे परहेज करना चाहिए।
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अनावश्यक नींद से बचें: दिन में अधिक सोना या दूसरों को नींद से जगाना भी शुभ नहीं माना जाता। Karwa Chauth 2025
करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में न केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक है, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते में अटूट प्रेम, विश्वास और समर्पण की भावना को भी दर्शाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी ग्रहण कर निर्जला व्रत की शुरुआत करती हैं और रात में चांद को अर्घ्य देकर व्रत का समापन करती हैं। माना जाता है कि इस व्रत से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है। Karwa Chauth 2025
करवा चौथ पर झगड़ा और रोना क्यों है वर्जित?
शास्त्रों के अनुसार, करवा चौथ का दिन पति-पत्नी के प्रेम और आपसी सामंजस्य का प्रतीक होता है। ऐसे में इस दिन किसी प्रकार का झगड़ा, क्रोध या रोना अशुभ माना गया है। यह व्रत सकारात्मक भावनाओं, स्नेह और संयम पर आधारित होता है। यदि इस दिन महिला रोती है या पति से वाद-विवाद करती है, तो माना जाता है कि इससे व्रत की पवित्रता भंग होती है और उसका फल कम हो जाता है।
रोना या झगड़ा करने से नकारात्मक ऊर्जा और दुख की भावना पैदा होती है, जो इस शुभ पर्व के उद्देश्य—पति की लंबी आयु और वैवाहिक सुख—को प्रभावित करती है। इसलिए इस दिन महिलाओं को धैर्य और मधुरता बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
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करवा चौथ पर किन चीजों से बचना चाहिए
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झगड़ा या अपमान: पति या किसी बड़े-बुजुर्ग से झगड़ा करना अथवा अपमानजनक शब्द कहना व्रत को अशुभ बनाता है।
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रोना या उदासी: व्रत के दौरान दुखी मन या आंसू बहाना व्रत की शुभता को कम करता है।
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नुकीली चीजों का प्रयोग: इस दिन सुई, कैंची या किसी भी नुकीले औजार का उपयोग अशुभ माना गया है।
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सिलाई-कढ़ाई न करें: सिलाई, बटन टांकना या कढ़ाई करने से व्रत की ऊर्जा में बाधा आती है, इसलिए इससे परहेज करना चाहिए।
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अनावश्यक नींद से बचें: दिन में अधिक सोना या दूसरों को नींद से जगाना भी शुभ नहीं माना जाता। Karwa Chauth 2025



