Twitter Logo- उड़ गई नीली चिड़िया, बैठ गया डॉगी, ये है पर्दे के पीछे की कहानी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:27 AM
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Twitter Logo- ट्विटर के ऑनर और सीईओ एलन मस्क की तरफ से ट्विटर में बेहद बड़ा बदलाव किया गया है। यह बदलाव ट्विटर के लोगो में किया गया है। जिसके बाद से ही लगातार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर #TwitterLogo ट्रेंड कर रहा है। गौरतलब है अब तक ट्विटर का लोगो एक नीली चिड़िया (Blue Bird) के रूप में दिखाई देता था। लेकिन अब ट्विटर के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) ने इसमें बदलाव करते हुए नीली चिड़िया की जगह पर लोगो में डॉगी (Doggy) को बिठा दिया है। हालांकि यह बदलाव टि्वटर के वेब वर्जन में किया गया है एंड्राइड एप में पहले की तरह ब्लूबर्ड ही दिखाई दे रहा है। अब सवाल यह उठता है कि ट्विटर के लोगों में यह बदलाव क्यों किया गया है।

इस वजह से बदला Twitter का Logo -

ट्विटर के लोगो में हुए बदलाव को लेकर अलग-अलग लोगों की अलग-अलग राय आ रही है। कुछ यूजर्स के मुताबिक एलन मस्क ने अपने पालतू Shiba Inu के नाम पर, लोगो को बदला है। वहीं कुछ के मुताबिक ट्विटर का नया लोगो Dogecoin से लिया गया है जिसे साल 2013 में बिल्ली मार्कस और जैकसन पालमर नामक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बनाया था। यह भी कहा जा रहा है कि ट्विटर के लोगो (Twitter Logo) को डॉजी करने पर क्रिप्टोकरेंसी में करीब 30% का उछाल देखने को मिला है।

बढ़ सकती है एलन मस्क की मुसीबत -

जैसा कि सबको पता है, एलन मस्क डॉजकॉइन क्रिप्टो करेंसी में निवेशक है। ऐसे में एलन पर अवैध तरीके से डॉजीकॉइन की कीमत बढ़ाने के आरोप लगा है। इससे पहले भी एलन मस्क पर डॉजीकॉइन की कीमत को गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगा था, जिसका मामला कोर्ट में चल रहा है। अब एक फिर उसी आरोप की वजह से एलन मस्क मुसीबतों में घिरते नजर आ रहे हैं।

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USA News : Smuggle कर America ले जाई गई एंटीक मूर्तियां वापस भारत आएंगी

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All 15 antique items will be returned by US government.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:10 PM
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USA News : Newyork की कोर्ट के द्वारा यहाँ के प्रसिद्ध म्यूजियम Metropolitan museum of Art (Met) के द्वारा सर्च वारंट जारी करने एवं जाँच के बाद यह पाया गया कि 15 एंटीक मूर्तियां भारत से गैर कानूनी तरीके से लायी गयी हैं जिन्हें जल्द ही संग्रहालय के द्वारा भारत को लौटाया जाएगा। यह सर्च वारंट 22 मार्च के दिन Newyork की सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी किया गया था।

USA News

चिन्हित की गयी इन 15 antique मूर्तीयों में से मध्य प्रदेश की बलुआ पत्थर की Celestial Dancer (अप्सरा) और पश्चिम बंगाल का यक्षी टेराकोटा जैसे विशिष्ट पुरावशेष शामिल हैं जिनकी कीमत कम से कम 1 मिलियन डॉलर से भी अधिक है।

Met (museum) का बयान

Newyork (USA News) की सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी किये गए सर्च वारंट के बाद museum को न्यूयॉर्क पुलिस विभाग या डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के एजेंट को दस दिन के अंदर - अंदर सभी पुरावशेष को बिना किसी देरी के जब्त करने और अदालत के सामने लाने का आदेश दिया गया था। इस कार्यवाही के पश्चात museum की तरफ से 30 मार्च को जारी किये गए एक बयान में यह कहा गया कि, " हमें यह ज्ञात हुआ है कि कुछ भारतीय मूर्तियों को अवैध तरीके से यहाँ लाया गया है, अतः हम उन्हें जल्द भारत सरकार को लौटाएंगे। "

सलाखों के पीछे है स्मग्लर सुभाष कपूर

अवैध रूप से भारत के antiques को विदेश (USA News) भेजने वाला सुभाष कपूर इस समय भारत के तमिलनाडु की जेल में बंद है। उसे 30 अक्टूबर 2011 में फ्रैंकफर्ट से पकड़ा गया था और फिर वर्ष 2012 में उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया था। इसके बाद सुभाष कपूर को 1 नवंबर 2022 में तमिलनाडु के कुंभकोणम की अदालत ने कांचीपुरम के वरदराज पेरुमल मंदिर में सेंध मारने एवं मूर्तियों के अवैध निर्यात के अपराध में दोषी पाते हुए दस साल की सजा सुनाई और आज वह त्रिची की एक जेल में अपनी सजा काट रहा है। कपूर ने सिर्फ अमेरिका (USA News ) ही नहीं बल्कि एशिया में भी कई जगह भारतीय पुरा अवशेष की तस्करी की थी और अब तक उसके द्वारा अवैध रूप से निर्यात किये गए समान का कुल मूल्य $145.71 मिलियन से भी कहीं ज्यादा है।

USA News : अभियोग की मंजूरी के बाद ट्रंप ने 24 घंटे में 40 लाख डॉलर एकत्र किए

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April Fool Day -अप्रैल फूल डे से जुड़ी ये कहानियां है दिलचस्प, जानिए भारत में इसका इतिहास

April Fool Day -अप्रैल फूल डे से जुड़ी ये कहानियां है दिलचस्प, जानिए भारत में इसका इतिहास
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calendar26 Nov 2025 02:19 AM
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April Fool Day - आज मूर्ख दिवस यानी अप्रैल फूल डे है। प्रतिवर्ष 1 अप्रैल को पूरे विश्व में अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। इस दिन लोग अलग-अलग तरीके से अपने करीबियों रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ प्रैंक कर उन्हें बेवकूफ बनाते हैं और इस दिन को इंजॉय करते हैं। इस दिन को मनाने का एकमात्र उद्देश्य तनाव, भाग-दौड़ और व्यस्त दिनचर्या में से एक दिन निकाल हंसी मजाक कर दिल और दिमाग को खुश करना है। यूं तो पहले अप्रैल फूल डे मनाना सिर्फ यूरोपीय सभ्यता का हिस्सा था। लेकिन धीरे-धीरे यह दुनिया भर के लगभग सभी देशों में मनाया जाने लगा। इस दिन को मनाए जाने के पीछे कई कहानियां जुड़ी हैं। आइए जानते हैं सबसे पहले 1 अप्रैल को किसे बनाया गया था मूर्ख ?

History of April Fool Day (अप्रैल फूल डे का इतिहास)-

सबसे पहले अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत 1381 में की गई थी। इससे जुड़ी एक दिलचस्प कहानी बताई जाती है। साल 1381 में एक राजा थे जिनका नाम था रिचर्ड जीती, और बोहेमिया की रानी थी एनी। इन दोनों ने मिलकर घोषणा करवाई कि ये दोनों 32 मार्च 1381 को सगाई करने वाले हैं। इन दोनों की सगाई की खबर सुन पूरे राज्य की जनता खुशी से झूम उठी। लेकिन 31 मार्च 1381 के दिन जनता को समझ आया कि 31 मार्च के बाद 32 मार्च तो आता ही नहीं, यह खबर झूठी है और उन्हें सिर्फ मूर्ख बनाया गया है। इस तरह से 1 अप्रैल 1381 को पूरे राज्य की जनता मूर्ख बन गई, और तब से प्रतिवर्ष 1 अप्रैल का दिन मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

अलग-अलग देशों का है अलग-अलग इतिहास-

अप्रैल फूल डे से जुड़े अलग-अलग किस्से हैं। एक अन्य कहानी के मुताबिक यूरोपीय देशों में भी पहले 1 अप्रैल को ही नया साल मनाया जाता था। बाद में पोप ग्रेगरी थर्टीन ने एक नया कैलेंडर जारी किया, जिसमें 1 जनवरी को नया साल घोषित किया गया। तब से यूरोपीय देशों में 1 जनवरी को नया साल मनाया जाने लगा और जो लोग 1 अप्रैल को नया साल मनाते थे उनका मजाक उड़ाया जाता था। इस तरह से यूरोपीय देशों में अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत हुई। अब बात करते हैं भारत की। भारत में अप्रैल फूल डे (April Fool Day) मनाने की शुरुआत 19वीं सदी में हुई। जानकारी के अनुसार भारत में मूर्ख दिवस मनाने का प्रचलन 19वीं सदी में अंग्रेजों ने शुरू किया था। अंग्रेजों के चले जाने के बाद भी यह प्रचलन जारी रहा और आज भी 1 अप्रैल को भारत में भी मस्ती मजाक के साथ अप्रैल फूल डे मनाया जाता है।

World TB Day- इस थीम के साथ मनाया जा रहा इस साल वर्ल्ड टीबी डे