आखिर 28 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस? जानिए इतिहास

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:20 AM
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History of Today : आज के दौर में विज्ञान का महत्व बहुत ज्यादा है जिसे हम चाहकर भी इंकार नहीं कर सकते हैं। आज के दौर में लगभग हर उपयोगी चीज विज्ञान से जुड़ी हुई है या फिर विज्ञान से कोई न कोई जुड़ाव है। भारत में विज्ञान के महत्व को देखते हुए हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) मनाया जाता है। इस लेख के माध्यम से हम आपको विज्ञान दिवस के इतिहास (History of Science Day) और इसके महत्त्व से लेकर आखिर विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है? इस  बारे में विस्तार से बताएंगे।

क्या है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस से जुड़ा इतिहास?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल भारत में 28 फरवरी को मनाया जाता है। क्योंकि आज ही के दिन (28 फरवरी 1928) भारत के भौतिकी वैज्ञानिक डॉ. सीवी रमन द्वारा रमन इफ़ेक्ट की खोज की गई थी। आगे चलकर इस खोज को लेकर ही डॉ. सीवी रमन को 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि, विज्ञान दिवस की शुरूआत 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) के सुझाव पर हुई थी, जिसके बाद भारत सरकार द्वारा इसे मान्यता दे दी गई। पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था। इसी अवसर पर NCSTC द्वारा विज्ञान और संचार के क्षेत्र में अहम योगदान देने वाले वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान लोकप्रियकरण पुरस्कार  देने की घोषणा भी की गई थी ।

धूमधाम से मनाया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को पूरे देश के स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक तकनीकी, चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थानों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान विज्ञान प्रदर्शनियों, सेमिनारों, संगोष्ठियों और अन्य शैक्षणिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जिससे युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा मिल सके। History of Today ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। 

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ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर हो रही सट्टाबाजी की पेशकश, केंद्र सरकार कर रही बड़ी तैयारी

Online Gaming
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:46 PM
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Online Gaming : आज का दौर ऑनलाइन गेमिंग का दौर है। दुनिया के हर कोने में ऑनलाइन गेमिंग प्रचलित है। ऑनलाइन गेमिंग में ऑनलाइन स्ट्रीमिंग, लाइव गेम्स, गेमिंग चैनल, ऑनलाइन वीडियोज का प्रसार आम बात हैं।  ऑनलाइन गेमिंग को लेकर भारत की मौजूदा केंद्र सरकार इस क्षेत्र में कुछ अहम बदलाव करने की तैयारी में है। अब देशभर में सभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एक ढांचे में लाने की योजना है। जिससे कि राज्यों में बने अलग-अलग नियमों और कानूनों को खत्म किया जा सके। बता दें कि, इस मामले से जुड़े दो लोगो ने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा इस विषय पर चर्चा के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है। शुरुआत में गृह मंत्रालय के अधिकारी और कानूनी विशेषज्ञों ने इस मुद्दे पर भी चर्चा कि, क्या कानून बनने चाहिए या नहीं? यह लम्बे समय से एक विवाद का भी विषय है। हलाकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही ऑनलाइन गेमिंग को जहां कौशल का खेल तो वहीं जुआ को संयोग का खेल करार दिया जा चुका है।

निवेश बढ़ने की है आशंका

ऑनलाइन गेमिंग में राज्य स्तरीय नियम असमंजस की स्तिथि पैदा करते है, क्योंकि ऑनलाइन गेम खेलने वाले सिर्फ एक राज्य के नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों के होते हैं और यह एक दूसरे से ऑनलाइन गेमिंग में प्रतिष्पर्धा करते हैं। अगर पूरे देश में ऑनलाइन गेमिंग को लेकर एक कानून आता है तो यह विदेशी निवेशकों की वापसी का दरवाजा खोल सकता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में नियामक अनिश्चिताओं के कारण ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र में काफी गिरावट आई है।

नए कानून की क्यों है जरूरत?

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एकीकृत और स्पष्ट कानूनी ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। भारत सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने और अवैध गतिविधियों पर काबू पाने के लिए एक सशक्त कानून की आवश्यकता है। एक अधिकारी के अनुसार, विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई प्रस्ताव दिए गए हैं, जिनमें एकल कानून को महत्वपूर्ण माना गया है। इस नए कानून के तहत भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) को विदेशी कंपनियों पर सख्ती से कार्रवाई करने का अवसर मिलेगा, जो अब तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्व-नियामक निकायों के ढांचे के कारण संभव नहीं हो सका था।

क्या है विशेषज्ञों की राय?

तकनीकी और गेमिंग कानून विशेषज्ञ जय सयता ने बताया कि एकीकृत कानून गेमिंग उद्योग के लिए राहत की बात होगी, जो अब तक कई कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा है कि सख्त नियमों के माध्यम से भारत का गेमिंग उद्योग अवैध ऑनलाइन जुआ संचालकों पर नियंत्रण पा सकता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार इस नियामक प्रक्रिया को किस हद तक स्पष्ट और प्रभावी रूप से लागू करती है।

सट्टेबाजी को लेकर बढ़ी चिंताएं

सरकार के लिए एकीकृत ढांचा लागू करने के दो प्रमुख कारण हैं। पहले, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कराधान की स्पष्टता की आवश्यकता है, क्योंकि इन कंपनियों ने 1.12 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर 18 मार्च से सुनवाई शुरू होगी। दूसरा, सरकार को विदेशी कंपनियों की गतिविधियों पर चिंता है, जो ऑनलाइन गेमिंग के साथ-साथ सट्टेबाजी की भी पेशकश कर रही हैं। Online Gaming

कोटा स्टूडेंट्स की होगी बल्ले-बल्ले, मंहगाई की टेंशन में राहत देने वाली गाइडलाइंस जारी

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कोटा स्टूडेंट्स की होगी बल्ले-बल्ले, मंहगाई की टेंशन में राहत देने वाली गाइडलाइंस जारी

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Kota New Guidelines
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Feb 2025 10:32 PM
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Kota New Guidelines : राजस्थान का प्रमुख कोचिंग हब के नाम से मशहूर कोटा में अब छात्रों के लिए राहत देने वाली नई गाइडलाइंस लागू की गई है। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य छात्रों के वित्तीय बोझ को कम करना और उन्हें बेहतर रहने की सुविधाएं प्रदान करना है। जिला प्रशासन ने कोटा केयर्स अभियान के तहत यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके तहत कोटा के 4,000 हॉस्टलों में अब छात्रों से सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं ली जाएगी। पहले यह शुल्क हॉस्टल में एडमिशन के समय लिया जाता था और बाद में साल के अंत में वापस किया जाता था, लेकिन अब इसे समाप्त कर दिया गया है जिससे छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी।

नई गाइडलाइंस और सुविधाएं

1. सिक्योरिटी और कॉशन मनी की समाप्ति: अब छात्रों को हॉस्टल में सिक्योरिटी और कॉशन मनी के रूप में 4,000 रुपये नहीं चुकाने होंगे। 2. मेंटेनेंस शुल्क: हॉस्टल में 2,000 तक का मेंटेनेंस शुल्क लिया जा सकेगा। 3. सुरक्षा उपाय: सभी हॉस्टलों में एंटी-हैंगिंग सुसाइड सीलिंग फैन अनिवार्य किए गए हैं। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाना भी जरूरी होगा, जिससे सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। 4. हॉस्टल स्टाफ की ट्रेनिंग: हॉस्टल स्टाफ के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग अनिवार्य होगी और रात में मैनुअल उपस्थिति दर्ज करनी होगी, ताकि सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित हो सके। 5. मनोरंजन सुविधाएं: हॉस्टलों में मनोरंजन क्षेत्र भी बनाए जाएंगे जिससे छात्रों को कुछ वक्त आराम से बिताने का अवसर मिलेगा। 6. रसीद की व्यवस्था: अभिभावकों को सभी भुगतानों की रसीदें दी जाएंगी।

यहां मिलेगा मुफ्त प्रवेश

इसके अलावा, छात्रों को चंबल रिवरफ्रंट और ऑक्सीजन जोन पार्क में मुफ्त प्रवेश मिलेगा, जिससे उन्हें कुछ समय के लिए रिलैक्स करने का अवसर मिलेगा। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर कोटा केयर्स हेल्पडेस्क भी स्थापित किया जाएगा, जो छात्रों को सहायता प्रदान करेगा। कोटा के जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने कहा, "कोटा केयर्स अभियान के तहत हम छात्रों को बेहतर सुविधाएं और एक सुरक्षित माहौल देने का प्रयास कर रहे हैं। कोटा में बुनियादी ढांचे में सुधार किया गया है, जिससे छात्रों को उच्च स्तरीय कोचिंग और आवास की सुविधाएं मिलेंगी।"

छात्रों की संख्या में देखी गई भारी गिरावट

हाल के वर्षों में, कोटा में कोचिंग के लिए आने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। 2024-25 में यह संख्या 2 लाख से घटकर 1.24 लाख रह गई जिसके परिणामस्वरूप हॉस्टल उद्योग को लगभग 50% तक का राजस्व नुकसान हुआ। कई हॉस्टल में तो बुकिंग का प्रतिशत 40% से भी कम रह गया था। हॉस्टल एसोसिएशन के प्रमुख विश्वकनाथ शर्मा, सुनील अग्रवाल और नवीन मित्तल ने कहा, "अब हम हॉस्टल और पीजी छात्रों की देखभाल के लिए नए मानक स्थापित करेंगे। हम जिला प्रशासन और कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर सभी नियमों का पालन सुनिश्चित करेंगे।"

अब बोर्ड की परीक्षाएं वर्ष में दो बार होंगी, जानें कारण

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