झीलों के शहर को आखिर किसकी लगी नजर! नैनी झील पर मंडरा रहा बड़ा संकट

Naini Jheel
Nainital
locationभारत
userचेतना मंच
calendar26 Mar 2025 01:00 PM
bookmark
Nainital : सरोवर नगरी की प्रसिद्ध नैनी झील इस बार सूखने की कगार पर है जिसका मुख्य कारण कम बारिश और बर्फबारी का ना होना है। इसके अलावा, पर्यटकों की बढ़ती भीड़ और पानी की सप्लाई में वृद्धि ने झील के जलस्तर को लेकर चिंता पैदा कर दी है। वर्तमान में झील का सामान्य जलस्तर घटकर 4 फीट 2 इंच रह गया है। यदि बारिश नहीं हुई और पर्यटकों की संख्या बढ़ती रही तो पीक पर्यटन सीजन में जलस्तर और घट सकता है।

नैनी झील पर मंडरा रहा संकट!

नैनी झील की स्थिति पर संकट गहरा रहा है क्योंकि मानसून में मलबा और सीवर जैसे प्रदूषक झील की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं, और अब बारिश कम होने के कारण जलस्तर में कमी भी हो रही है। इसके साथ ही पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण झील पर दबाव बढ़ गया है। जल संस्थान के सहायक अभियंता, डीएस बिष्ट के अनुसार, सामान्य समय में रोजाना पानी की सप्लाई 8 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) होती है, लेकिन इस बार मार्च से ही पर्यटन सीजन में बढ़ती भीड़ को देखते हुए पानी की सप्लाई 10 एमएलडी कर दी गई है। मल्लीताल क्षेत्र में 10 ट्यूबवेल भी स्थापित किए गए हैं, जिनकी क्षमता 800 से 1200 लीटर प्रति मिनट है, और यहां घरेलू व व्यावसायिक पानी संयोजनों की संख्या 8,200 है।

बारिश की कमी से घट रहा झील का जलस्तर

पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत ने कहा कि बारिश कम होने के कारण झील का जलस्तर घट रहा है, और साथ ही मलबा आदि भी झील में जमा हो रहा है, जिससे झील का दायरा सिमटता जा रहा है। झील के जलागम क्षेत्रों में निर्माण कार्य भी चिंता का विषय है, क्योंकि यह नालों और प्राकृतिक जलस्रोतों से रिचार्ज होती है। इस बार बारिश कम होने के कारण इन स्रोतों से पानी कम आ रहा है।

झील का जलस्तर और मापने की प्रक्रिया

झील की अधिकतम गहराई 27 मीटर है। जलस्तर को मापने के लिए ब्रिटिश काल से गेज मीटर लगाए गए हैं। जलस्तर शून्य से नीचे जाने पर इसे माइनस और ऊपर जाने पर प्लस में मापा जाता है। सामान्य स्थिति में 24.5 मीटर जलस्तर को मानक माना जाता है, और यदि जलस्तर शून्य तक पहुंचता है, तब भी 24.5 मीटर पानी रहता है। फिलहाल, झील का जलस्तर सामान्य से 4.2 फीट ऊपर है। इस साल मार्च में जलस्तर 4.5 इंच था, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है। 2023 में यह 5 इंच था, 2022 में 5.4 इंच और 2021 में 2.1 इंच था।

नैनीताल के लिए चिंता का विषय

बता दें कि, नैनीताल के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि झील की सेहत खराब हो रही है और यह नगर के पर्यावरण और पर्यटन उद्योग के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है। पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय निवासियों की चिंता बढ़ रही है कि अगर बारिश नहीं होती और पर्यटकों की संख्या बढ़ती रही, तो झील के जलस्तर में और कमी आ सकती है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। Nainital

सीजन से पहले गुलजार हुआ Nainital, खूबसूरती का दीदार करने पहुंची सैलानियों की भीड़

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

उत्तर प्रदेश सरकार के इस एक्शन से हिली सुप्रीम कोर्ट की अंतरात्मा, कहा भविष्य में...

Supreme Court of India
Supreme Court
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:35 AM
bookmark
Supreme Court : भारत की सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बुलडोजर कार्रवाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इस तरह की कार्रवाई से पहले लोगों को उचित समय देना चाहिए था ताकि वे अपील कर सकें। यह मामला तब सामने आया जब उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में एक वकील, एक प्रोफेसर और तीन अन्य लोगों के घर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए तोड़ दिए थे। कोर्ट ने यह फैसला इस आधार पर दिया कि घरों को नोटिस दिए जाने के 24 घंटे के भीतर ही तोड़ दिया गया था और मालिकों को अपनी अपील दायर करने का कोई अवसर नहीं दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने लागू की कुछ शर्ते

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों को अपने खर्च पर घर पुनर्निर्माण की अनुमति दी लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी लागू की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, इन लोगों को हलफनामा देना होगा जिसमें यह कहा जाएगा कि वे समय पर अपील करेंगे, भूमि पर कोई दावा नहीं करेंगे और किसी तीसरे पक्ष को इसमें शामिल नहीं करेंगे। अगर उनकी अपील खारिज हो जाती है तो उन्हें अपने खर्च पर घरों को फिर से तोड़ना होगा।

यहां जानें पूरा मामला?

बता दें कि, यह मामला वकील ज़ुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो विधवाओं और एक अन्य व्यक्ति से जुड़ा हुआ है, जिनके घरों को शनिवार रात को नोटिस जारी कर अगली सुबह तोड़ दिया गया था। इन लोगों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि उन्हें कार्रवाई को चुनौती देने का कोई मौका नहीं मिला, क्योंकि नोटिस के 24 घंटे के भीतर ही उनके घर तोड़ दिए गए थे। इन याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि राज्य सरकार ने उनकी जमीन को गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद से गलत तरीके से जोड़ा था, जिसकी 2023 में हत्या कर दी गई थी।

राज्य को देना चाहिए था उचित समय

भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने राज्य सरकार का बचाव करते हुए कहा कि पहले नोटिस दिसंबर 2020 में जारी किया गया था और उसके बाद भी जनवरी और मार्च 2021 में नोटिस जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि इसलिए राज्य सरकार ने उचित प्रक्रिया का पालन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य को उचित समय देना चाहिए था, ताकि लोग अपनी अपील दायर कर सकें। जस्टिस ओका ने कहा, "नोटिस देने के 24 घंटे के भीतर जिस तरह से ध्वस्तीकरण किया गया, वह अदालत की अंतरात्मा को हिला देता है।" कोर्ट ने यह भी कहा कि नोटिस चिपकाने का तरीका कानून द्वारा स्वीकृत नहीं है और केवल रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए नोटिस दिया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा आदेश

जस्टिस ओका ने यह भी कहा कि राज्य यह नहीं कह सकता कि इन लोगों के पास पहले से ही एक अन्य घर है, इसलिए उन्हें ध्वस्तीकरण के खिलाफ अपील करने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस तरह के आदेशों को बर्दाश्त किया गया, तो यह भविष्य में भी जारी रह सकता है। इस फैसले से यह साफ हो गया कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अवैध कार्रवाई को पूरी तरह से नकारा और इसके खिलाफ कड़ा संदेश दिया।

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: सास-ससुर की संपत्ति पर दामाद का अधिकार नहीं

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

सोनू निगम के लाइव कॉन्सर्ट में हुई पत्थरबाजी, उग्र हुए DTU के छात्र

Picsart 25 03 25 18 14 16 857
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:15 AM
bookmark
Sonu Nigam Live Concert: बॉलीवुड के वर्सेटाइल सिंगर सोनू निगम की जादू भरी आवाज के सभी दीवाने हैं। आज भी सोनू निगम का जादू फैंस के सर पर चढ़कर बोलता है। और जब बात हो उनके लाइव कॉन्सर्ट की तो फैंस का एक्साइड होना तो बनता है। लेकिन कई बार इसी एक्साइटमेंट में सिंगर को मुश्किलों का भी सामना करना पड़ जाता है। हाल ही में इनके लाइव कॉन्सर्ट में ऐसा कुछ हुआ है जिसकी वजह से सोनू निगम सुर्खियों में छाए हुए है।

DTU के लाइव कॉन्सर्ट में सोनू निगम पर हुई पत्थरबाजी:

दरअसल हाल ही में बॉलीवुड के मशहूर गायक सोनू निगम दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी में (DTU) कॉन्सर्ट के लिए पहुंचे थे। यूं तो यूनिवर्सिटी में हुआ यह लाइव कॉन्सर्ट काफी मजेदार था। इसमें हिस्सा लेने के लिए लाखों की भीड़ इकठ्ठा हुई। फैंस ने सिंगर लाइव परफॉर्मेंस को काफी एंजॉय भी किया। लेकिन इस भीड़ में कुछ ऐसे भी छात्र दर्शक मौजूद थे, जिन्हें कॉन्सर्ट में हंगामा खड़ा करना था। जब सोनू निगम स्टेज पर परफॉर्मेंस दे रहे थे और लाखों की भीड़ उनके इस परफॉर्मेंस को इंजॉय कर रही थी इस बीच कुछ उग्र छात्रों ने स्टेज पर पत्थर और बोतले फेंकना शुरू कर दिया। छात्रों की इस हरकत की वजह से कंसर्ट को बीच में ही थोड़ी देर के लिए रोकना पड़ा वहीं सिंगर के साथ मौजूद टीम घायल होते-होते भी बची। छात्रों की इस हरकत की वजह से सिंगर को कॉन्सर्ट के बीच में ही उनसे खास अपील करनी पड़ी और इस तरह की हरकत ना करने के लिए रिक्वेस्ट करनी पड़ी।

कॉन्सर्ट के बीच में सोनू निगम ने की खास अपील:

सोनू निगम ने पत्थरबाजी के बाद फैंस को समझाते हुए कहा, ‘मैं आपके लिए आया हूं यहां, ताकि हम सभी अच्छा समय बिता सकें। मैं आपको एंजॉय करने से मना नहीं कर रहा, लेकिन प्लीज ऐसा ना करिए।’ सोनू निगम के इस कॉन्सर्ट के कई वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए हैं। हालांकि इन वीडियो में कहीं भी पत्थरबाजी वाली घटना का वीडियो सामने नहीं आया है। खबरों के मुताबिक कुछ उग्र स्टूडेंट की वजह से माहौल बिगड़ा जरूर था, लेकिन सिंगर ने समझदारी से स्थिति को संभाल लिया।
 
View this post on Instagram
 

A post shared by Pandit Shivji Shukla (@shivjishukla)

IPL 2025 के बीच इंडियन क्रिकेटर के घर नन्ही परी ने लिया जन्म, खुशी से झूमे नानू सुनील शेट्टी

संबंधित खबरें