UP News : कौन होगा उत्तर प्रदेश का अगला DGP? ये नाम चल रहे आगे

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calendar28 Nov 2025 05:07 PM
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UP News :  उत्तर प्रदेश (UP News) के पुलिस महानिदेशक (DGP) को हटाए जाने के बाद अब नए तैनाती को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। आपको बता दें कि योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कल शाम डीजीपी मुकुल गोयल को उनके पद से हटा दिया। मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटा कर नागरिक सुरक्षा के पद पर भेजा गया है।

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मुकुल गोयल के बाद खाली डीजीपी पद के के लिए वरिष्ठतम सूची में 4 आईपीएस (IPS) अफसरों के नीचे होने के बावजूद DG इंटेलिजेंस डॉ डीएस चौहान को डीजीपी पद की रेस में सबसे आगे माना जा रहा है। वहीं इस चार अन्य आईपीएस अफसर भी हैं जिसमें डीजी प्रशिक्षण डॉक्टर आरपी सिंह, विश्वजीत महापात्रा, गोपाल लाल मीणा देवेंद्र सिंह चौहान हैं।

दावेदारों का कहना है कि देवेंदर सिंह  चौहान का डीजीपी के पद पर चयन होना संभव है। देवेंद्र सिंह चौहान वर्तमान में डीजी इंटेलिजेंट के पद पर तैनात है। उनकी सेवानिवृत्ति मार्च 2023 में होनी है वह 1988 बैच के आईपीएस है। चौहान के पास उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक का भी कार्यभार है।

गौरतलब है कि मुकुल गोयल के हटाए जाने के बाद अब नए डीजीपी की रेस में नामों की चर्चा सबसे तेज हो गई है। ने डीजीपी की रेस में सबसे पहला नाम डॉक्टर देवेंद्र सिंह चौहान, आरपी सिंह, आरके विश्वकर्मा, गोपाल लाल मीणा और आनंद कुमार का है। जानकार सूत्रों ने दवा किया है की इसी सप्ताह नए डीजीपी के नाम का एलान कर दिया जायेगा | डीजीपी की दावेदारी में लगे हुए आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी अपने अपने ढंग से अपनी गोटियां बैठने में लगे हुए हैं

>> Mukul Goyal डीजीपी के पद से आखिर क्यों हटाए गए मुकुल गोयल?
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Mukul Goyal डीजीपी के पद से आखिर क्यों हटाए गए मुकुल गोयल?

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calendar12 May 2022 03:55 PM
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Mukul Goyal : योगी सरकार में दुबारा सत्ता में आते ही कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही से कोई गुरेज नहीं है। योगी सरकार सत्ता संभालते ही चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा व जमीनी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अधिकारियों पर जो आरोप लगाये थे और कार्यकर्त्ता की सुनवाई शासन में नहीं हो रही थी। दुबारा सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको गंभीरता से लिया और शासन में बैठे उच्च अधिकारियों को निर्देश दिया।

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कार्यकर्ता और जनता की बात को अधिकारी प्राथमिकता पर लें और दुबारा सत्ता में लौटते ही योगी सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त दर्जनों अधिकारियों को निलंबित किया है। इसी क्रम में भाजपा नेता की शिकायत पर विधायक की हत्या मामले को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक सख्त फैसला लेते हुए प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल को पद से हटा दिया।

क्या था मुकुल गोयल का मामला साल 2000 में जब गोयल सहारनपुर में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे, तब भाजपा नेता निर्भय पाल सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लेकर उनपर आरोप लगा था कि भाजपा नेता ने अपने जान के खतरे का अंदेशा जताते हुए मदद मांगी थी, लेकिन पुलिस हिफाजत के लिए कुछ नहीं कर सकी। इसके बाद मुकुल गोयल को सस्पेंड कर दिया गया था।

विवादों से रहा नाता

मुकुल गोयल की कार्यशैली पर पहली बार सवाल नहीं उठे थें इसके पहले भी जब प्रदेश में मुलायम सिंह की सरकार थी तब भी इनका नाम पुलिस भर्ती घोटाले में आ चुका था। इसके बाद 2013 में भी उन्हे अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था के पद से हटाया गया था। पिछले साल हितेश चन्द्र अवस्थी के रिटायर होने के बाद जून में 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी मुकुल गोयल को उत्तर प्रदेश का पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर एडीजी ऑपरेशन, बीएसएफ के पद पर तैनात थे। मुकुल गोयल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वर्ष 2007 में डीआइजी के पद पर तैनात रहते हुए गए थे और एडीजी बनने के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दोबारा वर्ष 2016 में गए थें। जहां वह जुलाई 2017 में एडीजी बन गए थे।

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Assam- नागरिकता मामले में बेटे की मौत के 9 साल बाद 83 वर्षीय महिला भारतीय घोषित

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83 वर्षीय महिला घोषित हुई भारतीय (Social Media)
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calendar02 Dec 2025 02:39 AM
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Assam- असम राज्य के कछार जिले की रहने वाली 83 वर्षीय अकोल रानी नामासुद्र (Akol Rani Namasudra)की नागरिकता पर 22 साल पहले सवाल उठाया गया था। अब बुधवार को विदेशी ट्रिब्यूनल द्वारा इनके द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों को वैद्य मानते हुए इन्हें भारतीय नागरिक घोषित कर दिया गया है।

बेटे के मौत के 9 साल बाद घोषित हुई भारतीय -

अकोल रानी नामासुद्रा के बेटे अर्जुन नाम स्तोत्र ने साल 2012 में विदेशी न्यायाधिकरण के तरफ से नागरिकता साबित करने के नोटिस मिलने पर आत्महत्या कर ली थी। जबकि इनकी बेटी अंजलि राय ने साल 2013 भारतीय नागरिक होने के सभी दस्तावेज अदालत में प्रस्तुत कर यह मामला जीता था। बेटे की मौत के 9 साल बाद अब अकोल रानी को भारतीय नागरिक घोषित कर दिया गया है। समझ नहीं आता कि विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए इस फैसले से अकोल रानी को खुश होना चाहिए या दुखी। क्योंकि इसी नागरिकता की वजह से 9 साल पहले अकोल रानी को अपने बेटे को खोना पड़ा था।

खुद को भारतीय साबित करने के लिए अकोल रानी ने पेश किए विश्वसनीय सबूत -

विदेशी न्यायाधिकरण के सदस्य धर्मेंद्र देव ने बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि -'असम (Assam) राज्य के कछार जिले के कटीगोरा थाना क्षेत्र के हरितीकोर गांव की रहने वाली अकोल रानी नामसुद्र ने खुद को भारतीय साबित करने के लिए ठोस विश्वसनीय और स्वीकार्य साक्ष्य एकत्रित कर विदेशी न्यायाधिकरण के सामने प्रस्तुत किए हैं। पेश किए गए सबूतों में यह स्पष्ट रूप से कानूनन 1 जनवरी 1966 से पहले की अवधि से भारतीय होने के साथ-साथ असम (Assam) राज्य में अपनी उपस्थिति के तथ्य को साबित करने में सफल रही हैं। इसलिए मेरी राय है कि अकोल रानी नाम शुद्ध भारतीय नागरिक है और वह विदेशी नहीं है।"
Mukul Goel- DGP मुकुल गोयल को पद से हटाकर DG नागरिक सुरक्षा पद पर भेजा गया
और इस तरह से 22 साल के कड़े संघर्ष के बाद आखिरकार अकोल रानी खुद को भारतीय साबित करने में सफल हो गई हैं।