MP News : हिन्दुत्व, मंदिर और देवता बीजेपी की निजी संपत्ति नहीं : शिवकुमार




Maharashtra News / मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने आज पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद अजीत पवार खफा नजर आ रहे हैं। वहीं, शरद पवार ने उन्हें नई जिम्मेदारी न देने का कारण बताया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने पार्टी कमान सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को सौंप दी हैं। इस पर शरद पवार ने पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्ष होने का कारण बताया कि देश में स्थिति ऐसी है कि सभी राज्यों की जिम्मेदारी केवल एक व्यक्ति को देना गलत है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों को नियुक्त करने का उनका फैसला ये सुनिश्चित करने के लिए था कि एनसीपी के नेतृत्व टीम के पास देश भर में पार्टी के मामलों को देखने के लिए पर्याप्त हाथ हों।
वहीं, जब शरद पवार से ये पूछा गया कि क्या पटेल और सुले को नियुक्त करने का निर्णय उनके भतीजे अजीत पवार को अच्छा लगेगा? इस पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनका भतीजा पहले से ही बहुत सारी जिम्मेदारियां संभाल रहा है।
अजीत पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। शरद पवार ने एनसीपी की 24वीं स्थापना वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों कार्यकारी अध्यक्ष चुनने की घोषणा की।
अजीत पवार ने 2019 में भाजपा के साथ हाथ मिलाया और मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ग्रहण समारोह में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। आज अजीत पवार इस घोषणा से काफी खफा नजर आए और पत्रकारों से बात किए बिना मुंबई में पार्टी कार्यालय से चले गए।
Maharashtra News / मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने आज पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा कर दी। इस घोषणा के बाद अजीत पवार खफा नजर आ रहे हैं। वहीं, शरद पवार ने उन्हें नई जिम्मेदारी न देने का कारण बताया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने पार्टी कमान सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को सौंप दी हैं। इस पर शरद पवार ने पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्ष होने का कारण बताया कि देश में स्थिति ऐसी है कि सभी राज्यों की जिम्मेदारी केवल एक व्यक्ति को देना गलत है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पार्टी के दो कार्यकारी अध्यक्षों को नियुक्त करने का उनका फैसला ये सुनिश्चित करने के लिए था कि एनसीपी के नेतृत्व टीम के पास देश भर में पार्टी के मामलों को देखने के लिए पर्याप्त हाथ हों।
वहीं, जब शरद पवार से ये पूछा गया कि क्या पटेल और सुले को नियुक्त करने का निर्णय उनके भतीजे अजीत पवार को अच्छा लगेगा? इस पर राकांपा प्रमुख ने कहा कि उनका भतीजा पहले से ही बहुत सारी जिम्मेदारियां संभाल रहा है।
अजीत पवार महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। शरद पवार ने एनसीपी की 24वीं स्थापना वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों कार्यकारी अध्यक्ष चुनने की घोषणा की।
अजीत पवार ने 2019 में भाजपा के साथ हाथ मिलाया और मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ग्रहण समारोह में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। आज अजीत पवार इस घोषणा से काफी खफा नजर आए और पत्रकारों से बात किए बिना मुंबई में पार्टी कार्यालय से चले गए।

Delhi News / नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ रविवार को यहां रामलीला मैदान में महारैली करेगी, जिसमें एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। पार्टी की एक प्रवक्ता ने यह दावा किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ सौरभ भारद्वाज, आतिशी और संजय सिंह सहित पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है।
आप की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि रैली में एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने लोगों को अध्यादेश और उनके दैनिक जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में अवगत कराने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। रीना गुप्ता ने कहा कि हमने व्यापक अभियान चलाया है, लोगों से संपर्क कर उन्हें अध्यादेश के बारे में बताया है कि यह उनके दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को तीन बार चुना है और जनता के कल्याण के लिए जो योजनाएं बनाई जा रही हैं, अगर दिल्ली के अधिकारी मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, तो उन्हें लागू नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह भी कहा गया है कि अगर नौकरशाह उनकी बात नहीं सुनेंगे तो एक चुनी हुई सरकार कैसे काम करेगी। दिल्ली के लोग परेशान हैं कि केंद्र इसे बदलने की कोशिश क्यों कर रहा है।
अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कदमों के बारे में पूछे जाने पर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौतम गंभीर ने आरोप लगाया कि दिल्ली में पिछले नौ वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार केवल दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए करदाताओं से पैसा इकट्ठा कर रही है। गंभीर ने आरोप लगाया कि इन नौ सालों में उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) दिल्ली में क्या विकास किया?
केंद्र द्वारा 19 मई को जारी अध्यादेश में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसने सेवाओं से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है।
इससे पहले, 11 मई को उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली सरकार को अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन सहित सेवा से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण दिया था। Delhi News
Delhi News / नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ रविवार को यहां रामलीला मैदान में महारैली करेगी, जिसमें एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। पार्टी की एक प्रवक्ता ने यह दावा किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ सौरभ भारद्वाज, आतिशी और संजय सिंह सहित पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं के कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है।
आप की प्रवक्ता रीना गुप्ता ने कहा कि रैली में एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने लोगों को अध्यादेश और उनके दैनिक जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में अवगत कराने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। रीना गुप्ता ने कहा कि हमने व्यापक अभियान चलाया है, लोगों से संपर्क कर उन्हें अध्यादेश के बारे में बताया है कि यह उनके दैनिक जीवन को कैसे प्रभावित करेगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को तीन बार चुना है और जनता के कल्याण के लिए जो योजनाएं बनाई जा रही हैं, अगर दिल्ली के अधिकारी मुख्यमंत्री के प्रति जवाबदेह नहीं हैं, तो उन्हें लागू नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह भी कहा गया है कि अगर नौकरशाह उनकी बात नहीं सुनेंगे तो एक चुनी हुई सरकार कैसे काम करेगी। दिल्ली के लोग परेशान हैं कि केंद्र इसे बदलने की कोशिश क्यों कर रहा है।
अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी के कदमों के बारे में पूछे जाने पर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौतम गंभीर ने आरोप लगाया कि दिल्ली में पिछले नौ वर्षों में कोई विकास नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार केवल दूसरे राज्यों में चुनाव लड़ने के लिए करदाताओं से पैसा इकट्ठा कर रही है। गंभीर ने आरोप लगाया कि इन नौ सालों में उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) दिल्ली में क्या विकास किया?
केंद्र द्वारा 19 मई को जारी अध्यादेश में राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया, जिसने सेवाओं से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया है।
इससे पहले, 11 मई को उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर दिल्ली सरकार को अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन सहित सेवा से संबंधित मामलों पर कार्यकारी नियंत्रण दिया था। Delhi News