Gujrat Political News : अगले 25 सालों के लिए गुजरात का भविष्य तय करेगा चुनाव : मोदी




Himachal: कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री का चयन करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
कांग्रेस की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शुमार किए जा रहे सुक्खू ने यह भी कहा कि विधायकों की राय के आधार पर आलाकमान जिसे अपना आशीर्वाद देगा, वह हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री होगा।
हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर गत 12 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ। आगामी आठ दिसंबर को मतगणना होगी।
सुक्खू ने भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। हमने पहले भी लोगों की राय ली थी और मतदान के बाद भी लोगों की राय ले रहे हैं। अब इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल रहा है।
जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री के चयन से जुड़े सवाल पर सुक्खू ने कहा, ‘‘जब विधायक चुनकर आएंगे तो उनके साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस अलाकमान फैसला करेगा। मुख्यमंत्री चुनने में कोई दिक्कत नहीं होगी।’’
उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि चुनाव के आखिरी कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाओं का व्यापक असर हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘जयराम ठाकुर सरकार की विफलताएं रही हैं, यह सरकार लोगों की उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर सकी, युवा परेशान थे, महिलाएं परेशान थीं और किसान-बागबान परेशान थे। यह चुनाव इसी आधार पर हुआ है।’’
सुक्खू ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के वादे के संदर्भ में कहा, ‘‘सरकार बनने पर हम ओपीएस भी देंगे और महिलाओं को सम्मान राशि भी देंगे। हम वित्तीय प्रबंधन को लेकर नीतियां बनाएंगे। हम जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली सरकार बनेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के चुनाव अभियान का पूरा श्रेय प्रियंका गांधी जी को जाता है। घोषणापत्र से लेकर रणनीति बनाने तक उनकी प्रमुख भूमिका रही है। हम लोगों ने सिर्फ क्रियान्वयन किया है।’’
Himachal: कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री का चयन करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
कांग्रेस की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में शुमार किए जा रहे सुक्खू ने यह भी कहा कि विधायकों की राय के आधार पर आलाकमान जिसे अपना आशीर्वाद देगा, वह हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री होगा।
हिमाचल प्रदेश की सभी 68 विधानसभा सीटों पर गत 12 नवंबर को मतदान संपन्न हुआ। आगामी आठ दिसंबर को मतगणना होगी।
सुक्खू ने भाषा के साथ बातचीत में कहा, ‘‘कांग्रेस पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। हमने पहले भी लोगों की राय ली थी और मतदान के बाद भी लोगों की राय ले रहे हैं। अब इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल रहा है।
जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री के चयन से जुड़े सवाल पर सुक्खू ने कहा, ‘‘जब विधायक चुनकर आएंगे तो उनके साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस अलाकमान फैसला करेगा। मुख्यमंत्री चुनने में कोई दिक्कत नहीं होगी।’’
उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि चुनाव के आखिरी कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभाओं का व्यापक असर हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘जयराम ठाकुर सरकार की विफलताएं रही हैं, यह सरकार लोगों की उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर सकी, युवा परेशान थे, महिलाएं परेशान थीं और किसान-बागबान परेशान थे। यह चुनाव इसी आधार पर हुआ है।’’
सुक्खू ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली के वादे के संदर्भ में कहा, ‘‘सरकार बनने पर हम ओपीएस भी देंगे और महिलाओं को सम्मान राशि भी देंगे। हम वित्तीय प्रबंधन को लेकर नीतियां बनाएंगे। हम जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली सरकार बनेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के चुनाव अभियान का पूरा श्रेय प्रियंका गांधी जी को जाता है। घोषणापत्र से लेकर रणनीति बनाने तक उनकी प्रमुख भूमिका रही है। हम लोगों ने सिर्फ क्रियान्वयन किया है।’’

National News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है। यूसीसी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह जन संघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा है।
एक निजी न्यूज चैनन के सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा कि न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए।
अमित शाह ने दावा किया कि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया।उन्होंने कहा कि भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है। एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं। इस मुद्दे पर खुली एवं स्वस्थ बहस किए जाने की जरूरत है।
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस अभ्यास में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
National News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं और बहसों के पूरा होने के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है। यूसीसी के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि यह जन संघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा है।
एक निजी न्यूज चैनन के सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा कि न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए।
अमित शाह ने दावा किया कि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया।उन्होंने कहा कि भाजपा को छोड़कर, कोई भी दल समान नागरिक संहिता के समर्थन में नहीं है। एक लोकतंत्र में स्वस्थ चर्चाएं जरूरी हैं। इस मुद्दे पर खुली एवं स्वस्थ बहस किए जाने की जरूरत है।
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम इस अभ्यास में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।