Uttrakhand 2022 मोदी फैक्टर का जवाब देने के लिए फिर मैदान में राहुल प्रियंका की जोड़ी

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प्रियंका गांधी की छुट्टी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:52 AM
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Uttrakhand 2022 : उत्तराखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव (Uttrakhand 2022) में भाजपा जहां पूरी तरह से मोदी फैक्टर पर निर्भर नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस ने मोदी फैक्टर का जवाब देने के लिए खास रणनीति बनाई है। जिसके तहत उत्तराखंड में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के कार्यक्रम तय किए गए हैं।

उत्तराखंड में सत्ता पाने के लिए भाजपा, कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। इसके लिए स्टार प्रचारकों के अलावा हर तरह से जनता के वोट को हासिल करने की कोशिश की जा रही है। प्रदेश के मुद्दे कुछ भी हो, लेकिन राजनीतिक दल अपने-अपने बड़े चेहरों को मैदान में लाकर अपना पक्ष मजबूत करने में जुटे है। भाजपा जहां मोदी फैक्टर पर फोकस कर रही तो कांग्रेस ने अब पूरी तरह से गांधी परिवार के जरिए समीकरण साधने की कोशिश शुरू कर दी है।

भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 फरवरी को अल्मोड़ा आ सकते हैं। 10 फरवरी को अल्मोड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता को संबोधित करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर भाजपा ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इधर कांग्रेस अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 10 फरवरी को तीसरी बार उत्तराखंड लाने में जुट गए हैं। इसके साथ ही महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 12 फरवरी को उत्तराखंड पहुंचेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी 10 फरवरी को श्रीनगर और अल्मोड़ा में रैली को संबोधित करेंगे। जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा 12 फरवरी को ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में रैली को संबोधित करेंगी।

कांग्रेस के दूसरे स्टार प्रचारक भी उत्तराखंड में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, लेकिन ज्यादा फोकस राहुल और प्रियंका पर ही है। ऐसे में कांग्रेस ने अंतिम समय में राहुल प्रियंका की ज्यादा से ज्यादा रैलियां उत्तराखंड में रखी हैं। इससे पहले राहुल 2 बार और प्रियंका एक बार उत्तराखंड आ चुके हैं। राहुल देहरादून और हरिद्वार में रैली को संबो​धित कर चुके हैं, जबकि प्रियंका देहरादून में घोषणा पत्र लागू करने के साथ ही 3 विधानसभाओं में रैली, पदयात्रा कर चुकी हैं। कांग्रेस इस समय उत्तराखंड में किसी भी सूरत में सत्ता पाने की कोशिश में जुटी है।

कांग्रेस हाईकमान इसे 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी मान कर चल रही है। ऐसे में मोदी फैक्टर को उत्तराखंड चुनाव में फेल करने के लिए कांग्रेस ने गांधी परिवार के भरोसे अपना वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है। इसके लिए कांग्रेस ने नई रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस पार्टी 2017 में 11 सीटें ही जीतकर आई थी। जबकि भाजपा 57 सीटें के प्रचंड बहुमत से सरकार बना चुका है। अब भाजपा को सत्ता से दूर करने और कांग्रेस की सरकार को लाने के लिए कांग्रेस के पास आखिरी दांव यही माना जा रहा है।

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Uttarakhand elections कल से उत्तराखंड के मैदान में उतरेंगे राहुल और प्रियंका गांधी

Uttarakhand elections कल से उत्तराखंड के मैदान में उतरेंगे राहुल और प्रियंका गांधी
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:54 AM
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Uttarakhand elections : उत्तराखंड में कांग्रेस प्रियंका गांधी के बाद अब राहुल गांधी को मैदान में उतारने जा रही है। इसके लिए शनिवार को राहुल गांधी की हरिद्वार में गंगा आरती और वर्चुअल रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही किच्छा में किसानों के साथ वुर्चअल संवाद भी रखा गया है। जिसके जरिए कांग्रेस तराई में किसानों को लुभाने की कोशिश करेगी।

मतदान की तारीख जैसे ही नजदीक आ रही है वैसे ही कांग्रेस ने अपना प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है। इसके लिए अपने स्टार प्रचारकों को भी मैदान में उतार चुकी है। प्रियंका गांधी के देहरादून में वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए घोषणा पत्र लांच कर कांग्रेसी कार्यकर्ता पहले ही उत्साहित नजर आ रहे हैं। प्रियंका गांधी के देहरादून दौरे से कांग्रेस ने आधी आबादी और देहरादून में महिला, दलित और अल्पसंख्यक सीटों के समीकरण साधने की कोशिश की अब इस उत्साह को कायम रखने के लिए कांग्रेस राहुल गांधी के जरिए भी वोटबैंक को साधने में जुट गई है। इससे पहले 16 दिसंबर को देहरादून में विजय सम्मान रैली के जरिए कांग्रेस ने सैनिक परिवारों को साधने की कोशिश की थी, इस बार कांग्रेस ने राहुल गांधी को हरिद्वार और उधमसिंह नगर के लोगों से सीधे जोड़ने की पहल की है। हालांकि कांग्रेस ने इस कार्यक्रम में सभी 70 विधानसभा सीटों से वर्चुअल जुड़ने और लोगों से सीधे संवाद का कार्यक्रम भी रखा है। जिसके जरिए कांग्रेस जनता से सीधे जोड़कर अपना पक्ष भी रखेगी।

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उत्तराखंड की तराई सीटों पर कांग्रेस का खास फोकस है। इन सीटों पर किसान और अल्पसंख्यक वोटरों की अच्छी तादात है। जो कि कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस को समर्थन देगा। कृषि कानून बिल के बाद से जिस तरह किसान भाजपा सरकार से नाराज नजर आए और कांग्रेस ने इसको चुनावी मुद्दा बनाया, इसे एक बार फिर कांग्रेस चुनाव में रिझाने में जुटी है।इसके साथ ही अल्पसंख्यक वोटर भी कांग्रेस का परंपरागत वोटबैंक रहा है। जिसे एक बार फिर कांग्रेस लुभाने के लिए अपने बड़े नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने में जुटी है।

कांग्रेस ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए 30 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह, राहुल व प्रियंका गांधी वाड्रा इस लिस्ट में सबसे आगे हैं। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गुलाम नबी आजाद, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे व मुख्य चुनाव पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश ,राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरेजवाला, जितेंद्र सिंह, सचिन पायलट, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, डा अमी याज्ञनिक, इमरान प्रतापगढ़ी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, हार्दिक पटेल, जय सिंह अग्रवाल, रागिनी नायक, नेत्ता डीसूजा व बीवी श्रीनिवास भी बतौर स्टार प्रचारक शामिल किए गए हैं। उत्तराखंड के नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, यशपाल प्रदीप टम्टा और डा. हरक सिंह रावत भी पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे।

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Election 2022 : यहां के मतदाता करेंगे नोटा (NOTA) का प्रयोग, लेकिन क्यों?

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Election 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 02:10 AM
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Election 2022 : विधानसभा चुनाव (Election 2022) की सरगर्मियां चल रही है। सभी प्रत्याशी अपने अपने तरीके से मतदाताओं को लुभाने में लगे हैं। लेकिन एक गांव ऐसा भी है, जहां के मतदाता किसी भी प्रत्याशी के लुभावने वायदों की गिरफ्त में नहीं आते हैं। इस गांव के सभी मतदाताओं ने इस विधानसभा चुनाव में केवल नोटा (NOTA) का प्रयोग करने का मन बनाया है। यानि कि उनके लिए कोई भी प्रत्याशी योग्य नहीं है। यह गांव आम खड़क के नाम से मशहूर है और इसी नाम की विधानसभा सीट भी है। यह गांव उत्तराखंड राज्य के चंपावत जनपद में आता है। इस क्षेत्र के लोग सभी नेताओं से निराश हो चुके हैं। यहां के ग्रामीणों की सबसे पुरानी मांग रही है पिथौरागढ़ लिंक रोड की। लंबे समय से लंबित मांग को पूरा करने में प्रशासन की विफलता से निराश ग्रामीणों ने आगामी में नोटा के लिए मतदान करने का फैसला किया है।

इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी की कमी के चलते पहले ही लगभग 65 फीसदी निवासी गांव छोड़ने के लिए मजबूर हो चुके हैं। आम खड़क के ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्ष 2007 से 1,500 मीटर लिंक रोड की मांग कर रहे हैं। हालांकि, प्रस्तावित परियोजना को जिला योजना में शामिल किया गया था, लेकिन यह आज तक काम नहीं हुआ। यदि लिंक रोड का निर्माण किया जाता है, तो यह गांव को टनकपुर-चंपावत राजमार्ग से जोड़ेगी और उनकी कई चिंताओं का समाधान करेगी। अब तक सिर्फ आश्वासन स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, हमें राजनीतिक दलों के नेताओं से आश्वासन मिलता है कि अगर वे सत्ता में आते हैं तो सड़क का निर्माण करवाएंगे। लेकिन चुनाव के बाद वे हमें भूल जाते हैं। हमारे पास इस बार नोटा का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। लोगों का कहना है कि स्वतंत्रता सेनानियों का गांव होने के बावजूद आम खड़क शिक्षा, चिकित्सा और बैंकिंग सुविधाओं से रहित है। गांव के निवासी और स्वतंत्र सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के जिला अध्यक्ष महेश चौराकोटी ने कहा कि सड़क के अभाव में ग्रामीणों को मामूली चिकित्सा सहायता के लिए टनकपुर और स्कूली शिक्षा के लिए श्यामलताल पहुंचने के लिए लगभग 5 किमी की यात्रा करनी पड़ती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क और बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण 65 फीसदी से अधिक ग्रामीण गांव से पलायन कर गए हैं। राज्य के गठन से पहले कुल 71 परिवारों में से केवल 25 ही बचे हैं। लिंक रोड नहीं होने के कारण अधिकारी या निचले स्तर के सरकारी कर्मचारी और तकनीशियन गांव का दौरा करने से हिचकिचाते हैं। नतीजतन, छोटी से छोटी खराबी को भी ठीक होने में लंबा समय लग जाता है।अगर बिजली आपूर्ति में थोड़ी सी भी खराबी आती है, तो उसे ठीक करने के लिए हमें एक तकनीशियन के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है।