Shubhanshu Shukla

Shubhanshu Shukla :  भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर इतिहास रच दिया है। वह न केवल भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने हैं, बल्कि पहले ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच कर तिरंगे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। लेकिन सवाल यह भी है कि इस समय शुभांशु के साथ अंतरिक्ष में मौजूद बाकी 10 लोग कौन हैं और वहां क्या जिम्मेदारियां निभा रहे हैं?

Ax-4 मिशन: चार देशों का साझा प्रयास

शुभांशु शुक्ला ‘एक्सिओम स्पेस’ के Ax-4 मिशन के तहत स्पेस स्टेशन पहुंचे हैं। इस मिशन में उनके साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री हैं:

  • अमेरिका की अनुभवी पैगी व्हिटसन

  • पोलैंड के वैज्ञानिक स्लावोश उज़नान्स्की-विश्निव्स्की

  • हंगरी के इंजीनियर टिबोर कपु

इनके अतिरिक्त अंतरिक्ष स्टेशन पर पहले से ही एक्सपेडिशन 73 की स्थायी टीम के सात सदस्य मौजूद हैं। यह दल नासा, ईएसए, JAXA और रूस की रोस्कॉस्मोस एजेंसी से ताल्लुक रखते हैं।

Ax-4 मिशन के प्रमुख यात्री और उनकी भूमिकाएं

1. शुभांशु शुक्ला (भारत): मिशन पायलट

उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले शुभांशु एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं। उन्होंने 3,000 घंटे से अधिक विभिन्न लड़ाकू विमानों में उड़ान भरी है।

भूमिका:  मिशन पायलट के रूप में यान की दिशा, स्पीड और डॉकिंग पर नजर रखते हैं। साथ ही, वे भारत के सात वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन भी कर रहे हैं, जिनमें अंकुरण, सूक्ष्मजीव विज्ञान और मानव फिजियोलॉजी शामिल है।

2. पैगी व्हिटसन (अमेरिका): मिशन कमांडर

स्पेस में 675 दिनों तक रह चुकी यह अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री इस मिशन की प्रमुख हैं।

विशेष: वह अंतरिक्ष यान ‘ग्रेस’ की कप्तान हैं और सभी गतिविधियों का समन्वय करती हैं।

3. स्लावोश उज़नान्स्की (पोलैंड): मिशन स्पेशलिस्ट

पोलैंड के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में स्लावोश का यह मिशन ऐतिहासिक है।

भूमिका: यूरोपीय वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन, उपकरणों का परीक्षण।

4. टिबोर कपु (हंगरी): मिशन स्पेशलिस्ट

सोवियत युग के बाद हंगरी से पहले अंतरिक्ष यात्री हैं।

फोकस: माइक्रोग्रैविटी में मटीरियल साइंस और जैविक अनुसंधान।

ISS की स्थायी टीम के सदस्य और काम

ISS पर पहले से तैनात 7 सदस्यीय दल ‘एक्सपेडिशन 73’ कहलाता है। ये मिशन संचालन, वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी निगरानी की ज़िम्मेदारी निभाते हैं।

1. निकोल आयर्स (नासा): तकनीकी विशेषज्ञ

माइक्रोग्रैविटी प्रयोग और स्टेशन मेंटेनेंस में दक्ष।

2. ऐनी मैकक्लेन (नासा): सैन्य इंजीनियर और पायलट

स्पेसवॉक और स्टेशन प्रबंधन में अहम भूमिका।

3. जॉनी किम (नासा): डॉक्टर, पूर्व नौसेना अधिकारी

चिकित्सा परीक्षणों और स्वास्थ्य निगरानी में सहयोगी।

4. ताकुया ओनिशी (JAXA): जापानी वैज्ञानिक

जापान के प्रयोगों में सक्रिय सहभागिता।

5. किरिल पेस्कोव (रूस): अनुभवी कॉस्मोनॉट

रूसी मॉड्यूल और सिस्टम की निगरानी।

6. सर्गेई रियझिकोव (रूस): मिशन लीडर

रूसी अंतरिक्ष अभियानों का संचालन।

7. एलेक्सी ज़ुब्रित्स्की (रूस): इंजीनियर

तकनीकी और वैज्ञानिक उपकरणों की निगरानी में योगदान।

ISS: एक उड़ती हुई प्रयोगशाला

ISS पर काम करने वाली टीम का मुख्य फोकस तीन प्रमुख क्षेत्रों पर होता है

  • वैज्ञानिक अनुसंधान: चिकित्सा, जैविक, तकनीकी और भौतिक विज्ञान में प्रयोग।

  • तकनीकी रखरखाव: स्टेशन के उपकरणों की मरम्मत और निगरानी।

  • मानव स्वास्थ्य अध्ययन: अंतरिक्ष में मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण।      Shubhanshu Shukla

 

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