Forbes Survey

Forbes Survey :  एक दौर था जब प्रेम की कहानियाँ केवल स्कूल-कॉलेज की दीवारों तक सिमटी रहती थीं, लेकिन समय बदला और अब दिल लगाने की यह परंपरा कॉरपोरेट कॉरिडोर्स में भी अपनी जगह बना चुकी है। 2025 की दुनिया में, दफ्तर अब केवल नौकरी निभाने की जगह नहीं, बल्कि संबंधों के ताने-बाने बुनने का नया अड्डा बनते जा रहे हैं। कॉफी ब्रेक के दौरान होने वाली मुस्कराहटें, वॉटर कूलर के पास टकराती नजरें और टीम मीटिंग्स के बहाने बढ़ती नजदीकियां अब सामान्य होते जा रहे हैं।

रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

फोर्ब्स एडवाइजर के ताज़ा सर्वे के अनुसार, हर 10 में से 6 कर्मचारी किसी न किसी रूप में ऑफिस रोमांस में शामिल हैं। इनमें से 40% तो अपने वैवाहिक रिश्ते से बाहर गुपचुप प्रेम संबंध चला रहे हैं। यह ट्रेंड सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं, बल्कि भारत जैसे परंपरागत समाज में भी तेजी से जगह बना रहा है। भारत के मेट्रो शहरों में, 20 से 25% प्रोफेशनल्स ने माना कि उन्होंने अपने सहकर्मियों के प्रति भावनात्मक आकर्षण महसूस किया है। और यह आकड़ा सामाजिक सोच में आए बदलाव की साफ गवाही देता है।

आखिर क्यों पनप रहा है ऑफिस रोमांस?

इस कल्चर के पीछे कई मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारण हैं। सर्वे में शामिल 61% कर्मचारियों का कहना था कि काम के बाद उनके पास व्यक्तिगत जीवन के लिए समय नहीं बचता, ऐसे में ऑफिस ही उनका नया ‘डेटिंग स्पॉट’ बन चुका है। 65% का मानना था कि दफ्तर में रोमांटिक रिश्ते निभाना आसान होता है। 59% को लगता है कि समान कार्यक्षेत्र वाले लोगों के साथ रिश्ता बेहतर निभाया जा सकता है। 38% का तो यह भी कहना है कि इससे ऑफिस में उनका मन लगा रहता है और तनाव कम होता है।  9 से 12 घंटे साथ बिताने के दौरान, जब लंच शेयर होता है, प्रोजेक्ट्स पर साथ काम होता है और वाट्सएप पर चैटिंग होती है—तो रिश्ते गहराने लगते हैं। दोस्ती कब प्यार में बदल जाती है, पता ही नहीं चलता।

क्या यह रिश्ते काम को प्रभावित कर रहे हैं?

शकील बदायूनी की मशहूर पंक्तियाँ—प्यार किया कोई चोरी नहीं की, छुप छुप आहें भरना क्या —इस दौर के ऑफिस प्रेमियों पर बिल्कुल फिट बैठती हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह मोहब्बत प्रोडक्टिविटी की दुश्मन बन रही है? फोर्ब्स एडवाइजर की रिपोर्ट कहती है कि 57% कर्मचारियों ने माना कि ऑफिस रोमांस ने उनके कार्य प्रदर्शन पर असर डाला। कुछ कर्मचारी जल्दी काम खत्म कर पार्टनर के साथ समय बिताने की जल्दी में रहते हैं। वहीं, 62% ने अपने रिश्ते की जानकारी HR या सीनियर से साझा की, जिससे कार्यस्थल पर जटिलताएं भी पैदा हुईं। वाट्सएप, टीम्स, स्लैक जैसे टूल्स केवल काम के लिए नहीं रहे। अब ये दफ्तर वाले रिश्तों को गहराने का माध्यम बन चुके हैं। छोटी-छोटी चैट्स, GIF और मीम्स के जरिए दिल के तार जुड़ने लगे हैं।    Forbes Survey

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