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Digital Offline Payment: बिना इंटरनेट कर पाएंगे पैसा ट्रांसफर- RBI की नई फ्रेमवर्क

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Digital Offline Payment: काफी दिनों से चर्चा चल रही थी की, ऑनलाइन भुगतान लेनदेन (Digital Online payment transaction) के साथ-साथ ऑफ़लाइन भुगतान लेनदेन (Digital Online payment transaction) कब कर सकेंगे? अब भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) ने इस बात को हरी झंडी दिखा दी है।

ग्रामीण (Rural) और अर्ध-शहरी (Semi-urban) क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन (Digital Payment) को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को एक फ्रेमवर्क जारी की है। जिसमें 200 रुपये तक लेनदेन के लिए  ऑफ़लाइन भुगतान (Offline transaction) की अनुमति दी गई है। ये ऑफलाइन भुगतान (Offline Payment transaction) जो कि 2,000 रुपये की कुल सीमा के अधीन है।

ऑफ़लाइन डिजिटल भुगतान (Digital Offline Payment meaning) का अर्थ, एक ऐसा जिसमें लेनदेन करने के लिए इंटरनेट (Internet) या दूरसंचार कनेक्टिविटी (Telecom Connectivity) की आवश्यकता नहीं होती है। ऑफ़लाइन मोड (Offline Mode) के तहत, भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड, वॉलेट और मोबाइल उपकरणों का उपयोग करके आमने-सामने (proximity mode) किया जा सकता है।

ऑफलाइन भुगतान (Digital Offline Payment) का तरीका, ग्राहक की डिजिटल माध्यम से भुगतान करने के लिए प्रेरित करने उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक ने ये नई फ्रेमवर्क बनाई है।

इन लेन-देन के लिए प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (Additional Factor of Authentication – AFA) की आवश्यकता नहीं होगी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा, चूंकि लेनदेन ऑफ़लाइन हैं, ग्राहक को  SMS और / या ई-मेल के माध्यम से अलर्ट प्राप्त किया जाएगा।

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“ऑफलाइन लेनदेन (Digital Offline transactions) 200 रुपये की सीमा के अधीन हैं। और खाते में शेष राशि की भरपाई होने तक सभी लेनदेन के लिए 2,000 रुपये की कुल सीमा के अधीन होगी। शेष राशि की पुनःपूर्ति केवल एक ऑनलाइन मोड में हो सकती है।” ऐसा फ्रेमवर्क फॉर फैसिलिटेटिंग स्मॉल वैल्यू डिजिटल में कहा है।

इन लेन-देन के लिए प्रमाणीकरण के एक अतिरिक्त कारक (AFA) की आवश्यकता नहीं होगी, भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा, चूंकि लेनदेन ऑफ़लाइन हैं, ग्राहक को समय अंतराल में अलर्ट (Notification Alert) प्राप्त किया जाएगा।

फ्रेमवर्क में सितंबर 2020 से जून 2021 की अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में किए गए ऑफलाइन लेनदेन पर पायलट प्रयोगों (pilot experiments) से प्राप्त फीडबैक शामिल है।

फ्रेमवर्क में ये भी कहा गया है कि, ग्राहको के दायित्व को सीमित करने वाले परिपत्रों के प्रावधानों के तहत सुरक्षा का आनंद लेना जारी रखेंगे और शिकायत निवारण के लिए रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना का सहारा लेंगे। ऑफ़लाइन भुगतान किसी भी चैनल या साधन जैसे कार्ड (Card), वॉलेट (Wallet) और मोबाइल उपकरणों (Mobile Devices) का उपयोग करके किया जा सकता है।

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Digital Offline Payment की फ्रेमवर्क में अन्य बाते 

कार्ड का उपयोग करने वाले ऐसे लेन-देन की अनुमति बिना, कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन चैनल (Contactless Transaction Channel) पर स्विच करने की आवश्यकता के दी जानी चाहिए।

इसके अलावा, अधिग्रहण कर्ता को व्यापारी की ओर से तकनीकी या लेनदेन सुरक्षा मुद्दों से उत्पन्न होने वाली सभी देनदारियों को वहन करना चाहिए।

RBI ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऑफलाइन भुगतान को उसके सीमित ग्राहक देयता परिपत्रों के प्रावधानों के तहत कवर किया जाएगा।

RBI ने सभी अधिकृत भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों (पीएसओ) और भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों (पीएसपी) के अधिग्रहणकर्ताओं और जारीकर्ताओं (बैंकों और गैर-बैंकों) को निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

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