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MP News : ‘सरकार के खिलाफ साजिश’ के आरोप में पीएफआई के तीन और सदस्य गिरफ्तार

UP News: STF arrested three people with 16.5 kg charas

UP News: STF arrested three people with 16.5 kg charas

 

MP News :  मध्य प्रदेश पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (पीएफआई) के तीन और सदस्यों को सरकार के खिलाफ साजिश रचने और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में भोपाल से गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार को इसी मामले में श्योपुर निवासी पीएफआई के पदाधिकारी वासीद खान (26) को गिरफ्तार किया था।

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MP News :

अधिकारी के मुताबिक, पुलिस ने शनिवार को पीएफआई के दो सदस्यों को भोपाल से गिरफ्तार किया जबकि तीसरे सदस्य को पेशी वारंट पर औरंगाबाद (महाराष्ट्र) से मध्य प्रदेश लाए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया।अधिकारी ने बताया कि पीएफआई सदस्यों की पहचान धार जिले के निवासी गुलाम रसूल शाह (37), इंदौर निवासी साजिद खान उर्फ ​​गुलाम नबी (56) और औरंगाबाद निवासी परवेज खान (30) के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 121 ए (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश), 153बी (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले दावे), 20 बी (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधान के तहत मामला दर्ज किया गया है।अधिकारी के मुताबिक, परवेज खान 2017 से पीएफआई से जुड़ा हुआ था और कई मौकों पर प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश आया था। वह औरंगाबाद की एक जेल में बंद था और उसे शनिवार को पेशी वारंट पर भोपाल लाया गया था।

वहीं, अधिकारी के मुताबिक, गुलाम रसूल पीएफआई का सक्रिय सदस्य था जो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को संगठन के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता था और गुलाम नबी पीएफआई का वित्तीय प्रबंधन संभालता था। तीनों आरोपियों को स्थानीय अदालत में पेश करने के बाद आठ फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र ने इस्लामिक स्टेट जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए पीएफआई और उसके कई सहयोगियों को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
प्रतिबंध से पहले, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों ने पीएफआई पर बड़े पैमाने पर छापे मारे थे और विभिन्न राज्यों से संगठन के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को देश में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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