Srinagar News : पिछले साल आतंकवादियों द्वारा राहुल भट की हत्या के बाद काम पर नहीं जाने वाले अधिकांश कश्मीरी पंडित कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी। कश्मीर के संभागीय आयुक्त पांडुरंग कुंडबाराव पोल ने को बताया, ‘‘मैं इस धारणा को खारिज करता हूं कि सभी कश्मीरी पंडित कर्मचारी जम्मू में विरोध कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर कर्मचारी पहले ही अपने कार्यालयों में शामिल हो चुके हैं (और) हम उनका वेतन जारी कर रहे हैं। वे काम के महत्व को समझ गए हैं।’’
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आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित कर्मचारी भट की पिछले साल मई में बडगाम जिले के चडूरा स्थित उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय के कर्मचारियों ने प्रदर्शन शुरू किया था और काम पर लौटने से इनकार कर दिया था। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी छोड़ दी और जम्मू में प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि जब तक यहां सुरक्षा स्थिति में सुधार नहीं हो जाता, तब तक उन्हें कश्मीर से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाए।
हालांकि प्रशासन कश्मीरी पंडितों (केपी) की अधिकांश मांगों पर गौर करने के लिए सहमत हो गया, लेकिन उसने उन्हें कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया। प्रशासन ने विरोध करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अपना रुख और सख्त कर लिया तथा काम पर नहीं लौटने वालों का वेतन रोक दिया। इस बीच, जम्मू कश्मीर पुलिस ने कहा कि घाटी में तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के लिए ट्रांजिट आवासों को तेजी से पूरा करने का काम चल रहा था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत कश्मीरी पंडितों के लिए 6,000 नौकरियां आरक्षित की हैं। चयन प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और उनके लिए कश्मीर में 17 जगहों पर 6,000 फ्लैट बनाए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इन आवासों को मुख्य सड़कों के पास स्थापित करने की कोशिश की है, न कि अंदरूनी इलाकों में। हालांकि, यह सरकारी जमीन की उपलब्धता पर भी निर्भर करता है।’’