नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को ओबीसी को आरक्षण दिए बिना जनवरी तक राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था। राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग को अब 31 मार्च तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
UP Nikay Chunav
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण वाले मुद्दे ने राजनीतिक रूप ले लिया था। हाईकोर्ट ने पिछले साल 27 दिसंबर को राज्य सरकार द्वारा जारी की गई ओबीसी सूची को भी खारिज कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने उसी मामले में योगी सरकार को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट के फैसले के एक भाग पर रोक लगा दी गई है और सभी याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब सौंपने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के अधिवक्ता से पूछा कि तीन महीने का समय क्या ज्यादा नहीं है, इसे कम किया जा सकता है। इस पर यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम इतना समय जरूर लगेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद यह तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव 31 मार्च के बाद ही संभव हो पाएंगे।
Greater Noida News : भनौता में चला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बुल्डोजर
यूपी निकाय चुनाव पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने निकाय चुनाव को तीन महीने देर से कराने की अनुमति दी है। इस बीच, जल्द ही वित्तीय दायित्वों को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान कोई भी बड़ा नीतिगत फैसला नहीं लिया जा सकता है। आयोग तीन महीने के अंदर अपना काम पूरा करने की कोशिश करे।
UP Nikay Chunav
Rishabh Pant: घायल ऋषभ पंत को Airlift कर लाया गया मुंबई, कोकिलाबेन अस्पताल में होगा इलाज
इससे पहले स्थानीय निकाय चुनाव मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया था। मामले चार जनवरी को सुनवाई तय की गई थी। दरअसल, शहरी स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में निकाय चुनावों पर सरकार की मसौदा अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।