UP Elections 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए दूसरे चरण का मतदान कल यानि 14 फरवरी को होगा। पोलिंग पार्टियां मतदान कराने के लिए अपने अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो रही है। चुनाव में सभी दलों के नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में बसपा (BSP) प्रमुख मायावती (Mayawati) के भाषणों में शायद किसी ने इस ओर ध्यान दिया होगा, और वो ये है कि इस चुनाव में मायावती भाजपा (BJP) के खिलाफ खुलकर नहीं बोल रही हैं। आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं, आईए जानने का प्रयास करते हैं।
UP Elections 2022
सबसे पहले जो बात चर्चा में आती है कि या तो मायावती सीधे हार मान चुकी हैं या जीत के प्रति निश्चिंत है? तो यहां स्पष्ट कर दें कि इन दोनों ही बातों में से कोई नहीं है। दोनों की संभावना दूर-दूर तक नहीं है। सूत्रों की मानें तो इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा रहा कि मायावती आने वाले समय में भाजपा के लिए समर्थन की घोषणा कर दें।
बसपा के टिकट भाजपा के हिसाब से बंटे हैं। कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि मायावती ने अपने टिकटों का बंटवारा इस हिसाब से किया है कि वो सपा को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकें। हालांकि कुछ एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि मायावती आय से अधिक संपत्ति समेत कई केसों के मामले से भाजपा के दबाव में हैं, जिसकी वजह से उनको ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसकी झलक इस बात से मिलती है कि भाजपा के खिलाफ लगातार बोलने वाली मायावती ने पूरे चुनाव में भाजपा के बड़े नेताओं के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला है।
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मायावती इस बार जिस सोशल इंजीनियरिंग के साथ मैदान में उतरी हैं और पश्चिम से लेकर पूरब तक जिस तरह से उन्होंने टिकटों का बंटवारा हुआ है उससे ऐसा लगता है वह सधी हुई रणनीति के साथ आगे बढ़ रही हैं। पहले चरण की समाप्ति के बाद मायावती ने सिर्फ दो ट्वीट किए हैं जिसमें एक एक उन्नाव में लड़की की हत्या के मामले में सपा नेता के खिलाफ है। वहीं, दूसरा ट्वीट- हिजाब मामले को मुद्दा न बनाने की अपील है।
आपको ये भी बता दें कि दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को होगा। मायावती विधानसभा चुनाव 2022 में पहली बार 2 फरवरी को प्रचार के लिए आगरा पहुंची थीं। 3 फरवरी को गाजियाबाद, 4 फरवरी को अमरोहा, 7 फरवरी को मायावती ने बरेली में चुनावी जनसभा की थी। 8 फरवरी को पंजाब में जनसभा करने पहुंची थीं। बसपा महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चन्द्र मिश्र शुक्रवार को सहारनपुर में प्रचार करने पहुंचे थे। सहारनपुर में मायावती को बेहद पसंद किया जाता है, लेकिन इस चुनाव में मायावती यहां स्वयं नहीं आई।