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संभल की जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर? कोर्ट के आदेश पर हुआ सच का सर्वे

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UP News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद को लेकर विवादित दावा किया गया है कि यह पहले श्री हरिहर मंदिर था। इस मामले में हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके आधार पर कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दिया। मंगलवार को एडवोकेट कमीशन की टीम ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण बना रहा, और मुस्लिम पक्ष ने याचिकाकर्ता को मस्जिद के भीतर प्रवेश करने से रोक दिया। मस्जिद के बाहर भी भारी भीड़ जमा होकर धार्मिक नारे लगाती रही।

कोर्ट का आदेश और सर्वे की प्रक्रिया

चंदौसी स्थित सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत में मंगलवार को याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने दोपहर में ही आदेश जारी कर शाम तक सर्वे शुरू करने को कहा। शाम को एडवोकेट कमीशन की टीम, जिसमें हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकील, पुलिस, और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे, मस्जिद पर पहुंची। टीम ने लगभग दो घंटे तक मस्जिद के भीतर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की।

तनावपूर्ण माहौल और भीड़

जैसे ही सर्वे की खबर फैली, मस्जिद परिसर के अंदर और बाहर मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में जुट गए। मस्जिद के बाहर धार्मिक नारेबाजी हुई और भीड़ ने मस्जिद के मुख्य द्वार तक पहुंचने की कोशिश की। मौके पर मौजूद एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई और अन्य अधिकारियों ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की।

दोनों पक्षों का बयान

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सर्वे प्रक्रिया कोर्ट के आदेश के तहत शुरू हुई है, लेकिन अभी काफी अध्ययन बाकी है। उन्होंने दावा किया कि मस्जिद में सर्वे के दौरान माहौल तनावपूर्ण बनाया गया, जो उचित नहीं था। उनका कहना है कि यह एक “नॉन-इनवेसिव” सर्वे था, जिसमें सिर्फ तस्वीरें और वीडियोग्राफी की गई।

मस्जिद कमेटी के सदर एडवोकेट जफर अहमद ने बताया कि सर्वे के दौरान टीम को कोई आपत्तिजनक चीज नहीं मिली। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद कमेटी ने सर्वे में पूरा सहयोग किया।

प्रशासन और एडवोकेट कमीशन का बयान

संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि सर्वे पूरी सुरक्षा के साथ संपन्न हुआ और रिपोर्ट जल्द ही कोर्ट में पेश की जाएगी। एडवोकेट कमीशन के रमेश सिंह जाधव ने कहा कि सर्वे अधूरा है, और आगे की प्रक्रिया कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पूरी की जाएगी।इस पूरे प्रकरण ने इलाके में धार्मिक और सामाजिक तनाव बढ़ा दिया है, लेकिन प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। UP News

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