Noida News : कत्ल के इल्जाम में हुई कुत्तों की गिरफ्तारी

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कुत्तों के हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी ऐसी ही कई घटनाओं को आवारा कुत्तों ने अंजाम दिया है। इसमें पालतू कुत्ते भी पीछे नहीं हैं। पालतू कुत्तों ने भी राह चलते लोगों पर हमला बोलने की कई वारदातें हुईं हैं। 12 जुलाई को राजधानी लखनऊ के कैसरबाग के बंगाली टोला निवासी 82 साल की सुशीला त्रिपाठी को उनके घर में पल रहे पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। [video width="640" height="352" mp4="https://test.chetnamanch.com/wp-content/uploads/2022/10/VID-20221018-WA0112.mp4"][/video] 24 सितंबर को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में काला पत्थर रोड स्थित आम्रपाली विलेज सोसायटी में बाहर से लौट रहे 11 वर्षीय बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया था। बच्चे के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने उसे बचाया। इसके अलावा अभी 12 अक्टूबर को गाजियाबाद के वैशाली की एक सोसायटी में 11 साल की बच्ची तनिष्का अग्रवाल पर कुत्ते ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। सुरक्षा गार्डों ने बड़ी मुश्किल से उसे छुड़ाया। उसके तुरंत बाद कुत्ते ने फिर से काट लिया। दो बार के हमले में बच्ची की दोनों टांगों में 21 जख्म आए थे। देश की राजधानी दिल्ली भी आवारा कुत्तों से लोग दहशत में हैं। अभी कल 17 अक्टूबर को दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में पड़ोसी के पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने गली से गुजरती महिला को बुरी तरह काटकर लहूलुहान कर दिया। शोर सुनकर जमा हुए लोगों ने किसी तरह महिला को बचाया। कुत्ते के हमले में महिला बुरी तरह जख्मी हो गई। हरियाणा के फरीदाबाद में भी अब से कोई पांच दिन पहले 13 अक्टूबर को बल्लभगढ़ गांव मुजेड़ी में घर के बाहर खेल रहे 10 साल के बच्चे पर पिटबुल ने हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया। आवारा कुत्तों के हमला करने की ये वारदातें सिर्फ उदाहरण के तौर हैं। तमाम ऐसी घटनाएं होती हैं, जो मीडिया की सुर्खियां नहीं बनती हैं या उसकी जानकारी आम नहीं हो पाती हैं। नोएडा के कई सेक्टरों की आरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण से कई बार आवारा कुत्तों के खौफ के बाबत शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब, एक अबोध बच्चे की मौत के बाद प्राधिकरण के अफसर नींद से जागे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि ये कार्रवाई कितने दिन और कितनी गंभीरता से की जाएगी। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण की कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए, जिससे भविष्य में आवारा कुत्ते के कारण किसी मां की गोद सूनी न हो।अगली खबर पढ़ें
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कुत्तों के हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी ऐसी ही कई घटनाओं को आवारा कुत्तों ने अंजाम दिया है। इसमें पालतू कुत्ते भी पीछे नहीं हैं। पालतू कुत्तों ने भी राह चलते लोगों पर हमला बोलने की कई वारदातें हुईं हैं। 12 जुलाई को राजधानी लखनऊ के कैसरबाग के बंगाली टोला निवासी 82 साल की सुशीला त्रिपाठी को उनके घर में पल रहे पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। [video width="640" height="352" mp4="https://test.chetnamanch.com/wp-content/uploads/2022/10/VID-20221018-WA0112.mp4"][/video] 24 सितंबर को गाजियाबाद के इंदिरापुरम में काला पत्थर रोड स्थित आम्रपाली विलेज सोसायटी में बाहर से लौट रहे 11 वर्षीय बच्चे को आवारा कुत्ते ने काट लिया था। बच्चे के शोर मचाने पर आसपास के लोगों ने उसे बचाया। इसके अलावा अभी 12 अक्टूबर को गाजियाबाद के वैशाली की एक सोसायटी में 11 साल की बच्ची तनिष्का अग्रवाल पर कुत्ते ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया था। सुरक्षा गार्डों ने बड़ी मुश्किल से उसे छुड़ाया। उसके तुरंत बाद कुत्ते ने फिर से काट लिया। दो बार के हमले में बच्ची की दोनों टांगों में 21 जख्म आए थे। देश की राजधानी दिल्ली भी आवारा कुत्तों से लोग दहशत में हैं। अभी कल 17 अक्टूबर को दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में पड़ोसी के पिटबुल नस्ल के कुत्ते ने गली से गुजरती महिला को बुरी तरह काटकर लहूलुहान कर दिया। शोर सुनकर जमा हुए लोगों ने किसी तरह महिला को बचाया। कुत्ते के हमले में महिला बुरी तरह जख्मी हो गई। हरियाणा के फरीदाबाद में भी अब से कोई पांच दिन पहले 13 अक्टूबर को बल्लभगढ़ गांव मुजेड़ी में घर के बाहर खेल रहे 10 साल के बच्चे पर पिटबुल ने हमला कर बुरी तरह से घायल कर दिया। आवारा कुत्तों के हमला करने की ये वारदातें सिर्फ उदाहरण के तौर हैं। तमाम ऐसी घटनाएं होती हैं, जो मीडिया की सुर्खियां नहीं बनती हैं या उसकी जानकारी आम नहीं हो पाती हैं। नोएडा के कई सेक्टरों की आरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण से कई बार आवारा कुत्तों के खौफ के बाबत शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब, एक अबोध बच्चे की मौत के बाद प्राधिकरण के अफसर नींद से जागे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि ये कार्रवाई कितने दिन और कितनी गंभीरता से की जाएगी। लोगों का कहना है कि प्राधिकरण की कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए, जिससे भविष्य में आवारा कुत्ते के कारण किसी मां की गोद सूनी न हो।संबंधित खबरें
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