8, 17, व 26 तारीख को जन्मे लोगों के लिए कैसा रहेगा वर्ष 2022 ?

Numerology No 8
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calendar06 Dec 2021 07:37 PM
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Numerology 2022 :  हम अपने पिछले आर्टिकल्स में आपको बता चुके है कि जिन जातकों यानि व्यक्तियों का जन्मांक या मूलांक 1 से 7 तक है, उन लोगों के लिए वर्ष 2022 कैसा रहने वाला है। आज हम बात करेंगे कि जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17, या 26 तारीख को हुआ है, उनके लिए वर्ष 2022 कैसा रहने वाला है। इन तारीखों को जन्मे जातकों का मूलांक या जन्मांक 8 होता है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2022 आपके लिए कैसा रहने वाला है।

जन्मांक या मूलांक 8 के लिए वर्ष 2022 मेहनत और संघर्ष से भरा रहेगा। नए अवसरों में लाभ के साथ कामयाबी भी मिलेगी। इस वर्ष में आप कुछ नया कार्य शुरू करेंगे जिसके लिए आपको धन के साथ कार्य में सफलता भी मिलेगी। जुलाई के बाद व्यापार में वृद्धि और लाभ के आसार बन रहे हैं। लेकिन आप किसी नए व्यापार के लिए बिना सलाह के कदम नहीं उठाए। नौकरी वालों के लिए यह वर्ष आपकी मेहनत के साथ नए अवसर भी लाएगा। आप नई नौकरी की तलाश में हैं तो मनचाहा वेतन नहीं मिलेगा। आप जहां कार्य करते हैं आपके अहम की वजह से बॉस से किसी बात पर बहस हो सकती हैं।

मूलांक 8 के लिए 2022 वर्ष की शुरुआत में कुछ हाथ तंग दिखा रहा हैं। जिसके लिए आप अपने सभी सपने पूरे नहीं कर पाएंगे और आपके ऊपर कर्ज भी चढ़ सकता हैं। अगर आप शेयर मार्केट में धन निवेश करना चाहते हैं तो जुलाई तक का समय बेहतर रहेगा और अगस्त के बाद का समय किसी भी निवेश के लिए फायदेमंद नहीं रहेगा। इस वर्ष में जमीन के लेन-देन के साथ कर्ज लेने देने से भी बचें।

इस वर्ष रिश्तों के लिए बहुत ही सावधानी से चलना होगा क्योंकि आप अपने काम और धन कमाने में इतना व्यस्त हो जाएंगे, जिससे अपने प्रेमी और परिवार को अधिक समय ही नहीं दे पाएंगे। आप जिससे प्रेम करते हैं। आपके जीवन में इस वर्ष शुरुआत में एक नया साथी दस्तक देगा। वैवाहिक लोगों के लिए यह वर्ष कुछ खट्टा-मीठा रहेगा जिससे आपको अपने रिश्ते की अहमियत समझनी होगी तभी आप खुशहाल भरा जीवन यापन कर पाएंगे। वर्ष के अंत में आप अपने साथी के साथ बाहर घूमने जाएंगे, जिससे पुराने गिले-शिकवे भी दूर होंगे।

2022  वर्ष मानसिक तनाव के साथ शुरू होगा क्योंकि आप अपने काम में अधिक व्यस्त होने की वजह से अपनी सेहत का ध्यान नहीं दे पाएंगे। अगर दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाने की योजना बन रहे हैं तो अपने खाने-पीने का बहुत ध्यान रखें और पेट में इंफेक्शन होने से खुद को बचा कर रखें। जून के बाद अचानक सिर व आंखों में दर्द होने की वजह से काम में मन नहीं लगा पाएंगे, अगर ऐसा हो तो समय से ही इलाज़ करवा लें। वर्ष के अंत में किसी भी तरह की दुर्घटना से सावधान रहें और वाहन भी बहुत सावधानी से चलाएं।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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इस तरह के लड़कों की दीवानी हो जाती हैं लड़कियां

Girlfriend 1
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calendar30 Nov 2025 09:42 PM
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कुछ लोगों में गजब का आकर्षण (great attraction) होता है और लोग उनकी ओर खिंचे चले आते हैं। लड़के-लड़कियां (boys and girls)  हों या महिला-पुरुष उनके मन में यह इच्‍छा होना स्‍वभाविक है कि विपरित लिंग के लोग उनकी ओर आकर्षित हों। (Astrology) ज्योतिष की मानें तो कुछ राशि वाले लड़के और पुरुष इस मामले में वाकई भाग्‍यशाली होते हैं कि लड़कियां (girls) उनकी ओर खिंची चली आती हैं। इन लड़कों या पुरुषों की पर्सनालिटी ऐसी होती है कि लड़कियां इनके पीछे दीवानी हो जाती हैं। मेष मेष राशि के लड़के फ्लर्ट करने में अव्‍वल होते हैं। ये ऐसे-ऐसे तरीके आजमाते हैं कि लड़कियां इनकी ओर आकर्षित हुए बिना नहीं रह पाते हैं। भले ही इनके दोस्‍तों में ढेर सारी लड़कियां शामिल हों लेकिन ये पार्टनर चुनने में बहुत वक्‍त लगाते हैं। साथ ही कई बार उनका पार्टनर को लेकर चुनाव का निर्णय चौंकाने वाला होता है।

मिथुन मिथुन राशि के जातक लड़कियों के मामले में बहुत लकी होते हैं। किसी भी लड़की का ध्‍यान अपनी ओर खींचना इनके लिए बाएं हाथ का खेल होता है। यूं भी कह सकते हैं कि लड़कियां खुद ब खुद इनकी ओर खिंची चली आती हैं। इस राशि के जातक हंसमुख और बहुत सोम्य स्वभाव वाले होते हैं। इनका सौम्य स्वभाव लड़कियों को इन्‍हें अपना दोस्‍त बनाने के लिए प्रेरित करता है। इसके अलावा इनमें लड़कियों की भावना समझने की कमाल की खूबी होती है, जिस कारण ये हमेशा अपने आसपास की महिलाओं के पसंदीदा बने रहते हैं।

सिंह सिंह राशि के लड़के रौबीले और दमदार व्यक्तित्व वाले होते हैं। इनके व्यक्तित्व से तो लड़के भी इंप्रेस हो जाते हैं, फिर लड़कियों का आकर्षित होना लाजिमी है। इसके अलावा ये बहुत संवेदनशील होते हैं। उनकी ये खूबी भी महिलाओं को इन पर अपना दिल हारने पर मजबूर कर देती है।

तुला तुला राशि के लोग बहुत संतुलित स्वभाव वाले होते हैं लेकिन इनमें एक अजीब आकर्षण होता है और लड़कियां इनकी ओर आसानी से आकर्षित हो जाती हैं। इनको प्‍यार और परवाह का अहसास कराना अच्‍छी तरह आता है। साथ ही इनके काम करने का अंदाज भी लड़कियों को बहुत भाता है।

मकर मकर राशि के जातकों का बोलने का अंदाज सबसे अलग और खास होता है। उनकी इस खूबी पर ही लड़कियां मर मिटती हैं। इसके अलावा इस जाति के लड़के एक्टिव और स्मार्ट होते हैं इसलिए लड़कियां इनसे दोस्‍ती करने के लिए खुद ही हाथ आगे बढ़ा देती हैं।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी

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धर्म-अध्यात्म : अजाना अनदेखा प्रारब्ध!

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calendar01 Dec 2025 12:03 AM
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 विनय संकोची

प्रारब्ध संस्कृत का शब्द है-जिसका शाब्दिक अर्थ है-भाग्य, अदृष्ट। अदृष्ट का अर्थ है अप्रत्यक्ष, अजाना, अगोचर, अप्रकट, अनदेखा आदि। भाग्य सचमुच अनदेखा-अजाना ही तो होता है और मानव इस अनदेखे-अजाने पर सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं। प्रत्यक्ष की तुलना में परोक्ष को चाहने का सबसे बड़ा उदाहरण प्रारब्ध है भाग्य है।

जन्म लेते ही मनुष्य के भाग्य का लेखा प्रकट होने लगता है। कहते हैं सब कुछ मनुष्य की जन्म कुंडली में लिखा रहता है और समयानुसार घटित होता रहता है। अधिकांश लोग संसार सागर में अपनी जीवन नैया को भाग्य के सहारे छोड़ देते हैं और दु:ख-सुख से दो-चार होते हैं। लेकिन यह भी देखने में आता है कि व्यक्ति विशेष की जन्म कुंडली में, जो लिखा रहता है, वह व्यक्ति उसके विरुद्ध आचरण करता है। किसी की जन्म कुंडली में दु:ख संताप लिखे होने पर भी वह सुख शांति से रहता है, कुंडली में घोषित उसके भाग्य की निर्धनता का न जाने कैसे लोप हो जाता है?

इस तरह के प्रश्न प्रत्येक व्यक्ति के मन में स्वाभाविक रूप से उठते रहते हैं और वह उनका उत्तर तलाशने का प्रयास करता है। यहां एक बात तो समझ आती है कि जन्म के समय प्रारब्ध केअनुसार जैसे ग्रह नक्षत्र होते हैं, वैसे लिख दिया जाता है। लेकिन व्यक्ति भविष्य में जैसा बनना चाहे वैसा बनने के लिए वह फिर भी स्वतंत्र रहता है। शायद यही स्वतंत्रता व्यक्ति को कुंडली में लिखे प्रारब्ध से उलट जीवन प्रदान करती है

मनुष्य कर्म करने के लिए स्वतंत्र है, आजाद है, इसीलिए वह जैसा चाहे वैसा बन सकता है और उसके मार्ग में भाग्य भी आड़े नहीं आता है। एक महापुरुष के अनुसार यदि जन्म कुंडली के अनुसार ही सब कार्य हो, तो गुरु, शास्त्र, सत्संग, शिक्षा आदि सब व्यर्थ हो जाएंगे। सही बात है, यदि सब कुछ जन्म कुंडली के हिसाब से घटित होना हो, तो किसी को भी, किसी भी प्रयास की आवश्यकता ही क्यों होगी? सब कुछ स्वतः घटित होगा। लेकिन ऐसा होता नहीं है। एक ही समय में एक ही ग्रह नक्षत्र की स्थिति में जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन बड़े होने पर एक धनवान बन जाता है, दूसरा गरीबी में जीवन बिताता है। निश्चित रूप से दोनों के जीवन में भाग्य की अहम भूमिका होती है। लेकिन यह भी सच है कि दोनों के कर्म भी उनके जीवन की दिशा और दशा निर्धारित करते हैं।

केवल जन्म कुंडली के सहारे जीवन को दिशा देने की कोशिश करने वालों को यह बात समझनी होगी कि समस्त क्रियाएं जन्मकुंडली कहें या प्रारब्ध अथवा भाग्य के अनुसार हो ही नहीं सकती। मनुष्य एक दिन में इतनी क्रियायें करता है, जिनकी गणना वह स्वयं नहीं कर सकता है। एक दिन की क्रियाओं को संकलित कर एक पुस्तक का रूप दिया जा सकता है। समस्त क्रियाएं जन्मकुंडली में दर्ज़ नहीं होती हैं और न उनका फल कहीं लिखा होता है। यहीं से कर्म की भूमिका शुरू होती है। कुंडली में 'होने' का हिसाब लिखा होता है और कर्म में 'करने' का। कर्म का फल होता है और इसीलिए कर्म तथा उसका फल प्रारब्ध को प्रभावित करते हैं।

मैं जीवन में प्रारब्ध की भूमिका को नकार नहीं रहा, नकारना भी नहीं चाहिए। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि कर्म के बल पर भाग्य में लिखा हुआ बदला जा सकता है, यह असंभव इसलिए नहीं है क्योंकि हम कर्म करने के लिए स्वतंत्र हैं और परमात्मा ने हमें उपकार करके बुद्धि और विवेक प्रदान किया है