Noida News:शांति, प्रेम और आनंद का प्रकाश ही लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा: बी.के. रिचा
भारत
चेतना मंच
20 Jan 2022 04:28 PM
नोएडा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में विद्यालय की ओर से त्रिदिवसीय ग्लोबल साइलेंस भट्टी का आयोजन किया गया जिसमे लाखों लोगों ने विश्व भर से हिस्सा लिए और सारे विश्व में शांति के प्रकम्पन फैलाए।सेवा केंद्र ओम शांति भवन सेक्टर 48 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि 53वें स्मृति दिवस व विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका बी के रिचा बहन की देख-रेख में इस विशेष दिन पर सेवा केंद्र को सुगन्धित पुष्पों से सजाया गया और पूरा आँगन एक बगिया की तरह महक उठा। सेवा केंद्र के अथक सेवाधारियों ने अति हर्ष और प्रेम से पांडव भवन , मधुबन में बने चार धाम का एक दिव्य अलौकिक स्वरूप तैयार किया। अनेकानेक भाई-बहनों ने इस चार धाम यात्रा का अविस्मरणीय और अलौकिक अनुभव किया। ऐसे अदभुत दृश्य ने अनेकों के मन और जीवन को महका दिया।
बीके रिचा बहन ने विश्व शांति के महानायक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के श्रेष्ठ, प्रेरणादायी और अलौकिक जीवन का विवरण किया और उनकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबा का स्वभाव सदा शीतल और वाणी सदा मधुर थी। ब्रह्मा बाबा का सबके प्रति निश्छल प्रेम, अलौकिक दृष्टि थी, उनकी अखंड तपस्या के फलस्वरूप आज सभी वरदानों से भरपूर होते हैं और उनकी दिव्य उपस्थिति और स्नेह की अनुभूति करते हैं । अपने सम्पूर्ण जीवन को मानवता की सेवा और परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य में समपर्ण कर, वे अनेकों के लिए उदाहरण बने और उनकी शिक्षाओं से आज लाखों लोगों ने अपने जीवन को सुख, शांति और शक्ति से संपन्न बनाया है।
उनका कहना था कि यदि विश्व में शांति की स्थापना करनी है तो उसके लिए जरूरी है कि सभी मनुष्यों के अंदर शांति का बीजारोपण हो। क्योंकि प्रत्येक मनुष्य से फैलने वाले शांति, प्रेम और आनंद का प्रकाश ही लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा तथा एक नई दुनिया की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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नोएडा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में विद्यालय की ओर से त्रिदिवसीय ग्लोबल साइलेंस भट्टी का आयोजन किया गया जिसमे लाखों लोगों ने विश्व भर से हिस्सा लिए और सारे विश्व में शांति के प्रकम्पन फैलाए।सेवा केंद्र ओम शांति भवन सेक्टर 48 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि 53वें स्मृति दिवस व विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका बी के रिचा बहन की देख-रेख में इस विशेष दिन पर सेवा केंद्र को सुगन्धित पुष्पों से सजाया गया और पूरा आँगन एक बगिया की तरह महक उठा। सेवा केंद्र के अथक सेवाधारियों ने अति हर्ष और प्रेम से पांडव भवन , मधुबन में बने चार धाम का एक दिव्य अलौकिक स्वरूप तैयार किया। अनेकानेक भाई-बहनों ने इस चार धाम यात्रा का अविस्मरणीय और अलौकिक अनुभव किया। ऐसे अदभुत दृश्य ने अनेकों के मन और जीवन को महका दिया।
बीके रिचा बहन ने विश्व शांति के महानायक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के श्रेष्ठ, प्रेरणादायी और अलौकिक जीवन का विवरण किया और उनकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबा का स्वभाव सदा शीतल और वाणी सदा मधुर थी। ब्रह्मा बाबा का सबके प्रति निश्छल प्रेम, अलौकिक दृष्टि थी, उनकी अखंड तपस्या के फलस्वरूप आज सभी वरदानों से भरपूर होते हैं और उनकी दिव्य उपस्थिति और स्नेह की अनुभूति करते हैं । अपने सम्पूर्ण जीवन को मानवता की सेवा और परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य में समपर्ण कर, वे अनेकों के लिए उदाहरण बने और उनकी शिक्षाओं से आज लाखों लोगों ने अपने जीवन को सुख, शांति और शक्ति से संपन्न बनाया है।
उनका कहना था कि यदि विश्व में शांति की स्थापना करनी है तो उसके लिए जरूरी है कि सभी मनुष्यों के अंदर शांति का बीजारोपण हो। क्योंकि प्रत्येक मनुष्य से फैलने वाले शांति, प्रेम और आनंद का प्रकाश ही लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा तथा एक नई दुनिया की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।
Noida News:शांति, प्रेम और आनंद का प्रकाश ही लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा: बी.के. रिचा
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नोएडा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में विद्यालय की ओर से त्रिदिवसीय ग्लोबल साइलेंस भट्टी का आयोजन किया गया जिसमे लाखों लोगों ने विश्व भर से हिस्सा लिए और सारे विश्व में शांति के प्रकम्पन फैलाए।सेवा केंद्र ओम शांति भवन सेक्टर 48 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि 53वें स्मृति दिवस व विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका बी के रिचा बहन की देख-रेख में इस विशेष दिन पर सेवा केंद्र को सुगन्धित पुष्पों से सजाया गया और पूरा आँगन एक बगिया की तरह महक उठा। सेवा केंद्र के अथक सेवाधारियों ने अति हर्ष और प्रेम से पांडव भवन , मधुबन में बने चार धाम का एक दिव्य अलौकिक स्वरूप तैयार किया। अनेकानेक भाई-बहनों ने इस चार धाम यात्रा का अविस्मरणीय और अलौकिक अनुभव किया। ऐसे अदभुत दृश्य ने अनेकों के मन और जीवन को महका दिया।
बीके रिचा बहन ने विश्व शांति के महानायक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के श्रेष्ठ, प्रेरणादायी और अलौकिक जीवन का विवरण किया और उनकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबा का स्वभाव सदा शीतल और वाणी सदा मधुर थी। ब्रह्मा बाबा का सबके प्रति निश्छल प्रेम, अलौकिक दृष्टि थी, उनकी अखंड तपस्या के फलस्वरूप आज सभी वरदानों से भरपूर होते हैं और उनकी दिव्य उपस्थिति और स्नेह की अनुभूति करते हैं । अपने सम्पूर्ण जीवन को मानवता की सेवा और परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य में समपर्ण कर, वे अनेकों के लिए उदाहरण बने और उनकी शिक्षाओं से आज लाखों लोगों ने अपने जीवन को सुख, शांति और शक्ति से संपन्न बनाया है।
उनका कहना था कि यदि विश्व में शांति की स्थापना करनी है तो उसके लिए जरूरी है कि सभी मनुष्यों के अंदर शांति का बीजारोपण हो। क्योंकि प्रत्येक मनुष्य से फैलने वाले शांति, प्रेम और आनंद का प्रकाश ही लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा तथा एक नई दुनिया की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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नोएडा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में विद्यालय की ओर से त्रिदिवसीय ग्लोबल साइलेंस भट्टी का आयोजन किया गया जिसमे लाखों लोगों ने विश्व भर से हिस्सा लिए और सारे विश्व में शांति के प्रकम्पन फैलाए।सेवा केंद्र ओम शांति भवन सेक्टर 48 में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की पुण्य तिथि 53वें स्मृति दिवस व विश्व शांति दिवस के रूप में मनाई गई। सेवा केंद्र की मुख्य संचालिका बी के रिचा बहन की देख-रेख में इस विशेष दिन पर सेवा केंद्र को सुगन्धित पुष्पों से सजाया गया और पूरा आँगन एक बगिया की तरह महक उठा। सेवा केंद्र के अथक सेवाधारियों ने अति हर्ष और प्रेम से पांडव भवन , मधुबन में बने चार धाम का एक दिव्य अलौकिक स्वरूप तैयार किया। अनेकानेक भाई-बहनों ने इस चार धाम यात्रा का अविस्मरणीय और अलौकिक अनुभव किया। ऐसे अदभुत दृश्य ने अनेकों के मन और जीवन को महका दिया।
बीके रिचा बहन ने विश्व शांति के महानायक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के श्रेष्ठ, प्रेरणादायी और अलौकिक जीवन का विवरण किया और उनकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबा का स्वभाव सदा शीतल और वाणी सदा मधुर थी। ब्रह्मा बाबा का सबके प्रति निश्छल प्रेम, अलौकिक दृष्टि थी, उनकी अखंड तपस्या के फलस्वरूप आज सभी वरदानों से भरपूर होते हैं और उनकी दिव्य उपस्थिति और स्नेह की अनुभूति करते हैं । अपने सम्पूर्ण जीवन को मानवता की सेवा और परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन के कार्य में समपर्ण कर, वे अनेकों के लिए उदाहरण बने और उनकी शिक्षाओं से आज लाखों लोगों ने अपने जीवन को सुख, शांति और शक्ति से संपन्न बनाया है।
उनका कहना था कि यदि विश्व में शांति की स्थापना करनी है तो उसके लिए जरूरी है कि सभी मनुष्यों के अंदर शांति का बीजारोपण हो। क्योंकि प्रत्येक मनुष्य से फैलने वाले शांति, प्रेम और आनंद का प्रकाश ही लोगों की जिंदगी में बदलाव लाएगा तथा एक नई दुनिया की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करेगा।
Sanskrit : सं च त्वे जग्मुर्गिर इन्द्र पूर्वीर्वि च त्वद्यन्ति विभ्वो मनीषाः।
पुरा नूनं च स्तुतय ऋषीणां पस्पृध्र इन्द्रे अध्युक्थार्का॥ ऋग्वेद ६-३४-१॥
Hindi : सृष्टि के आरंभ में परमेश्वर वेदवाणियों का प्रकाश मानव हित के लिए प्रदान करते हैं। जो मनुष्य इनका प्रकाश ग्रहण करते हैं वह उत्तम गुणों से संयुक्त हो जाते हैं और सुख भोगते हैं। प्राचीन काल से ही वेदों के ज्ञाता ऋषि और उपदेशक एक दूसरे से बढ़-चढ़कर इस ज्ञान को प्राप्त करने और उसके प्रसार करने में भाग लेते हैं। (ऋग्वेद ६-३४-१)
English : At the beginning of creation, the Supreme Lord provides the light of the Vedas for the benefit of mankind. Those who receive its light become united with noble virtues and enjoy happiness. Since ancient times, the sages and preachers of the Vedas take part in gaining and disseminating this knowledge, vieing with each other. (Rig Veda 6-34-1)
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चेतना मंच
30 Nov 2025 04:15 AM
Sanskrit : सं च त्वे जग्मुर्गिर इन्द्र पूर्वीर्वि च त्वद्यन्ति विभ्वो मनीषाः।
पुरा नूनं च स्तुतय ऋषीणां पस्पृध्र इन्द्रे अध्युक्थार्का॥ ऋग्वेद ६-३४-१॥
Hindi : सृष्टि के आरंभ में परमेश्वर वेदवाणियों का प्रकाश मानव हित के लिए प्रदान करते हैं। जो मनुष्य इनका प्रकाश ग्रहण करते हैं वह उत्तम गुणों से संयुक्त हो जाते हैं और सुख भोगते हैं। प्राचीन काल से ही वेदों के ज्ञाता ऋषि और उपदेशक एक दूसरे से बढ़-चढ़कर इस ज्ञान को प्राप्त करने और उसके प्रसार करने में भाग लेते हैं। (ऋग्वेद ६-३४-१)
English : At the beginning of creation, the Supreme Lord provides the light of the Vedas for the benefit of mankind. Those who receive its light become united with noble virtues and enjoy happiness. Since ancient times, the sages and preachers of the Vedas take part in gaining and disseminating this knowledge, vieing with each other. (Rig Veda 6-34-1)