क्यों कहलाते हैं नारद मुनी दुनिया के पहले पत्रकार  

NARAD JI e1716536401100
Narad Jayanti 2024 :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar24 May 2024 06:40 PM
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Narad Jayanti 2024 : ज्येष्ठ माह का आगमन नारद जयंती पूजा के साथ शुरु होता है. देवर्षि नारद मुनि के जन्म समय को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है. पुराणों और लोककथाओं के अनुसार नारद मुनी जी को संसार में हर तरफ आवागमन करने का अधिकार प्राप्त था. इसी कारण नारद मुनी को एक विश्व का प्रथम पत्रकार या देव-दानवों एवं सभी के मुख्य सूचना स्रोत के रूप में जाना जाता है. इसी लिए उन्हें दुनिया का पहला पत्रकार भी कहा गया है.

नारद जयंती पूजन विशेष Shri Narad Muni Dev 

शास्त्रों के अनुसार नारद पूजन द्वारा बुद्धि के साथ ज्ञान प्राप्ति का आशिर्वाद मिलता है.  नारद मुनि के पास पाताल, पृथ्वी और स्वर्ग लोक से लेकर हर स्थान पर जाने की उनकी शक्ति थी.  भगवान विष्णु के एक समर्पित भक्त के रुप में वह प्रथम स्थान भी पाते हैं. नारद मुनि के पास ब्रह्मा, पाताल और विष्णु लोकों के साथ-साथ मृत्यु लोक सहित ब्रह्मांड में कहीं भी यात्रा करने की शक्ति थी और इसी के साथ वह अपनी इस शक्ति द्वारा सभी सूचनाएं कहीं भी पहुंचा पाने में सक्षम थे.

नारद जयंती पूजन 2024 

नारद जी की जयंती के दिन नारद देव जी का पूजन होता है तथा उनके पास वीणा जो संगीत वाद्ययंत्र होता है उसे भी इस दिन पूजा जाता है. संगीत का पूजन भी इस दिन किया जाता है जो भक्त को संगीत एवं कला के क्षेत्रों में शुभता प्रदान करता है. देवी देवताओं में वे एकमात्र ऐसे देवता थे जो अपने गुणों के द्वारा सभी के मध्य पूजनीय भी रहे हैं.  नारद जी की पूजा द्वारा भक्त अपने जीवन के संकटों से मुक्त होता है.  नारद जी की जयंती के दिन उत्साह ओर भक्ति की अलग ही धूम दिखाई देती है.  नारद जी सभी देवी-देवताओं में पूजनीय रहे हैं. वह एकमात्र ऐसे देवता थे जो बौद्धिक गुणों से परिपूर्ण थे. विष्णु जी के परम भक्त भी थे, नारद जी अपने मुख से सदैव भक्ति की धारा ही बही है. श्री नारद मुनि देव आरती   || आरती || जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। ज्ञान की वीणा बजाएं, सुर नारद मुनि, भक्ति भाव से भरे, प्रेम की धूनी। वीना वदना धारा चरण कमला, ध्यान लगाए भक्ति में प्यारा। जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। नारायण नारायण, नारद मुनि की महिमा अप्राम्पर, भक्ति भाव से जिसे छू जाए, मिल जाए परम धाम। जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। आरती की धूप, ज्योति तुम्हारी, भक्ति भाव से भरपूर हमारी। जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। आचार्य राजरानी

नारद जयंती : ब्रह्मा जी के एक श्राप से बदल गया देव ऋषि नारद का संकल्प

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क्यों कहलाते हैं नारद मुनी दुनिया के पहले पत्रकार  

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Narad Jayanti 2024 : ज्येष्ठ माह का आगमन नारद जयंती पूजा के साथ शुरु होता है. देवर्षि नारद मुनि के जन्म समय को नारद जयंती के रूप में मनाया जाता है. पुराणों और लोककथाओं के अनुसार नारद मुनी जी को संसार में हर तरफ आवागमन करने का अधिकार प्राप्त था. इसी कारण नारद मुनी को एक विश्व का प्रथम पत्रकार या देव-दानवों एवं सभी के मुख्य सूचना स्रोत के रूप में जाना जाता है. इसी लिए उन्हें दुनिया का पहला पत्रकार भी कहा गया है.

नारद जयंती पूजन विशेष Shri Narad Muni Dev 

शास्त्रों के अनुसार नारद पूजन द्वारा बुद्धि के साथ ज्ञान प्राप्ति का आशिर्वाद मिलता है.  नारद मुनि के पास पाताल, पृथ्वी और स्वर्ग लोक से लेकर हर स्थान पर जाने की उनकी शक्ति थी.  भगवान विष्णु के एक समर्पित भक्त के रुप में वह प्रथम स्थान भी पाते हैं. नारद मुनि के पास ब्रह्मा, पाताल और विष्णु लोकों के साथ-साथ मृत्यु लोक सहित ब्रह्मांड में कहीं भी यात्रा करने की शक्ति थी और इसी के साथ वह अपनी इस शक्ति द्वारा सभी सूचनाएं कहीं भी पहुंचा पाने में सक्षम थे.

नारद जयंती पूजन 2024 

नारद जी की जयंती के दिन नारद देव जी का पूजन होता है तथा उनके पास वीणा जो संगीत वाद्ययंत्र होता है उसे भी इस दिन पूजा जाता है. संगीत का पूजन भी इस दिन किया जाता है जो भक्त को संगीत एवं कला के क्षेत्रों में शुभता प्रदान करता है. देवी देवताओं में वे एकमात्र ऐसे देवता थे जो अपने गुणों के द्वारा सभी के मध्य पूजनीय भी रहे हैं.  नारद जी की पूजा द्वारा भक्त अपने जीवन के संकटों से मुक्त होता है.  नारद जी की जयंती के दिन उत्साह ओर भक्ति की अलग ही धूम दिखाई देती है.  नारद जी सभी देवी-देवताओं में पूजनीय रहे हैं. वह एकमात्र ऐसे देवता थे जो बौद्धिक गुणों से परिपूर्ण थे. विष्णु जी के परम भक्त भी थे, नारद जी अपने मुख से सदैव भक्ति की धारा ही बही है. श्री नारद मुनि देव आरती   || आरती || जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। ज्ञान की वीणा बजाएं, सुर नारद मुनि, भक्ति भाव से भरे, प्रेम की धूनी। वीना वदना धारा चरण कमला, ध्यान लगाए भक्ति में प्यारा। जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। नारायण नारायण, नारद मुनि की महिमा अप्राम्पर, भक्ति भाव से जिसे छू जाए, मिल जाए परम धाम। जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। आरती की धूप, ज्योति तुम्हारी, भक्ति भाव से भरपूर हमारी। जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा, स्वामी जय नारद मुनि देवा, जय नारद मुनि जी देवा। आचार्य राजरानी

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बुद्धम शरणम गच्छामि का संदेश देती बुद्ध पूर्णिमा,जानें तिथि और महत्व  

Budhh e1716366833777
Buddha Purnima 2024 Date
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 02:47 PM
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Buddha Purnima 2024 Date : वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि के दिन बुद्ध पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है. इस समय को एक बेहद विशेष एवं शुभ दिन के रुप में पूजा जाता है. बुद्ध पूर्णिमा जिसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इसी शुभ समय पर भगवान बुद्ध का अवतरण हुआ. धर्म ग्रंथों एवं शास्त्रों के अनुसार इस पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार बुद्ध पूर्णिमा का पर्व 23 मई 2024 के दिन धूमधाम के साथ मनाया जएगा. आइये जान लेते हैं बुद्ध वैशाख पूर्णिमा से संबंधित विशेष बातें एवं पूजा समय.

बुद्ध पूर्णिमा 2024 पूजा Buddha Purnima 2024 Date

वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा एवं वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाते हैं. इस दिन को पीपल पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है की इसी शुभ दिन पर गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था. इसी कारण इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा के रुप में मनाते हैं. इस शुभ अवसर पर देश भर में उत्साह एवं भक्ति का माहोल दिखाई देता है. इस शुभ दिन को बुद्ध और हिंदू दोनों धर्मों के मानने वाले उत्साह के साथ मनाते हैं. बुद्ध पूर्णिमा का दिन भारत में ही नहीं अपितु विश्व भर में मनाया जाता है. Buddha Purnima 2024 Date भगवान गौतम का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था तथा उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी इसी पूर्णिमा तिथि पर होती है इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन बुद्ध का जन्म लेना भगवान श्री हरि के अवतरण से संबंधित रहा है जिन्हें भगवान विष्णु का दसवां अवतार भी माना जाता है. इसी पूर्णिमा के दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति भी हुई थी और इसी दिन उन्हें मोक्ष की प्राप्ति भी हुई थी ऎसे में यह शुभ समय बहुत ही विशेष होता है.

बुद्ध पूर्णिमा ज्ञान के जागरण का समय  

बुध पूर्णिमा को ज्ञान पूर्णिमा के रुप में भी पूजा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान, निर्वाण सभी इस तिथि से संबंधित रहा है. ऎसे में यह तिथि बेहद ही शुभ एवं पवित्र मानी जाती है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध एवं श्री विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है.बुद्ध पूर्णिमा के दिन इस दिन सुबह जल्दी उठें और सुबह स्नान आदि के बाद प्रभु का पूजन करना चाहिए.इसके साथ ही प्रकृति की पूजा, पेड़ पौधों को लगाना एवं पशु पक्षियों को अन्न इत्यादि देना शुभ होता है. बुद्ध पूर्णिमा के दिन जल का दान अवश्य करना चाहिए तथा गरीबों को भोजन वितरित करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य राजरानी

जब तंत्र-मंत्र की योजना हुई फेल, तो बेटी के प्रेमी को दी ये खौफनाक सजा