Health News- खुशखबरी, कोरोना के मरीजों की संख्या में लगातार हो रही कमी

Janchetna9
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar27 Nov 2025 10:29 AM
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हेल्थ न्यूज- कोरोना संक्रमण को लेकर एक बेहद सुखद खबर सामने आई है। देश में लगातार चौथे दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले में गिरावट दर्ज की जा रही है, जो वाकई में बेहद राहत वाली खबर है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से होने वाले मृत्यु दर में भी गिरावट देखने को मिली है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में मात्र 219 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हुई है, जो पिछले कई दिनों में जारी किए गए आंकड़ों की तुलना में बेहद कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के नए केसेस की तुलना में इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। ऐसे में सक्रिय मरीजों की संख्या का प्रतिशत 1.13 रह गए है, जबकि रिकवरी करने वाले मरीजों की संख्या 97.54 प्रतिशत हो गई है, वहीं अगर बात करें मृत्यु दर की तो वह 1.33 रिकॉर्ड की गई है। नए आंकड़ों की माने तो अभी भी केरल राज्य कोरोना संक्रमण में सबसे आगे चल रहा है, जहां सबसे ज्यादा नए केसेस देखने को मिल रहे है। फिर भी अगर नए आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो कोरोना संक्रमण की संख्या में आई कमी वाकई में देश भर की जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है।

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userसुप्रिया श्रीवास्तव
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हेल्थ न्यूज- कोरोना संक्रमण को लेकर एक बेहद सुखद खबर सामने आई है। देश में लगातार चौथे दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले में गिरावट दर्ज की जा रही है, जो वाकई में बेहद राहत वाली खबर है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से होने वाले मृत्यु दर में भी गिरावट देखने को मिली है। केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में मात्र 219 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मृत्यु हुई है, जो पिछले कई दिनों में जारी किए गए आंकड़ों की तुलना में बेहद कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना के नए केसेस की तुलना में इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। ऐसे में सक्रिय मरीजों की संख्या का प्रतिशत 1.13 रह गए है, जबकि रिकवरी करने वाले मरीजों की संख्या 97.54 प्रतिशत हो गई है, वहीं अगर बात करें मृत्यु दर की तो वह 1.33 रिकॉर्ड की गई है। नए आंकड़ों की माने तो अभी भी केरल राज्य कोरोना संक्रमण में सबसे आगे चल रहा है, जहां सबसे ज्यादा नए केसेस देखने को मिल रहे है। फिर भी अगर नए आंकड़ों पर ध्यान दिया जाए तो कोरोना संक्रमण की संख्या में आई कमी वाकई में देश भर की जनता के लिए बड़ी खुशखबरी है।

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Lifestyle : रतिक्रिया के लिए शास्त्रों के अनुसार कौन सा समय होता है उचित

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar07 Sep 2021 01:30 PM
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विवाह के बाद रतिक्रिया यानि पति पत्नी के बीच होने वाली वो क्रिया जिसके करने से सन्तान उत्पत्ति होती है, का अपना महत्व है। इसके माध्यम से हमें संतानोत्पत्ति होती है एवं वंश आगे बढ़ता है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि होने वाली संतान का निर्धारण भी रतिक्रिया के समय से होता है। ऐसे में हमें यह जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि रतिक्रिया किस समय विशेष पर की जाए ताकि इसके लाभ मिल सकें।

धर्मशास्त्र कहते हैं रात्रि का पहला पहर रतिक्रिया के लिए उचित समय है। रात्रि का पहला पहर घड़ी के अनुसार बारह बजे तक रहता है। यह एक मान्यता है कि जो रतिक्रिया रात्रि के प्रथम पहर में की जाती है, उसके फलस्वरूप जो संतान का जन्म होता है, उसे भगवान शिव का आशीष प्राप्त होता है।

ऐसी संतान अपनी प्रवृत्ति एवं संभावनाओं में धार्मिक, सात्विक, अनुशासित, संस्कारवान, माता-पिता से प्रेम रखने वाली, धर्म का कार्य करने वाली, यशस्वी एवं आज्ञाकारी होती है। चूंकि ऐसे जातकों को शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है, इसलिए वे लंबी आयु जीते हैं एवं भाग्य के भी प्रबल धनी होते हैं।

रतिक्रिया के लिए रात्रि के प्रथम पहर का महत्व इसलिए है क्योंकि धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रथम पहर के बाद राक्षस गण पृथ्वी लोक के भ्रमण पर निकलते हैं। उसी दौरान जो रतिक्रिया की गई हो, उससे उत्पन्न होने वाली संतान में भी राक्षसों के ही समान गुण आने की प्रबल संभावना होती है। इसके चलते वह संतान भोगी, दुर्गुणी, माता-पिता एवं बुजुर्गों की अवमानना करने वाली, अनैतिक, अधर्मी, अविवेकी एवं असत्य का पक्ष लेने वाली होती है। रात्रि का पहला पहर घड़ी के अनुसार बारह बजे तक रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी समय को रतिक्रिया के उचित समय माना जाता है। लेकिन यदि इसके अलावा शेष किसी अन्य पहर में रतिक्रिया की जाती है तो परिणामस्वरूप शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक कष्ट सामने आते हैं।

पहले पहर के बाद रतिक्रिया इसलिए भी अशुभकारी है क्योंकि ऐसा करने से शरीर को कई रोग घेर लेते हैं। व्यक्ति अनिंद्रा, मानसिक क्लेश, थकान का शिकार हो सकता है एवं माना जाता है कि भाग्य भी उससे रूठ जाता है।