pimples : खराब लाइफ स्टाइल से होती है मुहासों की समस्या

एंड्रोजन हार्मोन लेवल में वृद्धि के कारण होते हैं मुहासे
शरीर के अन्य भाग की तुलना में मुहांसे अधिकतर हमारे गालों और नाक पर पनपते हैं, इसके साथ ही पीठ के ऊपरी हिस्से या कंधों पर भी होते हैं। कुछ लोगों में मुंहासे आकार में बड़े होकर मवाद युक्त गांठों के रूप में भी विकसित हो जाते हैं। इनमें सूजन और लालपन के साथ दर्द और जलन होती है। मुंहासे के दो प्रकार गैर भड़काऊ मुंहासे ज्वलनशील मुंहासे होते हैं। गैर भड़काऊ मुंहासों में शामिल हैं ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स। ज्वलनशील में पिंपल्स, पस्ट्यूल्स, पिंड, सिस्ट शामिल हैं।मुहासों से युवाओं में आत्मविश्वास की कमी और डिप्रेशन
कुल मिलाकर मुँहासा त्वचा संबंधी आम रोगों में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बीमारी है क्योंकि इसका सीधा असर किसी की भी सुंदरता पर पड़ता है, जिससे ज्यादातर युवाओं में आत्मविश्वास की कमी और डिप्रेशन जैसी समस्या देखी गई है। किंतु इससे चिंतित होने की अधिक आवश्यकता नहीं क्योंकि डॉक्टर से या घरेलू नुस्खों से भी इसका उपचार संभव है।अच्छे लाईफ स्टाइल से हम इसे काफी हद तक रोक सकते हैं
वैसे तो मुँहासों का होना आम बात है लेकिन अपने खान पान, रोजमर्रा की आदतों और तरीकों में बदलाव करके अथवा अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करके मुँहासों का आना कुछ हद तक कम कर सकते हैं जैसे पूरे दिन में 10–12 गिलास पानी पीकर, हरी सब्जियों एवं चुकंदर चुकंदर, अनार (खाने से खून की कमी दूर होती है।), नींबू (विटामिन-सी), दही, सेब, बेरीज, आदि के सेवन व बर्गर, पिज़्ज़ा या बाहर के फास्ट फूड को छोड़कर, रात के समय हल्का भोजन करने के बाद कुछ देर घूमकर आदि। इसके अतिरिक्त साफ सुथरे रहकर और चेहरे को हल्के हाथों से फेस वॉश लगाकर चेहरा धोना चाहिए ध्यान रहे कि चेहरा अधिक बार ना रगड़ें वैसे तो मुंहासे किसी विशेष प्रकार के खाने से होने वाला रोग नहीं ना ही यह कोई ऐसी समस्या है जिसका इलाज बहुत दुर्लभ है लेकिन अच्छे लाईफ स्टाइल से हम इसे काफी हद तक रोक सकते हैं, हमें बस यह खयाल रखना है कि हम खाते समय खयाल रखें कि क्या हमारी सेहत के लिए ठीक है या क्या नहीं। मुंहासे हो जाने पर बिना सोचे समझे किसी भी प्रकार की क्रीम या फेस वॉश यूज़ करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें, क्योंकि कई लोग मुंहासे आने पर उसका उपचार जल्द से जल्द करना चाहते हैं मगर जल्दबाजी किसी भी प्रकार के उपचार का सबसे बड़ा विकार है, लोगों को चाहिए कि वे धैर्य रखें और किसी स्किन डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें। आपने यह तो सुना ही होगा कि प्रिवेंशन इज बैटर देन क्योर अर्थात् इलाज से बेहतर बचाव है अतः यदि हम पहले ही व्यायाम, साफ – सफाई और घर के पौष्टिक आहार तथा फल आदि को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं तो काफी हद तक मुंहासे ही क्या विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव संभव है। अंततः स्वस्थ रहें और इलाज नहीं रोकथाम करें।Shraddha Kapoor Birthday Special- फिल्मों में आने से पहले कॉफी शॉप पर काम करती थी श्रद्धा कपूर
अगली खबर पढ़ें
एंड्रोजन हार्मोन लेवल में वृद्धि के कारण होते हैं मुहासे
शरीर के अन्य भाग की तुलना में मुहांसे अधिकतर हमारे गालों और नाक पर पनपते हैं, इसके साथ ही पीठ के ऊपरी हिस्से या कंधों पर भी होते हैं। कुछ लोगों में मुंहासे आकार में बड़े होकर मवाद युक्त गांठों के रूप में भी विकसित हो जाते हैं। इनमें सूजन और लालपन के साथ दर्द और जलन होती है। मुंहासे के दो प्रकार गैर भड़काऊ मुंहासे ज्वलनशील मुंहासे होते हैं। गैर भड़काऊ मुंहासों में शामिल हैं ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स। ज्वलनशील में पिंपल्स, पस्ट्यूल्स, पिंड, सिस्ट शामिल हैं।मुहासों से युवाओं में आत्मविश्वास की कमी और डिप्रेशन
कुल मिलाकर मुँहासा त्वचा संबंधी आम रोगों में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बीमारी है क्योंकि इसका सीधा असर किसी की भी सुंदरता पर पड़ता है, जिससे ज्यादातर युवाओं में आत्मविश्वास की कमी और डिप्रेशन जैसी समस्या देखी गई है। किंतु इससे चिंतित होने की अधिक आवश्यकता नहीं क्योंकि डॉक्टर से या घरेलू नुस्खों से भी इसका उपचार संभव है।अच्छे लाईफ स्टाइल से हम इसे काफी हद तक रोक सकते हैं
वैसे तो मुँहासों का होना आम बात है लेकिन अपने खान पान, रोजमर्रा की आदतों और तरीकों में बदलाव करके अथवा अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करके मुँहासों का आना कुछ हद तक कम कर सकते हैं जैसे पूरे दिन में 10–12 गिलास पानी पीकर, हरी सब्जियों एवं चुकंदर चुकंदर, अनार (खाने से खून की कमी दूर होती है।), नींबू (विटामिन-सी), दही, सेब, बेरीज, आदि के सेवन व बर्गर, पिज़्ज़ा या बाहर के फास्ट फूड को छोड़कर, रात के समय हल्का भोजन करने के बाद कुछ देर घूमकर आदि। इसके अतिरिक्त साफ सुथरे रहकर और चेहरे को हल्के हाथों से फेस वॉश लगाकर चेहरा धोना चाहिए ध्यान रहे कि चेहरा अधिक बार ना रगड़ें वैसे तो मुंहासे किसी विशेष प्रकार के खाने से होने वाला रोग नहीं ना ही यह कोई ऐसी समस्या है जिसका इलाज बहुत दुर्लभ है लेकिन अच्छे लाईफ स्टाइल से हम इसे काफी हद तक रोक सकते हैं, हमें बस यह खयाल रखना है कि हम खाते समय खयाल रखें कि क्या हमारी सेहत के लिए ठीक है या क्या नहीं। मुंहासे हो जाने पर बिना सोचे समझे किसी भी प्रकार की क्रीम या फेस वॉश यूज़ करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें, क्योंकि कई लोग मुंहासे आने पर उसका उपचार जल्द से जल्द करना चाहते हैं मगर जल्दबाजी किसी भी प्रकार के उपचार का सबसे बड़ा विकार है, लोगों को चाहिए कि वे धैर्य रखें और किसी स्किन डॉक्टर से ज़रूर परामर्श करें। आपने यह तो सुना ही होगा कि प्रिवेंशन इज बैटर देन क्योर अर्थात् इलाज से बेहतर बचाव है अतः यदि हम पहले ही व्यायाम, साफ – सफाई और घर के पौष्टिक आहार तथा फल आदि को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं तो काफी हद तक मुंहासे ही क्या विभिन्न प्रकार के रोगों से बचाव संभव है। अंततः स्वस्थ रहें और इलाज नहीं रोकथाम करें।Shraddha Kapoor Birthday Special- फिल्मों में आने से पहले कॉफी शॉप पर काम करती थी श्रद्धा कपूर
संबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें




Weight Loss: If you want to gain weight, then start this change in your routine now and get quick relief from obesity.[/caption]
अपने खानपान में गर्म-सर्द का विशेष रुप से ख्याल रखें. मोटापे में सबसे बड़ी समस्या खाने पीने में हम सभी की लापरवाही चर्बी की अधिकता का कारण बनती है. मौसम में जैसे बदलाव होते हैं हम तुरंत ही उस बदलाव के विपरित काम करने लगते हैं. जैसे सर्दी जाते ही गर्मी के आने से पहले ही ठंडा अधिक मात्रा में लेने लगते हैं जो सबसे हानिकारक होता है हमारे स्वास्थ्य के लिए. इसका सीधा असर शरीर में मौजूद वसा पर पड़ता है और इसके कारण वसा का गलना धीमा हो जाता है जिसके कारण मोटापा धीमी रफ्तार से हमें कब जकड़ लेता है पता ही नहीं चलता है. इसलिए जरूरी है की इन कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए जिससे हेल्थ रहेगी फिट और मोटापा हो जाएगा दूर.