हाईकोर्ट का फैसला- उत्तर प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के कराना होगा निकाय चुनाव ,बिहार में भी बिना ट्रिपल टेस्ट के कोर्ट ने रोका था चुनाव

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calendar27 Dec 2022 09:49 PM
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अंशु नैथानी  उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने आज एक बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट नहीं होता तब तक निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं होगा। सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण के ही निकाय चुनाव करवाना होगा और ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटों को जनरल माना जाएगा ।हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव तत्काल कराने का भी सरकार को निर्देश दिया है । कोर्ट का कहना है जब तक ट्रिपल टेस्ट नहीं हो जाता तब तक निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। क्योंकि नगर निकायों का टर्म समाप्त हो रहा है इसलिए अभी ओबीसी आरक्षण के बिना ही निकाय चुनाव संपन्न कराए जाएं। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने करीब 20 दिन चली सुनवाई के बाद यह फैसला दिया है।

बिहार में भी बिना ट्रिपल टेस्ट के निकाय चुनाव में आरक्षण पर लग चुकी है रोक -

आपको बता दें कि इससे पहले बिहार में भी हाई कोर्ट ने बिना ट्रिपल टेस्ट के निकाय चुनाव में ओबीसी- ईबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। बिहार में निकाय चुनाव 10 अक्टूबर से होने वाले थे लेकिन हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मसले पर निकाय चुनावों पर रोक लगा दी थी ।कोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार ने आनन-फानन में आरक्षण के लिए आयोग और कमेटी का गठन किया और कोर्ट को यह जानकारी दी कि उसने आरक्षण के लिए कमेटी का गठन कर लिया है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने दिसंबर में नई तारीखों का ऐलान कर दिया । इस प्रकार राज्य सरकार ओबीसी-ईबीसी आरक्षण के साथ ही राज्य में निकाय चुनाव करवा रही है। हालांकि इस मामले की सुनवाई अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। राज्य में इस तरह आनन-फानन तरीके से अतिपिछड़ा आयोग के गठन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं जिसने अपने गठन के 2 महीने के भीतर ही सरकार को रिपोर्ट भी सौंप दी थी । हाई कोर्ट (High Court)के निर्देश के तहत सरकार को सभी नगर निकाय इलाकों में जाकर विस्तृत डेटा एकत्र कर रिपोर्ट बनानी थी। अब आनन-फानन में तैयार इस रिपोर्ट पर ही सवाल उठ रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में इस आयोग की योग्यता पर ही मामला चल रहा है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फिर से स्थिति बदल सकती है।

क्या है ट्रिपल टेस्ट

ट्रिपल टेस्ट में तीन चरणों में आरक्षण के मूल्यांकन की प्रक्रिया होती है। पहले चरण में आयोग का गठन करना होता है ।दूसरे चरण में पिछड़ेपन का विस्तृत का डाटा एकत्र करना होता है फिर आंकड़ों के आधार पर आरक्षण का प्रतिशत तय होता है इसके बाद तीसरा चरण अपनाया जाता है जिसमें यह देखना होता है कि आरक्षण निर्धारित 50% आरक्षण की सीमा से आगे ना जाए। इस पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगता है। कुछ ऐसी ही स्थिति अभी उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव चुनाव को लेकर भी बन गई है जहां हाई कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट नहीं होने की स्थिति में ओबीसी आरक्षण लागू किए बिना ही निकाय चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं। अब देखना होगा की उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले पर अगला कदम क्या लेती है हाईकोर्ट (High Court) के इस फैसले के बाद सरकार चाहे तो सुप्रीम कोर्ट भी जा सकती है ।पर देखने वाली बात यही है कि निकाय चुनावों में जमीन पर पिछड़ी जातियों की सही स्थिति देखे बिना ही सरकारें निकाय चुनावों में आरक्षण लागू करने की हड़बड़ी में दिखाई दे रही है।
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Political News : इतिहास के साथ छेड़छाड़ देश के लिए खतरनाक : स्टालिन

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Tampering with history is dangerous for the country: Stalin
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:00 PM
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोग सोचते हैं कि क्या इतिहास का अध्ययन करने से उनके लिए आकर्षक करियर सुनिश्चित होगा, लेकिन ऐसा करना केवल डिग्री और वेतन प्राप्त करने को लेकर नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बारे में जानने के लिए इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने को मंगलवार को 'खतरा' बताया और कुछ लोगों द्वारा 'काल्पनिक कहानियों' को इतिहास के रूप में पेश करने को लेकर आगाह किया।

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स्टालिन यहां ‘इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस’ के 81वें वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सरकार के धर्मनिरपेक्ष बने रहने की जरूरत पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोग सोचते हैं कि क्या इतिहास का अध्ययन करने से उनके लिए आकर्षक करियर सुनिश्चित होगा, लेकिन ऐसा करना केवल डिग्री और वेतन प्राप्त करने को लेकर नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बारे में जानने के लिए इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। जिन लोगों ने अतीत का अध्ययन किया है, वे ही वर्तमान में इतिहास रच सकते हैं, आगे के बारे में भविष्यवाणी कर सकते हैं। ऐसा इतिहास विज्ञान आधारित तथ्य होना चाहिए। कुछ लोग काल्पनिक कहानियों को इतिहास बता रहे हैं। उन पर विश्वास कर मूर्ख नहीं बनना चाहिए और उन्हें स्वीकार भी नहीं किया जाना चाहिए।

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स्टालिन ने कहा कि आज देश पर जो खतरा है, वह इतिहास में छेड़छाड़ को लेकर है। शिक्षा, भाषा, संस्कृति, प्राधिकार, अर्थव्यवस्था और प्रशासन में संविधान की गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास ऐसा दस्तावेज नहीं होना चाहिए, जिसमें सिर्फ नरेशों, उनकी जीवन शैली और जीत की चर्चा हो। इतिहास में सभी क्षेत्रों के लोगों को भी प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए। हमारा ऐसा मानना है।
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Sports News : साइना एशियाई मिश्रित टीम चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल्स में

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Saina in selection trials for Asian Mixed Team Championship
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calendar27 Dec 2022 09:28 PM
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भारतीय बैडमिंटन संघ के सीनियर चयन समिति की 25 दिसंबर को वर्चुअल बैठक हुई जिसमें एशियाई चैंपियनशिप के लिए टीम का चयन करने के लिए ट्रायल्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को चुना गया। समिति ने विश्व रैंकिंग के आधार पर एकल खिलाड़ी लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय, पीवी सिंधु और पुरुष युगल जोड़ी सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को सीधे प्रवेश देने का फैसला किया। नई दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों में दो बार की चैंपियन साइना नेहवाल को 14 से 19 फरवरी के बीच दुबई में होने वाली एशियाई मिश्रित टीम चैंपियनशिप के लिए चयन ट्रायल्स में शामिल किया गया है।

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भारतीय बैडमिंटन संघ के सीनियर चयन समिति की 25 दिसंबर को वर्चुअल बैठक हुई जिसमें एशियाई चैंपियनशिप के लिए टीम का चयन करने के लिए ट्रायल्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को चुना गया। समिति ने विश्व रैंकिंग के आधार पर एकल खिलाड़ी लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय, पीवी सिंधु और पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी को सीधे प्रवेश देने का फैसला किया। चौदह सदस्यीय टीम के बाकी सदस्यों का चयन नई दिल्ली में दो और तीन जनवरी को होने वाले चयन ट्रायल्स से किया जाएगा।

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महिला एकल में साइना के अलावा मालविका बंसोड़ और आकर्षी कश्यप को ट्रायल के लिए बुलाया गया है, जबकि पुरुष युगल में एमआर अर्जुन-ध्रुव कपिला, कृष्ण प्रसाद गर्ग-विष्णुवर्धन गौड़ पी और ईशान भटनागर-साई पाथेक के नाम शामिल हैं।

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महिला युगल में दो स्थानों के लिए राष्ट्रमंडल खेलों की कांस्य पदक विजेता त्रीसा जॉली और गायत्री पी गोपीचंद, सिक्की रेड्डी और अश्विनी पोनप्पा, अश्विनी भट्ट और शिखा गौतम तथा हरिता मंझिल और आशना रॉय को ट्रायल्स के लिए चुना गया है। मिश्रित युगल में एक टीम का चयन किया जाएगा जिसके लिए ईशान भटनागर और तनीषा क्रैस्टो, वेंकट गौरव प्रसाद और जूही देवांगन और रोहन कपूर और सिक्की रेड्डी को ट्रायल्स में बुलाया गया है।