हिंदी दिवस 14 सितम्बर- कैसे हुई इस दिन को मनानें की शुरुआत, क्या थी इसके पीछे की वजह

Janchetna12
locationभारत
userसुप्रिया श्रीवास्तव
calendar14 Sep 2021 11:00 AM
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14 सितम्बर 2021 आज पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 सितंबर का दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य अपनी राष्ट्रभाषा की महत्वता को समझना है। 14 सितंबर के दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाने के पीछे की एक खास वजह यह भी है कि 14 सितंबर के दिन ही हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया था।

15 अगस्त 1947 में जब हमारा देश अंग्रेजों के शासन से आजाद हुआ, तो देश के सामने राष्ट्रभाषा के चुनाव को लेकर एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। जैसा कि हम सभी जानते हैं हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है। हर जाति एवं धर्म के लोग यहां रहते हैं। अलग-अलग प्रांतों की अलग-अलग भाषाएं हैं। ऐसे में सैकड़ों भाषाओं में से किसी एक भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में चुनना कठिन हो रहा था। काफी सोच विचार करने के बाद हिंदी को राष्ट्रभाषा के तौर पर स्वीकार करने का फैसला किया गया।

14 सितंबर 1949 को हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित किया गया। इसके बाद उस समय प्रधानमंत्री पद पर आसीन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यह फैसला लिया कि प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। हालांकि हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत साल 1953 में हुई। 14 सितंबर 1953 को भारत ने अपना पहला हिंदी दिवस मनाया।

कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। हिंदी को राजभाषा चुनने पर देश के कुछ हिस्सों में विद्रोह की भावना उत्पन्न हो गई। हालांकि इन दंगों का कोई फायदा नहीं हुआ। और हिंदी ही राजभाषा के रूप में जानी जाती है।

हिंदी हमारी राजभाषा है और हमें अपनी राजभाषा का सम्मान करना चाहिए। आज के दौर में लोग अंग्रेजी भाषा के पीछे भागते नजर आ रहे हैं। समय के साथ कदम मिलाना गलत नहीं है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को भूलते जाए। हिंदी दिवस का यह दिन हमें याद दिलाता है कि, हमें अपनी राजभाषा का सम्मान करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।

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Health Update: नीति आयोग की चेतावनी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:33 AM
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देश में कोरोना के मामलों में भले ही कमी आ रही हो,लेकिन इससे बचने के लिए लंबे समय तक मॉस्क पहनना जरूरी होगा। यह चेतावनी नीति आयोग के सदस्य(स्वास्थ्य) डॉ. वीके पाल ने दी है।

उन्होंने कहा कि हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं,बावजूद कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है। किसी भी तरह की लापरवाही लोगों पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए मॉस्क पहनना है,यह अवधारणा पूरी तरह से गलत है। इसे अभी अगले साल भी पूरी शिद्दत से पहनना जारी रखना होगा। उन्होंने कहाकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए अनुशासित सामाजिक व्यवहार,टीकों एवं प्रभावी दवाओं के एक अध्ययन संयोजन की आवश्यकता होगी। यही एक बेहतर विकल्प है,जिसके चलते महामारी का मुकाबला किया जा सकता है।

देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पॉल ने कहा कि खतरा बना हुआ है और अभी इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगले 3-4 माह बेहद महत्वपूर्ण होंगे। जब वैक्सीन लोगों को हर्ड इम्यूनिटी की तरफ ले जा सकती है। फिलहाल खुद को इस महामारी से बचाने के लिए सारे जरूरी उपाय जारी रखने होंगे। उन्होंने आगामी त्योहारों में लोगों को विशेष तौर पर सतर्क सहने की चेतावनी दी और कहाकि सावधानी हटी तो तो संक्रमण तेजी से बढ़ने लगेगा।

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ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

CSR Foundetion
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:39 PM
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नई दिल्ली(चेतना मंच)। ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सी. एस. आर. रिसर्च फाउंडेशन के द्वारा नई दिल्ली स्थित होटल ली-मेरीडियन में हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री सुभाष सरकार रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता एस. एम. सी. ग्रुप के सी. एम. डी. सुभाष अग्रवाल ने की और सी. एस. आर. रिसर्च फाउंडेशन के चेयरमैन एवं बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व निदेशक दीनदयाल अग्रवाल ने विषय प्रस्तुति की एवं स्वागत किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुभाष सरकार ने कहा कि जिस प्रकार आकाश गंगा में नक्षत्र होते है उसी की परिकल्पना में इस सभागार में उपस्थित लोगों को मैं देख रहा हूँ साथ ही यह कार्यक्रम तकनीकी क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा ऐसा मेरे विश्वास है। भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने अपने भाषण में ब्लॉकचेन और सरकारी योजनाए एवं लघु उद्योग में ब्लॉकचेन तकनीक की उपयोगिता पर जरूरत बताई।

सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने सी. एस. आर. रिसर्च फॉउंडेशन द्वारा महिला स्वास्थ्य सम्बन्धित किये गए कार्यों का उल्लेख किया साथ ही ब्लॉकचेन तकनीक का हेल्थकेअर सेक्टर में भूमिका का उल्लेख किया। इस अवसर पर भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री ल्योम्पो लोकनाथ शर्मा द्वारा सी. एस. आर. रिसर्च फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ब्लॉकचैन व्हाट्स इट आफर का वर्चुअल विमोचन किया एवं किताब के लेखक अजय शंकर सिंह एवं पंकज सोम चतुर्वेदी को शुभकामनाएं दी।

कार्यक्रम के दौरान, मुकेश सिंघल, बी. पी. महाबर, ऋतुपर्ण सिंह, डॉ अमित जैन, आई. सी. आई. सी. आई. बैंक से संजय कुमार, विनीत माथुर, राजेश कुमार पाठक, डॉ आलोक पांडेय, सुबोध शर्मा, दीपक खंडूरी, जॉर्ज कुरुविल्ला, अतुल गुप्ता, संजय कुमार, बीरेंद्र सिंह, डॉ प्रवेश मेहरा, एस. के. सिन्हा, शैलेश विक्रम सिंह, शमशेर बहादुर, संजय माथुर, राजू सरन, अरिहंत जैन, संदीप एस. चौहान, ललित अरोरा, सी. ए. रवि सेठी, राहुल जिंदल, विनोद गोयल, हेमन्त बघेरिया, प्रमोद माहेष्वरी, रितेश अग्रवाल, के. एम. गुप्ता, शशिकांत मिश्रा, पत्रकार अभिषेक गुप्ता, पत्रकार पुनीत गोस्वामी, पत्रकार प्रखर वार्ष्णेय, पत्रकार ब्रह्मानन्द झा, अमित कुमार चौधरी, जुलेखा आदि लोग उपस्तिथ रहे।