Up News : इस माफिया सरगना की बोलती थी तूती, अब बना भीगी बिल्ली

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भदोही ज्ञानपुर विधानसभा के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र को कल एमपी एमएलए कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में 11 साल बाद दो साल की सजा सुनाई। उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बताते चलें कि विजय मिश्र पर 2009 में अपना रिवाल्वर एवं राइफल जमा न करने के मामले में थाना गोपीगंज में एक मुकदमा उस समय के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कपिल त्रिपाठी ने दर्ज कराया था। कल आगरा जेल में निरुद्ध विजय मिश्र को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां पर न्यायिक अधिकारी साधना गिरि की अदालत में विजय मिश्र को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के वक्त उसकी पत्नी एवं पूर्व जिला पंचायत पूर्व एमएलसी राम लली मिश्रा एवं उनके कई अन्य रिश्तेदार कोर्ट के बाहर मौजूद रहे।Up News :
बताते हैं कि एक समय था, जब विजय मिश्र के सामने खाकी के लोग सलामी मारते थे। आज वही खाकी के लोग विजय मिश्र के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। सत्ता बदलते ही विजय मिश्र की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पूर्व विधायक विजय मिश्र के ऊपर पूर्व सांसद गोरख नाथ पांडे के भाई रामेश्वर पांडे की हत्या, सिपाही सूर्यमणि मिश्रा की हत्या, पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के भाई डॉक्टर धरणीधर त्रिपाठी की हत्या सहित दर्जनभर से अधिक लोगों की हत्या का आरोप एवं उसके मुकदमे न्यायालयों में विचाराधीन हैं। सजा सुनाए जाने के बाद जब विजय मिश्र कोर्ट से बाहर निकला तो उसका चेहरा लटका रहा, लेकिन उसके बावजूद उसने वहां मौजूद अपनी पत्नी राम लली मिश्रा से बातचीत की। सजा सुनाए जाने के बाद पूरे जिले में उसके विरोधियों में खुशी की लहर दौड़ गई। एक समय में विजय मिश्र की पूरे जनपद के साथ सटे हुए जिलों में भी तूती बोलती थी। ज्ञानपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक विजय मिश्र आज मुकदमों में वांछित आगरा जेल में निरुद्ध है। हाल ही में विजय मिश्र की बेटे की निशानदेही पर गोपीगंज थाना क्षेत्र के माफी स्थित पेट्रोल पंप से पुलिस ने अवैध हथियार बरामद किया था। विजय मिश्र, उसका भतीजा, पूर्व ब्लाक प्रमुख उसका पोता विकास मिश्र सहित दर्जनभर से अधिक लोग प्रदेश के अलग-अलग जेलों में बंद हैं।अगली खबर पढ़ें
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भदोही ज्ञानपुर विधानसभा के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र को कल एमपी एमएलए कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के एक मामले में 11 साल बाद दो साल की सजा सुनाई। उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बताते चलें कि विजय मिश्र पर 2009 में अपना रिवाल्वर एवं राइफल जमा न करने के मामले में थाना गोपीगंज में एक मुकदमा उस समय के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कपिल त्रिपाठी ने दर्ज कराया था। कल आगरा जेल में निरुद्ध विजय मिश्र को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां पर न्यायिक अधिकारी साधना गिरि की अदालत में विजय मिश्र को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के वक्त उसकी पत्नी एवं पूर्व जिला पंचायत पूर्व एमएलसी राम लली मिश्रा एवं उनके कई अन्य रिश्तेदार कोर्ट के बाहर मौजूद रहे।Up News :
बताते हैं कि एक समय था, जब विजय मिश्र के सामने खाकी के लोग सलामी मारते थे। आज वही खाकी के लोग विजय मिश्र के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। सत्ता बदलते ही विजय मिश्र की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पूर्व विधायक विजय मिश्र के ऊपर पूर्व सांसद गोरख नाथ पांडे के भाई रामेश्वर पांडे की हत्या, सिपाही सूर्यमणि मिश्रा की हत्या, पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के भाई डॉक्टर धरणीधर त्रिपाठी की हत्या सहित दर्जनभर से अधिक लोगों की हत्या का आरोप एवं उसके मुकदमे न्यायालयों में विचाराधीन हैं। सजा सुनाए जाने के बाद जब विजय मिश्र कोर्ट से बाहर निकला तो उसका चेहरा लटका रहा, लेकिन उसके बावजूद उसने वहां मौजूद अपनी पत्नी राम लली मिश्रा से बातचीत की। सजा सुनाए जाने के बाद पूरे जिले में उसके विरोधियों में खुशी की लहर दौड़ गई। एक समय में विजय मिश्र की पूरे जनपद के साथ सटे हुए जिलों में भी तूती बोलती थी। ज्ञानपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक विजय मिश्र आज मुकदमों में वांछित आगरा जेल में निरुद्ध है। हाल ही में विजय मिश्र की बेटे की निशानदेही पर गोपीगंज थाना क्षेत्र के माफी स्थित पेट्रोल पंप से पुलिस ने अवैध हथियार बरामद किया था। विजय मिश्र, उसका भतीजा, पूर्व ब्लाक प्रमुख उसका पोता विकास मिश्र सहित दर्जनभर से अधिक लोग प्रदेश के अलग-अलग जेलों में बंद हैं।संबंधित खबरें
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डॉ. सुमित्रा अग्रवाल[/caption]
डॉ. सुमित्रा अग्रवाल
इंटरनेशनल वास्तु अकादमी
कोलकाता
Congress President Election : हर व्यक्ति महत्वकांक्षी होता है और जीवन में भौतिक उब्लब्धियों को पाना चाहता है। सत्ता और पद की लड़ाई युगों युगों से चली आ रही है। कोई विजयी होता है और कोई एक दो नम्बरों से पीछे रह जाता है। जय माला से लेकर सारे सुख सुविधाएं, सुर्खियों में नाम, इतिहास में अमर विजय हो जाते हैं, मात्र एक अंक से दो नंबर पर रहने वाले को देश और दुनिया भुला देता है। अब भला अव्वल आने में जब फायदा ही फायदा है तो इस दौड़ में भला कोई क्यों न भागे।