केंद्र की सत्ता में खत्म हुआ RLD का वनवास, जयंत चौधरी पूरी करेंगे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आकांक्षा !

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Uttarpradesh News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:37 AM
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Uttarpradesh News : लोकसभा चुनाव 2024 में NDA की जीत के बाद, नरेंद्र मोदी ने रविवार 9 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान ने भी शपथ ली। इसके साथ ही छह राज्यमंत्रियों की नियुक्ति की गई, जिनमें राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के मुखिया जयंत चौधरी भी शामिल हैं। इस महत्वपूर्ण मौके पर राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के नेता और देश के प्रमुख फिल्म स्टार भी मौजूद रहे। बता दें उत्तर प्रदेश  के बागपत से जीते जयंत चौधरी के दादा और पिता भी केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

जयंत का 1978 में जन्म

राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी का जन्म 27 दिसंबर 1978 को पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह और राधिका सिंह के घर हुआ था। जयंत ने बीकॉम (ऑनर्स) और एमएससी (एकाउंटिंग एंड फाइनेंस) की उपाधि प्राप्त की है। उन्होंने श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अपनी शिक्षा पूरी की। जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य थे। इससे पहले, 2009 से 2014 तक, वे मथुरा से 15वीं लोकसभा के सदस्य रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावी जाट समुदाय से आने वाले जयंत चौधरी किसानों और पिछड़ों के प्रमुख नेता के रूप में जाने जाते हैं। 2021 में चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद जयंत को राष्ट्रीय लोकदल का अध्यक्ष बनाया गया था।

2022 के विधान सभा चुनाव में सपा से गठबंधन

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद, जुलाई 2022 में जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन के तहत राज्यसभा सांसद बने। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में रालोद ने भाजपा से गठबंधन कर लिया, जिससे उत्तर प्रदेश की बागपत और बिजनौर लोकसभा सीटें रालोद के खाते में आ गईं। जयंत चौधरी ने बागपत से डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा, और दोनों ही सीटों पर रालोद के सांसद चुने गए।

दादा चौधरी चरण सिंह का राजनीतिक सफर

जयंत चौधरी के दादा, स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह, 1977 में लोकसभा चुनाव जीत कर पहली बार संसद पहुंचे थे। चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्र सरकार में गृहमंत्री बनाया गया। 1979 में उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री बनाया गया। इसके बाद वे देश के प्रधानमंत्री बने। हालांकि, वे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री नहीं रहे, लेकिन देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचकर उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत का भी नाम रोशन किया।

पिता अजीत सिंह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां

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दादा चौधरी चरण सिंह के बाद, जयंत के पिता अजीत सिंह ने भारतीय राजनीति में विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे वीपी सिंह की सरकार में 5 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक वाणिज्य और लेख उद्योग मंत्री रहे। पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में 1995 से मई 1996 तक केंद्रीय खाद्य प्रसंस्कृत उद्योग मंत्री रहे। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 22 जुलाई 2001 से 24 मई 2003 तक केंद्रीय कृषि मंत्री रहे और फिर मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार में 18 दिसंबर 2011 से 26 मई 2014 तक नागरिक उड्डयन मंत्री रहे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जयंत चौधरी का यह राजनीतिक सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों का प्रतीक है, बल्कि उनके परिवार की राजनीतिक विरासत को भी आगे बढ़ाता है।

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लखनऊ में दो मंजिला मकान में लगी भीषण आग, एक ही परिवार के 11 लोग झुलसे

Noida
Lucknow News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:21 PM
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Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पारा इलाके में रविवार शाम को एक दो मंजिला मकान में भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। आग घर के बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी, जिसके कारण परिवार के 11 लोग झुलस गए। घर से बाहर आग की लपटें निकल रही थीं और चारों ओर चीख-पुकार मच गई थी। स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी और मौके पर पहुंची फायर टीम ने आग पर काबू पाया।

दो घंटे बाद आग पर पाया काबू

घटना शाम 7.30 बजे की है। घर के अंदर फंसे हुए सदस्यों को बचाव दल ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। इसके अलावा, पालतू कुत्ता और पक्षियों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया। आग की गंभीरता को देखते हुए एक फायर टेंडर आलमबाग से बुलाया गया। फायर ब्रिगेड ने करीब 2 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग को पूरी तरह से बुझा दिया।

लपटें देख उड़ गए होश

Lucknow News

दरअसल, लखनऊ के देवपुरा पारा में प्रकाश सोनी (48), पुत्र स्वर्गीय सत्यनारायण, अपने परिवार के साथ रहते हैं। जब आग लगी तब परिवार के लोग ऊपर के फ्लोर पर थे, इसलिए उन्हें तुरंत आग का पता नहीं चला। कुछ ही देर में आग बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर फैल गई। आग की लपटें देखते ही घर में चीख-पुकार मच गई और लोग जान बचाने के लिए चिल्लाने लगे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया।

कैरोसिन से आग लगने की संभावना

फिलहाल लखनऊ फायर टीम को आग की स्पष्ट वजह का पता नहीं चल सका है, लेकिन बताया गया कि घर के बेसमेंट में 200 लीटर कैरोसिन रखा हुआ था, जिसके कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। झुलसे हुए लोगों में से दो को लखनऊ के सिविल अस्पताल में रेफर किया गया है, जबकि बाकी 9 लोगों का इलाज लखनऊ के रानी लक्ष्मी बाई अस्पताल में चल रहा है।Lucknow News

उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

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उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी

Court
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:33 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले की पूरे प्रदेश में खूब तारीफ हो रही है। उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में कार्यरत सरकारी कर्मचारी अपने घर के पास गृह जनपद में नौकरी कर सकते हैं।

क्या है हाईकोर्ट का फैसला

प्रयागराज में स्थित उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने सरकारी कर्मचारी की एक याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की डबल बैंच ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कर्मचारी के रिटायरमेंट के दो वर्ष पूर्व उसे गृह जनपद में नियुक्ति देने का नियम अधिकारियों पर बाध्यकारी है। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत यानि कि हाईकोर्ट ने कहा तबादला नीति का शासनादेश जारी है तो कर्मचारी को उसका लाभ मिलने की उम्मीद होती है। यह आदेश उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में तृतीय श्रेणी कर्मचारी मुरादाबाद के निवासी जितेन्द्र सिंह की विशेष अपील पर दिया है। याची खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 1995 मे नियुक्त हुआ। वह फरवरी 25 में रिटायर होने वाला है।

UP News

सात जून 23 की तबादला नीति के आधार पर उसने गृह जनपद में तबादले की मांग की। शासनादेश के अनुसार सेवानिवृत्ति के दो वर्ष की अवधि में कर्मचारी अपने गृह जनपद में तबादला करा सकता है। कमिश्नर खाद्य एवं आपूर्ति मुरादाबाद मंडल ने याची की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी कि वह 16 फरवरी 1995 से 17 सितंबर 12 तक मुरादाबाद मंडल गृह जनपद में तैनात रहा है। कमिश्नर के आदेश के खिलाफ याचिका एकलपीठ ने तबादला नीति बाध्यकारी न मानते हुए खारिज कर दी जिसे विशेष अपील में चुनौती दी गई थी। विशेष अदालत के बाद यह फैसला आया है। हाईकोर्ट के इस फैसले का फायदा उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। सरकारी कर्मचारियों ने फैसले का स्वागत किया है। UP News

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