Taj mahal: ताजमहल के 500 मीटर दायरे से नहीं हटेंगी दुकानें, SC ने दी राहत

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:33 AM
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Supreme Court के आदेश के मुताबिक, ताजमहल की दीवार से 500 मीटर के दायरे में सभी व्यापारिक गतिविधियां बंद करने के मामले में व्यापारियों को राहत दे दी है। आगरा में ऐतिहासिक ताजमहल के आस पास के क्षेत्र ताज ट्रिपोजियम जोन के भीतर स्थित 500 दुकानों को हटाने के आगरा विकास प्राधिकरण के फरहान पर रोक बरक़रार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल ने यूपी सरकार से कहा कि अगर आप उनका पुनर्वास नहीं कर सकते तो क्यों ना वहीँ रहने दिया जाए। यूपी सरकार ने कहा कि इस मामले में अभी पुनर्वास पर कमेटी द्वारा विचार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने NIRI को तीन महीने में रिपोर्ट देने को कहा है। फ़िलहाल ताज ट्रिपोजियम जोन के दायरे स्थित 500 दुकानों को अभी हटाया नहीं जायेगा।
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GHAZIABAD KHAS: बनी पुलिस कमिश्नरी, बढ़ी मुसीबत

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GHAZIABAD NEWS
locationभारत
userचेतना मंच
calendar17 Jan 2023 07:34 PM
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GHAZIABAD KHAS:  गाजियाबाद। जिले में पुलिस कमिश्नरी बनने का फायदा लोगों को मिलेगा ऐसा सोचना सरकार का है। फिलहाल, जो देखा जा रहा है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद आम लोगों क्या खास लोगों तक की भी मुसीबतें बढ़ गयी है। एक—एक काम के लिए लोगों को कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं। दूसरी ओर, यह कहने में कोई कोताही नहीं है कि उत्तर प्रदेश के सात जिलों में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लिटमस टेस्ट तो नहीं है।

GHAZIABAD KHAS

आपको किसी उत्सव, महोत्सव, रैली, सभा करने के लिए परमिशन लेनी है तो इसके लिए आपको कई चक्कर लगाने पड़ेंगे। कुछ लोग इस चक्कर—दर—चक्कर को झेल रहे है। मसलन, पहले जिलाधिकारी के यहां आवेदन करने पर उसी दिन अथवा अधिकतम दूसरे दिन यह अनुमति मिल जाती थी। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। एक परमिशन के लिए कई—कई दिन लग जाते हैं और इसके लिए कई—कई चक्रमण करना पड़ता है। बात करें क्राइम कंट्रोल की, तो उसका रेसियो घटने की बजाय बढ़ा ही है। पुलिस कमिश्नरी बनने का हौव्वा कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। पुलिस कमिश्नरी बनने का भय बदमाशों में तो बिल्कुल ही नहीं है। अगर यह कहें कि उनका हौसला बढ़ा है तो कोई गलत नहीं है। पुलिस कमिश्नरी बनने के बाद लोगों को लगता था कि क्राइम पर लगाम लगेगी लेकिन, सब पानी का बुलबुला साबित हो रहा है। बता दें, गाजियाबाद, गौतमबुद्वनगर समेत लखनऊ, कानपुर, वाराणसी में भी पुलिस कमिश्नरी सिस्टम परवान नहीं चढ़ पा रहा है। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरी बनने से पहले पूरे जिले में 5000 पुलिस कर्मी थे। बाद में कमिश्नरेट बनने पर 1500 पुलिस कर्मी और बढ़ गए। बात यहीं पर खत्म नहीं होती। पुलिस विभाग के कारखासों के मुताबिक, पुुलिस कर्मियों की संख्या अभी 2000 और बढ़नी है। सबसे खासमखास तो यह है कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रह चुके एक अधिकारी ने तो दो लाइनों में सपाट कहा, कमिश्नर प्रणाली लागू करना बड़ी बात नहीं, इसका सफल होना बड़ी बात है। यानि उनका यह संदेह साफ शीशे की तरह दिखने लगा है। कहा, कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरी बनने पर पुलिस की जवाबदेही बढ़ जाती है। असलियत में देखा जाए तो गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम सफलता की परवान नहीं चढ़ पा रहा है। अभी आगे देखिए होता है क्या।  
जिलाधिकारी से छिने ये अधिकार कमिश्नर प्रणाली के बाद अब पुलिस को मिले ये अधिकार
धारा 144 व कर्फ्यू कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अब पुलिस खुद धारा 144 व कर्फ्यू लगा सकती है।
धारा 151 (शांतिभंग) शांति भंग के आशंका के तहत किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर 14 दिनों के लिए जेल भेज सकती है पुलिस।
107/16 निरोधात्मक कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिला
गुंडा एक्ट व गैंगस्टर एक्ट, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम पुलिस इन मामलों में अब सीधे कार्रवाई कर सकेगी।
कारागार कारागार से जुड़े निर्णय लेने का अधिकार मिला।
गिरोहबंद अपराध और समाज विरोधी अधिकार पर कार्रवाई पुलिस इन मामलों में अब सीधे फैसले लेगी।
एनएसए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने का अधिकार मिला। इसके अलावा 15 अन्य अधिनियम के तहत कार्रवाई का अधिकार भी पुलिस को मिल गए हैं।
धरना प्रदर्शन धरना प्रदर्शन की अनुमति देने न देने का अधिकार मिला।
सरकारी गोपनीयता सरकारी गोपनीयता भंग करने वालों पर कार्रवाई पुलिस ऐसे मामलों पर सीधे कार्रवाई करेगी।
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Big News : नोएडा की सबसे बड़ी खबर : नोएडा में 33 लाख हो गई एक मीटर जमीन की कीमत

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The price of one meter land in Noida has become 33 lakhs
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userचेतना मंच
calendar17 Jan 2023 06:16 PM
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Big News : नोएडा। योगी सरकार (Yogi Government) द्वारा विकास के लिए चलाये जा रहे भगीरथ प्रयासों का ही फलसफा है कि नोएडा में जमीनों की कीमतें अब आसमान छू रही हैं। इसका ताजा उदाहरण कल हुए औद्येागिक भूखंडों की ई-नीलामी  (E-Auction) में देखने को मिला। सेक्टर-164 में एक हजार वर्ग मीटर के एक भूखंड की बोली करीब 32.6 करोड़ रूपये लगायी गई। यानी तकरीबन 32.6 लाख रू0 प्रति वर्ग मीटर।

International News : सिख होने के कारण कुछ रिपब्लिकन मुझे निशाना बना रहे : हरमीत ढिल्लों

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जी हां ! चौंकिए नहीं। ई-नीलामी (E-Auction) के दौरान एक बोलीदाता ने 1000 वर्ग मीटर भूखंड की बोली 32 करोड़, 63 लाख 66 हजार 603 रूपये लगाई। वहीं बाकी अन्य 7 भूखंडों की कुल बोली भी आरक्षित कीमत से कई गुना अधिक लगाई गई। आठों भूखंडों के लिए कुल 63.6 करोड रूपये की बोली लगाई गई। जबकि आठों भूखंडों का आरक्षित मूल्य 34.6 करोड़ रूपये रखा गया था। यानी इस ई-नीलामी में नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) को आरक्षित मूल्य के मुकाबले 83 फीसदी अधिक की कीमत मिली। प्राधिकरण को इस ई-नीलामी में आरक्षित मूल्य के सापेक्ष 29 करोड रूपये का अतिरिक्त राजस्व मिला।

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ओएसडी अविनाश त्रिपाठी (OSD Avinash Tripathi) के मुताबिक प्राधिकरण (Authority) द्वारा औद्योगिक भूखंडों की योजना नोएडा/आई.पी./ई-ऑक्सन/2022-23/02 के लिए 18 भूखंडों में से 8 भूखंडों की कल ई-नीलामी (E-Auction) की गई। जिसमें 174 सफल आवेदकों ने बोली लगाई थी। बता दें कि हाल ही में सेक्टर-18 में 7.6 वर्ग मीटर के खोखे (क्योस्क) के लिए 3.25 लाख रूपये की प्रतिमाह मासिक किराये की बोली लगाई गई थी।

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