Agra: आगरा। आखिर, मौत जीत गई। 10 साल की मासूम गंुजन ने 40 घंटे तक मौत से लड़ती रही, लेकिन अंत में वह जिंदगी की जंग हार गई। सोमवार की सुबह उसे 12 कुत्तों ने नोच डाला था। उसके शरीर पर 26 घाव थे। 6 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद उसके शरीर पर 40 टांके लगाए गए, लेकिन मंगलवार की रात उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि उनके सामने इस तरह का केस पहली बार आया है, जब आवारा कुत्तों ने किसी बच्चे को इतनी बेरहमी से काटा हो। बच्ची की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, लेकिन चिकित्सकों के समझाने पर देर रात वह शव घर ले गए।
आगरा के दहतोरा गांव निवासी धर्म सिंह की पत्नी बेटी को जन्म देने के कुछ महीने बाद बीमारी से मर गई थीं। इसके बाद मासूम गुंजन को उसकी दादी संभालती थी। ताऊ रामबाबू और चाचा करन सभी उससे बहुत प्यार करते थे। मासूम गुंजन पैदा होते ही बोलने में अक्षम थी। सोमवार सुबह साढ़े पांच बजे वो घर के बाहर खेलने निकली थी। तभी लगभग एक दर्जन आवारा कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया और शरीर को जगह-जगह नोचना शुरू कर दिया। कुत्तों के भौंकने की तेज आवाजों पर आसपास के लोगों का ध्यान गया। लोगों ने देखा गुंजन के शरीर को कुत्ते बुरी तरीके से नोच रहे हैं। मौजूद लोग गुंजन को बचाने के लिए उस तरफ दौड़े। लोगों ने जैसे-तैसे बच्ची को कुत्तों के चंगुल से निकाला और आनन-फानन में खून से लथपथ गुंजन को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। गुंजन की हालत देखकर जिला अस्पताल के डॉक्टर भी दहल गए। मासूम के शरीर पर कुत्तों के नोच खाने के दर्जनों घाव मौजूद थे।
डॉक्टरों ने गुंजन को तुरंत जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड के ऑपरेशन थिएटर में भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया। उसके शरीर पर 40 से ज्यादा टांके लगाए गए। उसके इलाज के लिए 8 डॉक्टरों की टीम लगाई गई। 6 घंटे तक उसका ऑपरेशन चला। इस बीच बोलने में अक्षम गुंजन अपने दर्द को बता भी नहीं पा रही थी। पल-पल कराह रही थी। मंगलवार करी दोपहर तक उसकी हालत स्थिर थी। मगर, रात में 8 बजे के आसपास उसका हीमोग्लोबिन कम होने पर डॉक्टरों ने उसे ड्रिप लगाई। इसके बाद एंटीबायोटिक का इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन के लगने के कुछ देर बाद ही उसे सेप्टिक शॉक हुआ और वो इस झटके को नहीं झेल पाई। आखिर, रात करीब सवा 9 बजे उसने दम तोड़ दिया। बुधवार की सुबह 6 बजे पूरे गांव ने इकट्ठा होकर नम आंखों से खेत में मासूम का शव दफन कर दिया।