GHAZIABAD KHAS KHABAR: अब निजी व सरकारी अस्पतालों को पोर्टल पर देनी होगी गंभीर बीमारी की जानकारी

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शासन स्तर से यूनिफाइड डिजिज सर्विलांस प्रोग्राम (यूडीएसपी) संचालित किया जा रहा है। इस पोर्टल पर जिले में मिलने वाले सभी गंभीर बीमारियों के मरीजों का डेटा अपलोड किया जाता है। अब तक स्वास्थ्य विभाग निजी और सरकारी अस्पतालों से डेटा लेकर पोर्टल पर अपलोड करता था। अब अस्पतालों को भी सीधे यूडीएसपी पोर्टल पर प्रतिदिन गंभीर बीमारियों के मरीजों की जानकारी अपडेट करनी होगी। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि पोर्टल पर डेंगू, मलेरिया, कोरोना समेत अन्य गंभीर और यूनीफाइड बीमारियों के मरीजों की जानकारी अपलोड करनी होगी। जिससे विभाग के साथ शासन को भी जिले में फैल रही किसी भी गंभीर बीमारी के बारे में जानकारी रहे और उसकी रोकथाम के संबंध में समय से कार्रवाई की जा सके। कई बार कुछ अस्पताल डेटा देने में लापरवाही भी बरतते हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों से डेटा लेकर पोर्टल पर अपडेट नहीं करेगा। अब निजी अस्पतालों को ही सीधे यूडीएसपी पोर्टल पर डेटा अपलोड करना होगा। इसकी निगरानी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी। पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने के संबंध में निजी अस्पताल के स्टाफ को प्रशिक्षण देना शुरू हो गया है। इसमें एक निजी अस्पताल से एक डॉक्टर, एक लैब टेक्नीशियन व एक डेटा ऑपरेटर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक 25 से ज्यादा अस्पतालों के स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।GHAZIABAD HELTH NEWS: गाजियाबाद समेत मेरठ मंडल में नहीं है निमोनिया की वैक्सीन
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शासन स्तर से यूनिफाइड डिजिज सर्विलांस प्रोग्राम (यूडीएसपी) संचालित किया जा रहा है। इस पोर्टल पर जिले में मिलने वाले सभी गंभीर बीमारियों के मरीजों का डेटा अपलोड किया जाता है। अब तक स्वास्थ्य विभाग निजी और सरकारी अस्पतालों से डेटा लेकर पोर्टल पर अपलोड करता था। अब अस्पतालों को भी सीधे यूडीएसपी पोर्टल पर प्रतिदिन गंभीर बीमारियों के मरीजों की जानकारी अपडेट करनी होगी। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि पोर्टल पर डेंगू, मलेरिया, कोरोना समेत अन्य गंभीर और यूनीफाइड बीमारियों के मरीजों की जानकारी अपलोड करनी होगी। जिससे विभाग के साथ शासन को भी जिले में फैल रही किसी भी गंभीर बीमारी के बारे में जानकारी रहे और उसकी रोकथाम के संबंध में समय से कार्रवाई की जा सके। कई बार कुछ अस्पताल डेटा देने में लापरवाही भी बरतते हैं, लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों से डेटा लेकर पोर्टल पर अपडेट नहीं करेगा। अब निजी अस्पतालों को ही सीधे यूडीएसपी पोर्टल पर डेटा अपलोड करना होगा। इसकी निगरानी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी। पोर्टल पर जानकारी अपडेट करने के संबंध में निजी अस्पताल के स्टाफ को प्रशिक्षण देना शुरू हो गया है। इसमें एक निजी अस्पताल से एक डॉक्टर, एक लैब टेक्नीशियन व एक डेटा ऑपरेटर को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक 25 से ज्यादा अस्पतालों के स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।GHAZIABAD HELTH NEWS: गाजियाबाद समेत मेरठ मंडल में नहीं है निमोनिया की वैक्सीन
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UP BOARD EXAM[/caption]
उल्लेखनीय है कि इस बार परीक्षा को लेकर योगी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें नकल करने वालों पर एनएसए की कार्रवाई से लेकर केंद्र व्यवस्थापकों के खिलाफ एफआईआर तक की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। हाई स्कूल की परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 3 मार्च तक यानी कुल 12 दिन चलेंगी। वहीं, इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 16 फरवरी से 4 मार्च तक यानी 14 दिन तक चलेंगी। बीते वर्ष इंटरमीडिए की परीक्षा से इस बार परीक्षा की अवधि एक दिन कम होगी।
सभी 75 जिलों में भी कंट्रोल रूम:
यूपी बोर्ड परीक्षा की मॉनीटरिंग के लिए लखनऊ में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। पहला कंट्रोल रूम माध्यमिक शिक्षा विभाग में शिविर कार्यालय के रूप में काम कर रहा है। वहीं दूसरा कंट्रोल रूम विद्या समीक्षा केंद्र में स्थापित किया गया है। यहां भी नोडल अधिकारियों को मंडलवार जिम्मेदारी दी गई है। उदाहरण के तौर पर वाराणसी मंडल की जिम्मेदारी देख रहा अधिकारी उस मंडल के प्रत्येक जनपद के प्रत्येक परीक्षा केंद्र की व्यवस्था को ही ऑनलाइन मॉनीटर कर रहा है। किसी भी तरह की अव्यवस्था पर सीधे लखनऊ से प्रिंसिपल या व्यवस्थापक को लखनऊ से कॉल की जा रही है और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जा रहे हैं। प्रदेश स्तर के अलावा मॉनीटरिंग की कई और लेयर भी हैं। सभी 75 जनपदों में भी कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जो डायरेक्ट अपने जनपद के परीक्षा केंद्रों पर ऑनलाइन नजर रखे हुए है।
हर जनपद में गया है एक पर्यवेक्षक:
परीक्षाओं के संपादन एवं अनुश्रवण के लिए प्रदेश से सभी 75 जिलों में एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है जो पूरी परीक्षा की समीक्षा करेगा और शासन को रिपोर्ट देगा। इसके अलावा केंद्र की व्यवस्था में 26 हजार से ज्यादा लोगों को लगाया गया है। इनमें प्रत्येक केंद्र में केंद्र व्यवस्थापक के अलावा वाह्य केंद्र व्यवस्थापक एवं स्टेटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है। यही नहीं 1390 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 455 जोनल मजिस्ट्रेट, 521 सचल दल भी तैनात किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 16 जनपद ऐसे हैं जिन्हें अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इनमें बलिया, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, चंदौली, जौनपुर, देवरिया, गोंडा, मथुरा, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, बागपत, हरदोई, प्रयागराज और कौशांबी शामिल हैं। वहीं प्रदेश में कुल 936 संवेदनशील तथा 242 अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र चिन्हित किए गए हैं।
नकल रोकने के लिए की गई है ये व्यवस्था:
बोर्ड परीक्षाओं के सुचारू संचालन एवं नकलविहीन परीक्षा संपादित कराने के लिए कई अहम कार्य किए जा रहे हैं। इनमें कुछ प्रमुख इस तरह हैं...
-2018 में ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की लागू की गई व्यवस्था से सॉफ्टवेयर द्वारा परीक्षा केंद्र बनाने पर परीक्षा केंद्रों की संख्या में लगभग 25 प्रतिशत की कमी आई है।
-बीते वर्षों में इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 25 कार्य दिवसों में संपादित होती रही हैं, लेकिन इस बार परीक्षाएं 16 फरवरी से शुरू होकर 4 मार्च तक यानी कुल 14 कार्य दिवसों में संपन्न कराई जाएंगी।
-सभी परीक्षा केंद्रों के लगभग 1.43 लाख परीक्षा कक्षों और परिसर में लगभग 3 लाख वॉयस रिकॉर्डरयुक्त सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर राउटर डिवाइस और हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था की गई है।
-सभी 75 जनपदों में एवं राज्य स्तर पर कंट्रोल एवं मॉनीटरिंग सेंटर के माध्यम से सभी 8753 परीक्षा केंद्रों की वेब कास्टिंग द्वारा लाइव मॉनीटरिंग कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
-सभी संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए एसटीएफ एवं एलआईयू को सक्रिय किया गया है।
इस बार ये होगा नया:
-परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत पहली बार प्रधानाचार्य कक्ष से अलग सुरक्षित कक्ष में डबल लॉक अलमारी में प्रश्नपत्रों के रख-रखाव हेतु स्ट्रांग रूम स्थापित किया गया है।
-स्ट्रांग रूम के मुख्य प्रवेश द्वार को छोड़कर अन्य सभी द्वार एवं खिड़कियों को सील कराया गया है।
-प्रश्नपत्रों के लिफाफों के रखरखाव, व्यवहरण एवं उन्हें खोले जाने के लिए केंद्र व्यवस्थापक, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक तथा स्टैटिक मजिस्ट्रेट को संयुक्त रूप से उत्तरदायी बनाया गया है।
-पहली बार चार लेयर में टैम्पर्ड प्रूफ लिफाफों में पैकेजिंग की गई है।
-इस वर्ष पहली बार प्रदेश के सभी जनपदों में सिलाईयुक्त उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था की गई है।
-चार रंगों में मुद्रित उत्तर पुस्तिकाओं पर क्यूआर कोड एवं बोर्ड के लोगो का मुद्रण किया गया है।
-हाईस्कूल में पहली बार 20 अंकों की बहुविकल्पीय प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट पर कराई जा रही है।
170 बंदी भी देंगे परीक्षा:
यूपी बोर्ड की परीक्षा में इस बार 170 जेल में बंद बंदी भी शामिल होंगे। परीक्षा के लिए विभिन्न जिलों में केंद्र बनाया गया है। हाईस्कूल में 79 व इंटर में 91 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। पिछली बार हाई स्कूल में 116 व इंटर में 116 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इस बार सबसे ज्यादा 49 बंदी परीक्षार्थी जिला कारागार गाजियाबाद से हैं। इनमें हाईस्कूल के 23 और इंटरमीडिएट के 26 परीक्षार्थी शामिल हैं। वहीं सबसे कम एक परीक्षार्थी जिला कारागार गोरखपुर से है, जो इंटरमीडिएट का है।
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कुल परीक्षा केंद्रः 8753
राजकीय विद्यालयः 540
अशासकीय सहायता प्राप्तः 3523
स्ववित्त पोषितः 4690
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पंजीकृत परीक्षार्थी
कुल छात्रः 5885745
बालकः 3246780
बालिकाएंः 2638965
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हाईस्कूल में परीक्षार्थी
कुल छात्रः 3116487
बालकः 1698346
बालिकाएंः 1418141
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इंटरमीडिएट में परीक्षार्थी
कुल छात्रः 2769258
बालकः 1548434
बालिकाएंः 1220824
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पंजीकृत परीक्षार्थी
कुल छात्रः 5885745
संस्थागतः 5692939
व्यक्तिगतः 192806
हाईस्कूल कुल छात्रः 3116487
संस्थागतः 3106185
व्यक्तिगतः 10302
इंटरमीडियट कुल छात्रः 2769258
संस्थागतः 2586754
व्यक्तिगतः 182504